अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@Mahsar_khan)

थाईलैंड-कंबोडिया तनाव पर अमेरिका का हस्तक्षेप,ट्रंप ने बताया युद्धविराम पर बनी सहमति

नई दिल्ली,28 जुलाई (युआईटीवी)- थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी सीमा संघर्ष के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से फोन पर बातचीत कर शांति की दिशा में एक कूटनीतिक पहल की है। ट्रंप ने दावा किया है कि थाईलैंड और कंबोडिया युद्धविराम के लिए सहमत हो गए हैं और अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता फिर से शुरू करना चाहते हैं। ट्रंप की यह पहल ऐसे समय पर सामने आई है,जब दोनों देशों के बीच गोलीबारी और सीमा विवाद के चलते हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं और तनाव की स्थिति बनी हुई है।

डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी बातचीत की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर साझा की। उन्होंने बताया कि उन्होंने सबसे पहले थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री से फोन पर चर्चा की। इस बातचीत को ट्रंप ने ‘बहुत अच्छी और सकारात्मक’ बताया। उन्होंने लिखा कि थाईलैंड युद्धविराम और शांति चाहता है और यह संदेश वह अब कंबोडिया के प्रधानमंत्री तक पहुँचाएँगे।

इसके बाद ट्रंप ने कंबोडिया के प्रधानमंत्री से भी बात की और बताया कि उनकी बातचीत भी सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने न केवल तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है,बल्कि अमेरिका के साथ व्यापारिक बातचीत की बहाली की भी इच्छा जाहिर की है। ट्रंप के अनुसार,यह शर्त रखी गई कि व्यापारिक वार्ता तभी सार्थक हो सकती है,जब दोनों पक्ष पहले युद्ध को समाप्त करें और स्थायी शांति की दिशा में काम करें।

ट्रंप ने अपने बयान में लिखा, “अभी-अभी कंबोडिया के प्रधानमंत्री से मेरी अच्छी बातचीत हुई और मैंने उन्हें थाईलैंड और उसके कार्यवाहक प्रधानमंत्री के साथ हुई अपनी बातचीत की जानकारी दी। दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और शांति चाहते हैं। वे संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ‘व्यापारिक वार्ता’ पर भी वापस आना चाहते हैं,जो हमें लगता है कि तब तक अनुचित है,जब तक लड़ाई बंद नहीं हो जाती। वे तुरंत मिलने और युद्धविराम और अंततः शांति स्थापित करने पर सहमत हुए हैं।”

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय पर आया है,जब थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर संघर्ष लगातार चौथे दिन जारी था। इस दौरान 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और एक लाख से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर संघर्ष शुरू करने और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं।

ट्रंप ने अपने संदेश में दोनों देशों की ऐतिहासिक विरासत और सांस्कृतिक गौरव की भी सराहना की। उन्होंने लिखा, “दोनों देशों के साथ व्यापार करना सम्मान की बात रही है। उनकी एक लंबी और गौरवशाली इतिहास और संस्कृति है। उम्मीद है कि वे आने वाले कई वर्षों तक साथ मिलकर काम करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि जब संघर्ष समाप्त होगा और शांति स्थापित हो जाएगी,तब अमेरिका इन देशों के साथ व्यापारिक समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए तैयार रहेगा।

अमेरिका द्वारा इस कूटनीतिक हस्तक्षेप को क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। हालाँकि,अब तक थाईलैंड और कंबोडिया की ओर से युद्धविराम को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। फिर भी, ट्रंप द्वारा साझा की गई जानकारी से संकेत मिलते हैं कि दोनों देश वार्ता और शांति की दिशा में आगे बढ़ने को तैयार हैं।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पहले से ही इस संघर्ष पर नजर बनाए हुए है। संयुक्त राष्ट्र और आसियान देशों ने भी दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान निकालने की अपील की थी। ऐसे में अमेरिका का यह हस्तक्षेप दोनों देशों को एक साझा मंच पर लाने में सहायक हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान एक बार फिर उनकी विदेश नीति की शैली को उजागर करता है,जिसमें वे सीधे हस्तक्षेप और संवाद को प्राथमिकता देते हैं। हालाँकि,यह देखना अभी बाकी है कि थाईलैंड और कंबोडिया उनकी मध्यस्थता को कितनी गंभीरता से लेते हैं और व्यावहारिक रूप से युद्धविराम की दिशा में कितनी तेजी से कदम उठाते हैं,लेकिन ट्रंप की इस पहल ने कम-से-कम उम्मीद की एक नई किरण जरूर जगा दी है कि कूटनीति और संवाद के ज़रिए एशिया के इस संवेदनशील क्षेत्र में शांति बहाल की जा सकती है।