विजय देवरकोंडा की फिल्म 'किंगडम' को लेकर तमिलनाडु में बढ़ा विवाद (तस्वीर क्रेडिट@Idam_valam)

विजय देवरकोंडा की फिल्म ‘किंगडम’ को लेकर तमिलनाडु में बढ़ा विवाद,एनटीके ने लगाए सांस्कृतिक अपमान के आरोप,रामनाथपुरम में तनाव

चेन्नई,6 अगस्त (युआईटीवी)- तमिलनाडु में अभिनेता विजय देवरकोंडा की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘किंगडम’ को लेकर राजनीतिक और सांस्कृतिक विवाद गहराता जा रहा है। 31 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई इस फिल्म के खिलाफ तमिल राष्ट्रवादी संगठन नाम तमिलर काची (एनटीके) ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। संगठन का आरोप है कि फिल्म में श्रीलंकाई तमिलों को नकारात्मक रूप में दर्शाया गया है और खलनायक का नाम भगवान मुरुगन के नाम पर रखकर तमिल संस्कृति का अपमान किया गया है।

फिल्म का निर्देशन गौतम तिन्नानुरी ने किया है और इसमें विजय देवरकोंडा के साथ भाग्यश्री,सत्यदेव और अन्य कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। फिल्म एक एक्शन थ्रिलर है,जिसमें देवरकोंडा एक भारतीय जासूस ‘सूरी’ की भूमिका निभा रहे हैं, जो एक खतरनाक अंतर्राष्ट्रीय मिशन पर निकला है। फिल्म की कहानी राजनीतिक षड्यंत्रों,आतंकवाद और तमिल उपमहाद्वीप के संघर्षों को छूती है,लेकिन तमिलनाडु के कुछ संगठनों का कहना है कि यह कहानी तमिल समाज की ऐतिहासिक पीड़ा को गलत तरीके से पेश करती है।

एनटीके का आरोप है कि फिल्म में श्रीलंकाई तमिलों को खलनायक के तौर पर दिखाना उस संघर्ष की वास्तविकता से मुँह मोड़ना है,जो दशकों से तमिल समुदाय झेलता आया है। संगठन का मानना है कि यह फिल्म न केवल तमिलों के संघर्ष को गलत प्रकाश में दिखाती है,बल्कि खलनायक का नाम भगवान मुरुगन के नाम पर रखकर धार्मिक भावनाओं को भी आहत करती है। भगवान मुरुगन तमिल समाज में गहराई से पूजे जाते हैं और उन्हें तमिल संस्कृति की आत्मा माना जाता है।

इस मुद्दे को लेकर तमिलनाडु के कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं। एनटीके कार्यकर्ताओं ने थिएटरों के बाहर नारेबाजी की और फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की माँग की। रामनाथपुरम में स्थिति विशेष रूप से तनावपूर्ण हो गई,जब कार्यकर्ताओं ने एक थिएटर में फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने की कोशिश की। वहाँ पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई। इसके बाद प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की,ताकि स्थिति पर काबू पाया जा सके।

फिलहाल रामनाथपुरम और अन्य शहरों में स्थिति नियंत्रण में है,लेकिन स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर है और थिएटरों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अभी तक किसी व्यक्ति के घायल होने की खबर नहीं है,लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी हैं और संगठन इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की माँग कर रहा है।

नाम तमिलर काची ने तमिलनाडु सरकार और सेंसर बोर्ड से माँग की है कि फिल्म पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। एनटीके के मुताबिक यह फिल्म न केवल तमिल विरोधी भावनाएँ फैला रही है,बल्कि तमिल समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचा रही है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि फिल्म निर्माता या सेंसर बोर्ड इस विषय पर स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं देते हैं,तो यह आंदोलन और तेज हो सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तमिलनाडु की राजनीति में इस तरह के सांस्कृतिक मुद्दों को लेकर होने वाले विवाद नया नहीं है,लेकिन ‘किंगडम’ जैसे बड़े बजट की फिल्म पर इस तरह का आरोप लगना निश्चित रूप से फिल्म निर्माताओं के लिए चिंता का विषय है। अगर इस मुद्दे पर जल्दी समाधान नहीं निकाला गया,तो यह न केवल तमिलनाडु में फिल्म की कमाई को प्रभावित करेगा बल्कि विजय देवरकोंडा की दक्षिण भारतीय फैनबेस में भी विभाजन ला सकता है।

गौतम तिन्नानुरी द्वारा निर्देशित ‘किंगडम’ को एक मल्टी-लैंग्वेज प्रोजेक्ट के रूप में पेश किया गया है और इसे तमिल, तेलुगु और हिंदी भाषाओं में रिलीज किया गया है। फिल्म के ट्रेलर और प्रचार अभियान को दर्शकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था,लेकिन अब यह विवाद इसकी सफलता में बाधा बन सकता है।

फिल्म से जुड़े किसी भी प्रमुख कलाकार या निर्देशक ने अब तक इस विवाद पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालाँकि,फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि फिल्म का उद्देश्य किसी समुदाय को ठेस पहुँचाना नहीं था और अगर किसी को कोई आपत्ति है,तो फिल्म निर्माताओं को इस पर संवाद करना चाहिए।

यह देखना अब दिलचस्प होगा कि सरकार और सेंसर बोर्ड इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं और क्या ‘किंगडम’ पर तमिलनाडु में प्रतिबंध लगाया जाएगा या नहीं। फिलहाल,विवाद बढ़ता दिख रहा है और फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह एक और मामला बनता जा रहा है,जिसमें कला और संस्कृति के बीच संतुलन साधना चुनौती बन गया है।