मॉस्को,13 अगस्त (युआईटीवी)- रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने मंगलवार को एक बड़ी आतंकी साजिश को विफल करने का दावा किया है। एजेंसी के मुताबिक,यह साजिश मॉस्को में रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी को निशाना बनाने के लिए रची गई थी। एफएसबी ने बताया कि इस हमले की योजना बनाने के आरोप में एक रूसी-यूक्रेनी नागरिक को गिरफ्तार किया गया है,जिसके पास दोहरी नागरिकता है। आरोपी ने एक कार में 60 किलो से अधिक विस्फोटक छिपा रखे थे और योजना थी कि जब वह अधिकारी वहाँ से गुजरेंगे,तो कार बम में विस्फोट किया जाएगा।
एफएसबी के अनुसार,यह हमला बेहद विनाशकारी हो सकता था,क्योंकि कार में मौजूद विस्फोटकों की मात्रा इतनी थी कि आसपास के इलाके में बड़े पैमाने पर जनहानि और क्षति हो सकती थी। हालाँकि,समय रहते इस योजना का खुलासा हो गया और सुरक्षा बलों ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है,जब पिछले एक वर्ष में रूस कई बार कार बम और अन्य विस्फोटक उपकरणों से जुड़े हमलों का आरोप यूक्रेन पर लगा चुका है।
रूस के अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है,जब इस तरह की साजिश को नाकाम किया गया हो। इसी साल 25 अप्रैल को मॉस्को क्षेत्र में कार विस्फोट की घटना में रूसी लेफ्टिनेंट जनरल यारोस्लाव मोस्कालिक की मौत हो गई थी। उस समय भी रूस ने हमले के पीछे यूक्रेन समर्थित ताकतों का हाथ होने का दावा किया था।
इस बीच,रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक और मोर्चा खुल गया है। यूक्रेन ने रूस के ओरेनबर्ग क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण हीलियम उत्पादन संयंत्र पर ड्रोन हमला किया है। यह संयंत्र रूस में हीलियम का एकमात्र औद्योगिक उत्पादक है और इसका इस्तेमाल रॉकेट निर्माण,अंतरिक्ष अनुसंधान और विमानन उद्योग में किया जाता है। स्थानीय निवासियों ने पुष्टि की कि संयंत्र के पास कई ड्रोन उड़ते हुए देखे गए और धमाकों की तेज आवाजें सुनी गईं। इस हमले से संयंत्र की उत्पादन क्षमता पर असर पड़ने की आशंका है,जो रूस की अंतरिक्ष और रक्षा परियोजनाओं के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि रविवार रात से सोमवार सुबह तक एयर डिफेंस सिस्टम ने कुल 39 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए। इनमें 32 ड्रोन रात के समय नष्ट किए गए,जबकि सात को सुबह के समय गिराया गया। मंत्रालय के अनुसार,गिराए गए ड्रोन विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय थे,इनमें सात बेलगोरोद,पाँच ब्रायंस्क,पाँच कालुगा,चार क्रीमिया,दो ओरियोल,दो कुर्स्क,दो वोरोनेझ,दो रियाजन,दो मॉस्को और एक तुला क्षेत्र में गिराया गया।
इसके अलावा,निझनी नोवगोरोद क्षेत्र में हुए ड्रोन हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। इस हमले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन की ओर से रूस के गहरे इलाकों तक ड्रोन हमलों की क्षमता लगातार बढ़ रही है। मॉस्को के मेयर सर्गेई सोब्यानिन ने बताया कि राजधानी की ओर आ रहे सात ड्रोन को भी समय रहते मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर ड्रोन के मलबे गिरे हैं,वहाँ राहत एवं बचाव दल सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के मौजूदा चरण में ड्रोन हमले और आतंकी साजिशें संघर्ष के नए आयाम बनते जा रहे हैं। एक तरफ रूस दावा कर रहा है कि वह लगातार यूक्रेनी हमलों को विफल कर रहा है,तो दूसरी तरफ यूक्रेन रूसी सैन्य और औद्योगिक ढाँचे पर दबाव बनाने की कोशिश में है। रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि हीलियम संयंत्र पर हमला प्रतीकात्मक रूप से बड़ा महत्व रखता है,क्योंकि इससे रूस की उच्च-प्रौद्योगिकी उद्योग और रक्षा उत्पादन क्षमता को सीधा झटका लगता है।
एफएसबी द्वारा नाकाम की गई मॉस्को की आतंकी साजिश इस बात का संकेत देती है कि रूस के भीतर भी उच्चस्तरीय अधिकारियों और रणनीतिक लक्ष्यों पर हमले की कोशिशें जारी हैं। इस तरह की घटनाएँ न केवल रूस की आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती हैं,बल्कि वे रूस-यूक्रेन संघर्ष के अंतर्राष्ट्रीय आयाम को भी और जटिल बना देती हैं।
अब जबकि रूस ने दावा किया है कि उसने इस साजिश को पूरी तरह विफल कर दिया है,सवाल यह है कि क्या आने वाले दिनों में ऐसे हमले और बढ़ सकते हैं। यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ती तकनीकी प्रतिस्पर्धा,विशेषकर ड्रोन और विस्फोटक उपकरणों के उपयोग में,युद्ध की दिशा को और अप्रत्याशित बना रही है। यह संघर्ष न केवल मोर्चे पर बल्कि रूस के भीतर गहराई तक असर डाल रहा है और इसकी गूँज अंतर्राष्ट्रीय मंचों तक पहुँच रही है।
स्थिति अब इस मोड़ पर पहुँच गई है कि कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिखता। ऐसे में मॉस्को में नाकाम हुई यह आतंकी साजिश और ओरेनबर्ग में हीलियम संयंत्र पर ड्रोन हमला,दोनों घटनाएँ संकेत दे रही हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध का अगला चरण और भी ज्यादा खतरनाक और विनाशकारी हो सकता है।