प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@yashodhararaje)

रक्षाबंधन पर देशभर में उमंग,राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने सम्पूर्ण देशवासियों दी शुभकामनाएँ

नई दिल्ली,9 अगस्त (युआईटीवी)- देशभर में आज रक्षाबंधन का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक यह त्योहार भारत की सांस्कृतिक विरासत और पारिवारिक मूल्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सुबह से ही घर-घर में बहनों द्वारा भाइयों की कलाई पर राखी बाँधने और भाइयों द्वारा बहनों की रक्षा का वचन देने का सिलसिला जारी है। इस पावन अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्रियों ने देशवासियों को शुभकामनाएँ दीं और इस पर्व के महत्व को रेखांकित किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में रक्षाबंधन को केवल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक ही नहीं,बल्कि समाज में एकता और सद्भाव को मजबूत करने का अवसर बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखते हुए कहा कि रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के बीच प्रेम और विश्वास के अनूठे बंधन का प्रतीक है। यह पर्व हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और नैतिक मूल्यों को संरक्षित करने का अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रपति ने इस मौके पर देशवासियों से एक विशेष आह्वान भी किया कि हम सभी एक ऐसे समृद्ध देश के निर्माण का संकल्प लें,जहाँ प्रत्येक महिला सुरक्षित महसूस करे और राष्ट्र के विकास में सक्रिय योगदान दे सके। उनके संदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात प्रमुखता से उभरी,जो इस पर्व के सामाजिक महत्व को और गहरा करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को रक्षाबंधन की अनेकानेक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए सभी भाइयों और बहनों को इस पर्व की बधाई दी और कहा कि यह पर्व रिश्तों में विश्वास,प्रेम और भाईचारे की भावना को और मजबूत करता है। प्रधानमंत्री के संक्षिप्त किन्तु भावपूर्ण संदेश ने इस दिन के महत्व को रेखांकित किया और देशवासियों को एकता और सद्भाव के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा दी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने शुभकामना संदेश में रक्षाबंधन को केवल राखी के धागे की पवित्रता तक सीमित न मानते हुए इसे बहनों के सम्मान,सुरक्षा और सुख-समृद्धि के संकल्प का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि भाई-बहन के स्नेह का यह पर्व हमारे भीतर मौजूद रक्षा शक्ति की भावना को और अधिक मजबूत करता है। उन्होंने ईश्वर से यही कामना की कि यह पर्व सभी के जीवन में प्रेम,सुरक्षा और खुशहाली लेकर आए।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संदेश में व्यक्तिगत भावनाओं को साझा करते हुए लिखा कि जब उनकी कलाई पर बहनों का प्रेम बँधता है,तो वह उन्हें सेवा का संकल्प देता है। उन्होंने कहा कि जब तक जीवन है,वे अपनी बहनों के सुख,सम्मान और मुस्कान के लिए काम करते रहेंगे। साथ ही उन्होंने इस अवसर पर ‘स्वदेशी’ का संकल्प लेने की भी अपील की,ताकि देश की आर्थिक मजबूती में भी योगदान दिया जा सके।

देश के विभिन्न हिस्सों में रक्षाबंधन का उत्सव अपनी-अपनी पारंपरिक और सांस्कृतिक रंगत के साथ मनाया जा रहा है। कहीं बहनें भाइयों को तिलक कर राखी बाँध रही हैं,तो कहीं भाई बहनों को उपहार और आशीर्वाद दे रहे हैं। बाजारों में इस अवसर पर खास रौनक देखने को मिली है। रंग-बिरंगी राखियों से सजे स्टॉल,मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ और परिजनों के मिलने-जुलने का सिलसिला इस पर्व की जीवंतता को दर्शा रहा है।

रक्षाबंधन केवल एक पारिवारिक उत्सव नहीं,बल्कि यह भारतीय समाज की उस परंपरा का हिस्सा है,जिसमें रिश्तों की गरिमा और एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी को महत्व दिया जाता है। भाई-बहन के बीच का यह रिश्ता प्रेम,विश्वास और त्याग पर आधारित होता है और रक्षाबंधन इस बंधन को और भी मजबूत करता है। समय के साथ इस पर्व का स्वरूप भले ही आधुनिकता के रंग में ढल गया हो,लेकिन इसके मूल भाव में कोई परिवर्तन नहीं आया है।

पिछले कुछ वर्षों में रक्षाबंधन का महत्व केवल परिवार तक सीमित न रहकर सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ा है। कई स्थानों पर महिलाएँ सैनिकों,पुलिसकर्मियों और अन्य सुरक्षा कर्मियों को राखी बाँधकर उनका आभार व्यक्त करती हैं,जो दिन-रात देश और समाज की रक्षा में तत्पर रहते हैं। इस प्रकार,रक्षाबंधन एक व्यापक संदेश देता है कि सुरक्षा और सम्मान का वचन केवल परिवार तक सीमित नहीं,बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के लिए है।

आज जब देश कई सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है,ऐसे में रक्षाबंधन जैसे पर्व हमें यह याद दिलाते हैं कि आपसी प्रेम,विश्वास और एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी ही एक मजबूत और एकजुट समाज की नींव हैं। राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के संदेश भी इसी भावना को मजबूत करते हैं। महिलाओं की सुरक्षा,सम्मान और उनकी सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करना,भाई-बहन के रिश्ते की तरह ही समाज के सभी रिश्तों में समान रूप से महत्वपूर्ण है।

रक्षाबंधन का यह पर्व एक बार फिर यह संदेश देता है कि धागे की एक साधारण सी डोर में निहित प्रेम और विश्वास रिश्तों को अटूट बना सकता है और एक राष्ट्र को भी मजबूत कर सकता है। यही कारण है कि यह पर्व हर साल नई उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है और आने वाले समय में भी इसकी प्रासंगिकता बनी रहेगी।