दुबई,6 अगस्त (युआईटीवी)- ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज टिम डेविड को वेस्टइंडीज के खिलाफ सेंट किट्स में खेले गए पाँचवें टी20 मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर नाराजगी जताना महँगा पड़ गया है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया और उनके मैच फीस का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही उनके अनुशासन रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक भी जोड़ दिया गया है।
यह घटना 28 जुलाई को उस समय घटी जब ऑस्ट्रेलियाई टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पारी का पाँचवां ओवर खेल रही थी। इस दौरान वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज अल्जारी जोसेफ ने एक गेंद लेग साइड में फेंकी,जिसे अंपायर ने वाइड नहीं करार दिया। इस निर्णय से असहमत होते हुए टिम डेविड ने सार्वजनिक रूप से विरोध व्यक्त किया और अपनी बाहें फैला कर नाराजगी जताई। खिलाड़ियों का ऐसा व्यवहार क्रिकेट की आचार संहिता के तहत अंपायर के अधिकार को चुनौती देने और खेल भावना के खिलाफ माना जाता है।
आईसीसी के अनुसार,डेविड ने आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन किया है,जो अंतर्राष्ट्रीय मैचों के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति जताने से संबंधित है। इस अनुच्छेद के तहत खिलाड़ियों से अपेक्षा की जाती है कि मैदान पर वे अंपायर के निर्णयों का पूरा सम्मान करें और सार्वजनिक रूप से उनका विरोध न करें। चूँकि,यह डेविड का पिछले 24 महीनों में पहला ऐसा उल्लंघन है,इसलिए आईसीसी ने उनके खिलाफ न्यूनतम कार्रवाई करते हुए एक डिमेरिट अंक और 10 प्रतिशत मैच फीस कटौती का निर्णय लिया।
टिम डेविड ने इस फैसले को स्वीकार कर लिया है और सुनवाई की आवश्यकता नहीं पड़ी। आईसीसी की ओर से अंतर्राष्ट्रीय पैनल के मैच रेफरी रॉन किंग ने इस सजा का प्रस्ताव रखा था,जिसे डेविड ने तुरंत मान लिया। इस तरह यह मामला बिना किसी औपचारिक सुनवाई के निपट गया।
मैच में तैनात चार अधिकारियों द्वारा यह आरोप लगाया गया था,जिनमें मैदानी अंपायर जाहिद बसराथ और लेस्ली रीफर,तीसरे अंपायर डेइटन बटलर और चौथे अंपायर ग्रेगरी ब्रैथवेट शामिल थे। चारों अधिकारियों ने टिम डेविड के व्यवहार को आचार संहिता के खिलाफ पाया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की।
आईसीसी के नियमों के अनुसार,लेवल-1 के उल्लंघन में खिलाड़ियों को आधिकारिक चेतावनी,मैच फीस की अधिकतम 50 प्रतिशत कटौती और एक या दो डिमेरिट अंक दिए जा सकते हैं। यदि कोई खिलाड़ी 24 महीनों की अवधि में चार डिमेरिट अंक प्राप्त कर लेता है,तो उसे एक टेस्ट मैच या दो सीमित ओवरों के मैचों से निलंबित किया जा सकता है। यह निर्णय इस बात पर निर्भर करता है कि अगला मुकाबला किस फॉर्मेट का है। डिमेरिट अंक खिलाड़ी के रिकॉर्ड में दो वर्षों तक दर्ज रहते हैं और इस अवधि के बाद स्वतः हट जाते हैं।
टिम डेविड के लिए यह एक चेतावनी है कि भावनाओं पर नियंत्रण रखना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए अत्यंत आवश्यक है। इस तरह की घटनाएँ खेल की गरिमा को ठेस पहुँचा सकती हैं और टीम के प्रदर्शन पर भी असर डाल सकती हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए भी यह एक संकेत है कि मैदान पर अनुशासन और खेल भावना को प्राथमिकता देनी होगी।
गौरतलब है कि टिम डेविड हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों की टीम के महत्वपूर्ण सदस्य बन चुके हैं और उनकी आक्रामक बल्लेबाजी उन्हें एक उपयोगी खिलाड़ी बनाती है। हालाँकि,यदि वे इस पर नियंत्रण नहीं रखते है,तो इस तरह की अनुशासनहीनता भविष्य में उनके करियर के लिए समस्याएँ पैदा कर सकती हैं। क्रिकेट में खेल भावना और अंपायरों का सम्मान सर्वोपरि होता है और सभी खिलाड़ियों से इसी की अपेक्षा की जाती है।
आईसीसी की इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत मिलता है कि वह मैदान पर अनुशासनहीनता और अंपायर के फैसलों पर सार्वजनिक असहमति को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह फैसला अन्य खिलाड़ियों के लिए भी एक चेतावनी है कि खेल की मर्यादा को बनाए रखना जरूरी है,चाहे परिस्थिति कैसी भी हो।