नई दिल्ली,13 अगस्त (युआईटीवी)- साउथ अफ्रीका के युवा सनसनी देवाल्ड ब्रेविस ने सोमवार को डार्विन के मरारा क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में ऐसी पारी खेली,जिसे क्रिकेट प्रशंसक लंबे समय तक याद रखेंगे। महज 22 साल और 105 दिन की उम्र में इस दाएँ हाथ के बल्लेबाज ने 56 गेंदों में नाबाद 125 रन ठोक डाले और कई बड़े रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। इस दौरान उन्होंने आठ गगनचुंबी छक्के और 12 चौके जड़े और टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शतक बनाने वाले सबसे युवा साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी बन गए।
ब्रेविस की यह पारी सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं थी,बल्कि साउथ अफ्रीकी क्रिकेट के इतिहास में भी स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई। यह टी20 अंतर्राष्ट्रीय में किसी भी साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज का अब तक का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है। इससे पहले यह रिकॉर्ड पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस के नाम था,जिन्होंने 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 119 रन बनाए थे। ब्रेविस ने न सिर्फ डु प्लेसिस का रिकॉर्ड तोड़ा,बल्कि ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टी20 मैच में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड भी हासिल कर लिया। यह रिकॉर्ड इससे पहले शेन वॉटसन के पास था,जिन्होंने 2016 में सिडनी में भारत के खिलाफ नाबाद 124 रन बनाए थे।
सिर्फ इतना ही नहीं,ब्रेविस अब टी20 अंतर्राष्ट्रीय में सबसे तेज शतक लगाने वाले दूसरे साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर भी बन चुके हैं। उनकी पारी में आक्रामकता और नियंत्रण का ऐसा मेल देखने को मिला,जिसने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की रणनीति को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
मैच की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला लिया,उम्मीद थी कि शुरुआती ओवरों में वह मेहमान टीम पर दबाव बना देंगे। साउथ अफ्रीका के कप्तान एडेन मार्करम और रयान रिकेल्टन ने तेज शुरुआत की और 3.3 ओवरों में 34 रन जोड़ दिए। हालाँकि,रिकेल्टन 10 गेंदों में 14 रन बनाकर आउट हो गए और अगले ही ओवर में मार्करम भी 18 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
साउथ अफ्रीकी टीम का स्कोर 57 तक पहुँचते-पहुँचते तीन विकेट गिर चुके थे और स्थिति कुछ चिंताजनक लगने लगी थी,लेकिन यहीं से देवाल्ड ब्रेविस ने मोर्चा संभाला। उन्होंने ट्रिस्टन स्टब्स के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 126 रन की साझेदारी की। स्टब्स ने 22 गेंदों में 31 रन बनाए,जिसमें तीन चौके शामिल थे। यह साझेदारी टीम को न सिर्फ संकट से बाहर लाई बल्कि ऑस्ट्रेलिया पर पलटवार करने का मंच भी तैयार कर दिया।
जिस अंदाज से ब्रेविस बल्लेबाजी कर रहे थे,वह देखने लायक था। पारी की शुरुआत में उन्होंने परिस्थिति के मुताबिक धैर्य दिखाते हुए खेला,लेकिन जैसे-जैसे विकेट पर समय बिताते गए,उन्होंने अपना गियर बदल दिया। उन्होंने मिडल के ओवरों में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों पर हावी होकर बड़े-बड़े शॉट लगाए। उनकी टाइमिंग और शॉट चयन बेहतरीन रहा,खासकर स्पिनर एडम जांपा के खिलाफ उनकी आक्रामकता ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।
पारी के अंतिम ओवरों में ब्रेविस का बल्ला रुकने का नाम नहीं ले रहा था। उन्होंने डेथ ओवरों में तेज़ी से रन बटोरे और सुनिश्चित किया कि टीम का स्कोर चुनौतीपूर्ण स्तर तक पहुँचे। अंत तक नाबाद रहते हुए उन्होंने अपने करियर का पहला टी20 अंतर्राष्ट्रीय शतक पूरा किया और 125 रन पर पारी समाप्त की।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से गेंदबाजी में ग्लेन मैक्सवेल और बेन ड्वारशुइस ने दो-दो विकेट चटकाए,जबकि जोश हेजलवुड और एडम जांपा को एक-एक सफलता मिली,लेकिन कोई भी गेंदबाज ब्रेविस को रोकने में सफल नहीं हो पाया। उनकी बल्लेबाजी ने न सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई रणनीति को बेअसर कर दिया,बल्कि दर्शकों को भी भरपूर मनोरंजन प्रदान किया।
इस पारी का महत्व सिर्फ व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स तक सीमित नहीं है। यह मैच साउथ अफ्रीका के लिए मानसिक बढ़त भी लेकर आया है। पहले मैच में हार के बाद टीम पर दबाव था,लेकिन ब्रेविस की इस पारी ने टीम को आत्मविश्वास से भर दिया है। युवा खिलाड़ी का यह प्रदर्शन आने वाले मैचों में भी टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
ब्रेविस को क्रिकेट जगत में पहले से ही “बेबी एबी” के नाम से जाना जाता है,क्योंकि उनके खेलने का अंदाज महान बल्लेबाज एबी डिविलियर्स से मेल खाता है,लेकिन इस पारी के बाद उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ किसी के स्टाइल की नकल नहीं हैं,बल्कि अपनी अलग पहचान बनाने में सक्षम हैं। उनकी बल्लेबाजी में पावर हिटिंग के साथ-साथ मैच की परिस्थितियों को भांपने की अद्भुत क्षमता भी देखने को मिली।
यह पारी भविष्य के लिए एक संकेत भी है कि साउथ अफ्रीकी क्रिकेट के पास एक ऐसा बल्लेबाज मौजूद है जो बड़े मंच पर दबाव झेलकर मैच जिताने वाली पारियाँ खेल सकता है। ब्रेविस की उम्र,उनका आत्मविश्वास और उनकी क्षमता बताती है कि आने वाले सालों में वह विश्व क्रिकेट के बड़े सितारों में शुमार हो सकते हैं।
डार्विन की इस रात ने ब्रेविस को न सिर्फ रिकॉर्ड बुक में जगह दिलाई,बल्कि उन्हें दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में भी बसा दिया। जिस तरह उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को ध्वस्त किया,वह साफ दिखाता है कि उनका क्रिकेट सफर अभी बस शुरुआत है और आगे वह और भी कई यादगार पारियाँ खेल सकते हैं।