नई दिल्ली,5 अगस्त (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ प्रतिष्ठित एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पाँचवें और अंतिम टेस्ट मैच में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सीरीज को 2-2 से बराबरी पर समाप्त कर दिया। यह मुकाबला लंदन के प्रसिद्ध ‘द ओवल’ मैदान पर खेला गया,जहाँ भारत ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को पराजित किया। इस जीत के सबसे बड़े नायक रहे भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज,जिन्होंने अपनी रफ्तार और सटीकता से अंग्रेजी बल्लेबाजी क्रम की कमर तोड़ दी।
मैच में मोहम्मद सिराज ने कुल 9 विकेट झटके और ‘मैन ऑफ द मैच’ का खिताब अपने नाम किया। उन्होंने पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 5 विकेट लिए,जिससे इंग्लैंड को बड़ी बढ़त लेने से रोका जा सका और भारत को जीत की राह दिखाई दी। खास बात यह रही कि सिराज द ओवल की चौथी पारी में 5 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं।
इतिहास रचते हुए सिराज ने 41 वर्षों बाद ओवल की चौथी पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा किया। इससे पहले यह उपलब्धि 1984 में वेस्टइंडीज के दिग्गज तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने हासिल की थी। यही नहीं,माइकल होल्डिंग ने 1976 में भी यह उपलब्धि अपने नाम की थी। सिराज से पहले ओवल की चौथी पारी में 5 विकेट लेने वाले अन्य गेंदबाजों में ऑस्ट्रेलिया के फ्रेडरिक स्पोफोर्थ (1882),जेजे फेरिस (1890),क्लेरी ग्रिमेट (1934),पाकिस्तान के फजल महमूद (1954) और वेस्टइंडीज के कीथ बॉयस (1973) शामिल हैं।
इतिहास के इन आँकड़ों में सिराज का नाम दर्ज होना उनके लिए ही नहीं,बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी गर्व की बात है। उन्होंने ओवल की चौथी पारी में विकेट लेने के मामले में 1997 के बाद पहली बार किसी गेंदबाज के इस उपलब्धि को दोहराया है। यह साबित करता है कि इस पिच पर अंतिम पारी में गेंदबाजी करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है और सिराज ने यह चुनौती पूरी निपुणता से स्वीकार की।
इस सीरीज में सिराज भारत के सबसे भरोसेमंद तेज गेंदबाज बनकर उभरे। उन्होंने पाँचों टेस्ट मैचों में भाग लिया और सभी मुकाबलों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इस पाँच मैचों की लंबी और कठिन सीरीज में सिराज ने 23 विकेट चटकाए,जो यह दर्शाता है कि उन्होंने हर मुकाबले में निरंतरता बनाए रखी और कप्तान का भरोसा जीतते रहे। वह इस सीरीज में खेलने वाले एकमात्र तेज गेंदबाज रहे,जिन्होंने सभी मैच खेले,जो उनकी फिटनेस और जुझारूपन को दर्शाता है।
मोहम्मद सिराज का टेस्ट करियर भी धीरे-धीरे भारतीय गेंदबाजी का एक मजबूत स्तंभ बनता जा रहा है। उन्होंने 2020 में टेस्ट डेब्यू किया था और तब से अब तक उन्होंने 41 टेस्ट मैचों में 123 विकेट अपने नाम किए हैं। टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में पाँच विकेट लेने का कारनामा उन्होंने पाँच बार किया है। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 15 रन देकर 6 विकेट लेने का है,जो टेस्ट क्रिकेट के उच्चतम स्तर पर उनकी गेंदबाजी कौशल को दर्शाता है।
इस जीत के साथ भारत ने न सिर्फ सीरीज को बराबरी पर खत्म किया,बल्कि विदेशी जमीन पर एक बार फिर अपनी तेज गेंदबाजी इकाई की ताकत साबित की। सिराज की गेंदबाजी में जो आक्रामकता,ऊर्जा और निरंतरता देखने को मिली,वह भारत को किसी भी परिस्थिति में जीत दिला सकती है।
टीम के लिए यह जीत रणनीतिक दृष्टि से भी अहम रही,क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विदेशी टेस्ट मैचों में बेहतरीन सफलता प्राप्त की है। इस सीरीज के दौरान बुमराह,शमी,उमेश और अन्य सीनियर गेंदबाजों की अनुपस्थिति में सिराज ने मोर्चा संभालते हुए अपनी उपयोगिता सिद्ध की।
मोहम्मद सिराज का यह प्रदर्शन न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है,बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए भी एक मजबूत संकेत है कि टीम के पास ऐसे गेंदबाज हैं,जो बड़े मौकों पर जिम्मेदारी निभा सकते हैं। भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह जीत और सिराज की यह कामयाबी आने वाले समय के लिए बड़ी उम्मीदें जगाती है।
