बेंगलुरु,2 अगस्त (युआईटीवी)- कर्नाटक की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और जेडीएस के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार और महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाने के सनसनीखेज मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने फैसले की सुनवाई के दौरान रेवन्ना को अपने वकील के साथ अंतिम दलीलें पेश करने का अवसर दिया और अब आज,शनिवार को सजा की अवधि का ऐलान करेगी।
प्रज्वल रेवन्ना,जो मंड्या लोकसभा सीट से पूर्व सांसद रहे हैं,शुक्रवार को जब अदालत में पेश हुए तो उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद भावुक होते हुए देखा गया। जैसे ही न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने फैसला सुनाया,रेवन्ना की आँखों से आँसू छलकने लगे। अदालत कक्ष से बाहर निकलते वक्त वे एक कुर्सी पर बैठकर फूट-फूट कर रो पड़े।
यह मामला केआर नगर की एक घरेलू सहायिका द्वारा दर्ज कराई गई बलात्कार की शिकायत से जुड़ा है। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि प्रज्वल रेवन्ना ने न केवल उसका यौन शोषण किया,बल्कि उसकी अश्लील वीडियो भी रिकॉर्ड की। यह केस अप्रैल 2024 में उस समय चर्चा में आया जब लोकसभा चुनाव के दौरान प्रज्वल के खिलाफ महिलाओं के यौन उत्पीड़न और वीडियो बनाने के आरोपों से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
इन गंभीर आरोपों के बाद प्रज्वल रेवन्ना देश छोड़कर भाग गया था। वह जर्मनी होते हुए यूरोप के एक अज्ञात देश में जा छिपा था। इस दौरान उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया। जनता,मीडिया और विपक्ष के भारी दबाव के चलते पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और उनके बेटे एचडी कुमारस्वामी ने सार्वजनिक तौर पर अपील की कि प्रज्वल को वापस लौट आना चाहिए और कानून का सामना करना चाहिए। इसके बाद 31 मई 2024 को जब वह बेंगलुरु लौटा,तो पुलिस ने उसे एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिया था।
रेवन्ना फिलहाल पिछले 14 महीनों से न्यायिक हिरासत में हैं। इस दौरान उसने कई बार जमानत के लिए याचिकाएँ दायर कीं,लेकिन अदालतों ने उन्हें बार-बार खारिज कर दिया। अदालत ने साफ कहा कि इस मामले की गंभीरता,साक्ष्यों की स्पष्टता और पीड़िताओं की सुरक्षा को देखते हुए रेवन्ना को जमानत नहीं दी जा सकती।
एसआईटी यानी विशेष जाँच दल ने इस मामले में विस्तृत और पुख्ता जाँच की। पुलिस ने 26 प्रमुख सबूत अदालत में प्रस्तुत किए,जिनमें पीड़िता का बयान,यौन उत्पीड़न से जुड़ा वीडियो फुटेज और अन्य डिजिटल सबूत शामिल थे। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में बताया कि कैसे रेवन्ना ने अपनी राजनीतिक ताकत और प्रभाव का इस्तेमाल कर कई महिलाओं का शारीरिक और मानसिक शोषण किया।
यह मामला इसलिए भी खास है क्योंकि इसके केंद्र में एक पूर्व प्रधानमंत्री का पोता है,जो एक राजनीतिक परिवार की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करता है। प्रज्वल रेवन्ना एचडी देवेगौड़ा के पुत्र और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी रेवन्ना के बेटे हैं। जब यह मामला सामने आया,तब पूरा देवेगौड़ा परिवार राजनीतिक दबाव में आ गया था। जेडीएस ने प्रज्वल से किनारा करते हुए पार्टी की छवि को बचाने की कोशिश की।
गौरतलब है कि प्रज्वल रेवन्ना पर इसी तरह के तीन अन्य मामले भी दर्ज हैं,जिनकी जाँच फिलहाल चल रही है। यदि अदालत शनिवार को अधिकतम सजा सुनाती है,तो यह मामला भारत के राजनीतिक इतिहास में एक बड़ी मिसाल बन सकता है कि कैसे कानून के सामने किसी की भी हैसियत मायने नहीं रखती।
अब सबकी निगाहें शनिवार के उस फैसले पर टिकी हैं,जब अदालत रेवन्ना को दी जाने वाली सजा का एलान करेगी। पीड़िता और महिला अधिकार संगठनों की ओर से रेवन्ना को अधिकतम सजा दिए जाने की माँग की जा रही है। वहीं देवेगौड़ा परिवार के लिए यह फैसला राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर एक बड़ा झटका बनकर उभर सकता है।
