नई दिल्ली,4 अगस्त (युआईटीवी)- ओवल के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया अंतिम टेस्ट मैच क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद किया जाएगा। इस मुकाबले में रोमांच,उतार-चढ़ाव और नाटकीय मोड़ की कोई कमी नहीं रही और अंततः भारतीय टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को 6 रन से हरा दिया। इस जीत के साथ ही पाँच मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 से बराबरी पर समाप्त हो गई। भारत की जीत के हीरो बने तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज,जिन्होंने दूसरी पारी में 5 विकेट और पूरे मैच में कुल 9 विकेट अपने नाम किए। सिराज की रिवर्स स्विंग और सटीक गेंदबाजी ने इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
पाँचवें दिन की शुरुआत बेहद रोमांचक स्थिति से हुई। इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन की जरूरत थी,जबकि भारत को सिर्फ चार विकेट लेने थे। मैच की शुरुआत क्रेग ओवरटन ने दो चौके लगाकर की और लगा कि इंग्लैंड की जीत अब केवल औपचारिकता भर रह गई है,लेकिन दूसरे ओवर में ही सिराज ने जेमी स्मिथ को आउट कर मुकाबले का रुख पलट दिया। अगले ही ओवर में उन्होंने ओवरटन को भी चलता किया,जिससे इंग्लैंड पर दबाव बढ़ता गया।
इसके बाद प्रसिद्ध कृष्णा ने एक महत्वपूर्ण ओवर में जॉश टंग को क्लीन बोल्ड कर इंग्लैंड की कमर ही तोड़ दी। अंतिम उम्मीद के रूप में गस एटकिंसन और चोटिल क्रिस वोक्स एक साथ क्रीज पर आए। वोक्स ने एक हाथ से बल्लेबाजी करते हुए संघर्ष किया और एटकिंसन के साथ मिलकर टीम को लक्ष्य के करीब ले गए। मगर अंत में सिराज ने एटकिंसन को क्लीन बोल्ड कर इंग्लैंड की पारी 367 रन पर समेट दी और भारत को यादगार जीत दिला दी।
इस मैच के साथ ही सिराज ने सीरीज में सबसे ज्यादा 23 विकेट लेकर अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया। उन्होंने रिवर्स स्विंग और ऑफ स्टंप के बाहर लगातार गेंद डालकर बल्लेबाजों को चकमा दिया। उनकी गेंदबाजी के आगे दुनिया की किसी भी टीम के बल्लेबाज घुटने टेक सकते हैं और इंग्लैंड की टीम इसका ताजा उदाहरण बन गई।
अगर मैच के चौथे दिन की बात करें तो इंग्लैंड ने अपनी पारी एक विकेट पर 50 रन से आगे बढ़ाई थी। उन्हें जीत के लिए 324 रन की दरकार थी और भारत को 8 विकेट की जरूरत थी। सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने मिलकर पहले सेशन में ही बेन डकेट और ओली पोप को आउट कर भारत की स्थिति मजबूत कर दी थी। सिर्फ 106 रन पर इंग्लैंड के 3 विकेट गिर चुके थे और भारत का पलड़ा भारी लग रहा था,लेकिन इसके बाद जो रूट और हैरी ब्रूक ने मोर्चा संभाल लिया।
दोनों ने भारत की गेंदबाजी पर धावा बोलते हुए 195 रन की साझेदारी की और मैच को इंग्लैंड की ओर मोड़ दिया। इस दौरान भारत के लिए एक बड़ी चूक भी हुई, जब प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर ब्रूक का कैच सिराज ने बाउंड्री पर पकड़ा,लेकिन उनका पैर रस्सी को छू गया। उस समय ब्रूक 19 रन पर थे और इंग्लैंड का स्कोर 137 था। इसके बाद ब्रूक ने इसका पूरा फायदा उठाया और अपना 10वां टेस्ट शतक पूरा किया।
ब्रूक के आउट होने के बाद भी इंग्लैंड की स्थिति मजबूत रही,क्योंकि जो रूट लगातार तीसरे मैच में शतक ठोक चुके थे और टीम जीत की ओर बढ़ रही थी,लेकिन क्रिकेट की खूबी यही है कि कुछ भी निश्चित नहीं होता। सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने रिवर्स स्विंग का शानदार प्रदर्शन करते हुए जैकब बैथेल और रूट के विकेट लेकर भारत की वापसी करवा दी। रूट का आउट होना भारत के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
इसी बीच बारिश आ गई और अंपायरों ने चौथे दिन का खेल समाप्त करने की घोषणा कर दी। मैच पाँचवें दिन तक खींच गया और दोनों टीमों के सामने एक निर्णायक मोड़ पर आकर खड़ा हो गया। भारत के लिए राहत की बात यह थी कि पिच में कुछ नमी और मूवमेंट था,जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद थी और वही हुआ भी।
पाँचवें दिन सिराज ने अपने अनुभव और कौशल का भरपूर उपयोग करते हुए इंग्लैंड के निचले क्रम को तोड़ दिया। उनकी लाइन-लेंथ और स्विंग गेंदबाजी का जवाब किसी के पास नहीं था। भारत के लिए यह जीत केवल एक मैच की जीत नहीं थी,बल्कि एक जुझारूपन,साहस और आत्मविश्वास की कहानी थी।
इसके साथ ही शुभमन गिल की कप्तानी में भारतीय टीम ने पिछड़ने के बावजूद सीरीज को ड्रॉ कराया और यह दिखा दिया कि टीम में नई ऊर्जा और नेतृत्व क्षमता मौजूद है। गिल ने मैदान पर शांत और समझदारी भरा रवैया अपनाया,जो टीम के लिए सकारात्मक संकेत है।
इस मैच से भारतीय टीम को आत्मविश्वास की एक नई खुराक मिली है। साथ ही युवा गेंदबाजों ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी परिस्थिति में विपक्षी टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकते हैं। सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की जोड़ी ने जो किया,वह आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।
ओवल की यह जीत केवल एक स्कोरशीट का आँकड़ा नहीं है,बल्कि भारतीय क्रिकेट की जिद,जज्बा और जुनून की एक नई कहानी है,जो आने वाली पीढ़ियों तक सुनाई जाएगी।
