नई दिल्ली,31 जुलाई (युआईटीवी)- यूक्रेन और रूस के बीच शांति बहाली की कोशिशों को बड़ा झटका उस समय लगा,जब बीते हफ्ते चली कूटनीतिक बैठकों के बेनतीजा रहने के बाद रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर जोरदार हमला कर दिया। यह हमला 30 जुलाई की देर रात ड्रोन के जरिए किया गया,जिसमें राजधानी के सोलोमिंस्की जिले को सबसे अधिक नुकसान पहुँचा। हमले के बाद कई जगहों पर मलबा बिखर गया,इमारतों में आग लग गई और कई वाहन जलकर खाक हो गए। कीव के सैन्य प्रशासन ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा है कि छह लोग घायल हुए हैं और कुछ की हालत गंभीर है।
कीव शहर के सैन्य प्रशासन प्रमुख तैमूर तकाचेंको ने टेलीग्राम के माध्यम से जानकारी दी कि सोलोमिंस्की जिले में पाँच जगहों पर बड़े पैमाने पर हमले हुए हैं। इनमें एक शैक्षणिक संस्थान में आग लग गई है,कई कारें जल चुकी हैं और एक आवासीय इमारत की नौवीं मंजिल पर मलबा गिरने से अफरातफरी मच गई। उन्होंने कहा कि दुश्मन लगातार हमले कर रहा है और यह कीव को डराने और कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक कीव के आसपास के इलाकों में भी रूस ने कम-से-कम दस जगहों पर हमले किए हैं। इन हमलों में कई घरों को नुकसान पहुँचा है,स्कूलों में आग लग गई है और सड़क पर खड़ी गाड़ियों को निशाना बनाया गया। स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग पूरी रात राहत और बचाव कार्य में जुटे रहे। सायरनों की आवाजें लगातार गूँजती रहीं और नागरिकों को बंकरों में शरण लेने की सलाह दी गई।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है,जब बीते सप्ताह रूस और यूक्रेन के बीच संघर्षविराम और शांति प्रक्रिया को लेकर कई बैठकें हुई थीं,लेकिन कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लचीलेपन की कमी का आरोप लगाया और बातचीत ठप हो गई। इसके तुरंत बाद रूस ने यह सैन्य कार्रवाई कर दी,जिसे विश्लेषक स्पष्ट रूप से शांति प्रक्रिया को तोड़ने वाला कदम मान रहे हैं।
इससे पहले मंगलवार को रूस ने उत्तर यूक्रेन के चेर्निहीव शहर में स्थित एक सैन्य प्रशिक्षण केंद्र पर मिसाइल हमला किया था। यूक्रेनी सेना ने बताया कि इस हमले में उनके तीन जवान मारे गए और 18 अन्य घायल हो गए। वहीं रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि इस हमले में यूक्रेन के लगभग 200 सैनिक मारे गए हैं। इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है,लेकिन दोनों पक्षों में हमलों की तीव्रता लगातार बढ़ रही है।
यूक्रेन के सैन्य ढाँचे को लेकर भी चिंता गहराती जा रही है। देश के पास करीब 10 लाख सक्रिय सैन्यकर्मी हैं,लेकिन मानव संसाधन की भारी कमी से जूझना पड़ रहा है। फ्रंटलाइन यूनिट्स में ड्यूटी से गैरहाजिर रहने और मनोबल में गिरावट की वजह से लड़ाई की क्षमता प्रभावित हो रही है। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि नए सैनिकों की भर्ती और प्रशिक्षण में समय लग रहा है,जबकि रूस हमलों की गति तेज करता जा रहा है।
इस बीच,अमेरिका ने एक बार फिर से दोनों देशों को चेतावनी दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया है कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध जल्द खत्म नहीं होता,तो अमेरिका रूस पर अगले 10 दिनों के भीतर नया आर्थिक टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है। ट्रंप के इस बयान से रूस के खिलाफ वैश्विक दबाव और बढ़ सकता है। हालाँकि,रूस अब तक पश्चिमी प्रतिबंधों को नजरअंदाज करता आया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध एक बार फिर नए मोड़ पर पहुँच गया है। एक तरफ शांति वार्ता की विफलता है,तो दूसरी तरफ सैन्य कार्रवाई में तेजी। कीव पर हुआ ताजा हमला न सिर्फ यूक्रेन की राजधानी को चुनौती देता है,बल्कि यह संकेत भी देता है कि युद्ध अभी थमने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका और प्रभावी कदम इस संकट की दिशा तय करेंगे।