वाशिंगटन,19 अगस्त (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच प्रत्यक्ष वार्ता की व्यवस्था शुरू कर दी है। ट्रंप के मुताबिक,इस पहल के तहत सबसे पहले दोनों नेताओं की एक आमने-सामने की बैठक होगी और उसके बाद अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच एक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। यह पहल रूस और यूक्रेन के बीच पिछले चार वर्षों से जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
सोमवार को व्हाइट हाउस में यूरोपीय नेताओं के साथ बैठकों के दौरान ट्रंप ने पुतिन से फोन पर बातचीत की और इसी दौरान इस विचार को आगे बढ़ाया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बाद में सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने पुतिन और जेलेंस्की के बीच मुलाकात के लिए एक स्थान तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि उस बैठक के तुरंत बाद वह स्वयं दोनों नेताओं के साथ त्रिपक्षीय चर्चा करेंगे। ट्रंप ने इस पहल को “युद्ध समाप्त करने के लिए एक बहुत अच्छा प्रारंभिक कदम” बताया, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि दोनों बैठकें कब होंगी।
ट्रंप के अनुसार सोमवार की बातचीत का मुख्य फोकस यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी रही। इस विषय पर अमेरिका और कई यूरोपीय देशों के बीच समन्वय की रूपरेखा तैयार की जा रही है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इन सुरक्षा गारंटियों का उद्देश्य कीव को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करना है ताकि रूस की आक्रामकता का मुकाबला किया जा सके। उन्होंने लिखा, “रूस और यूक्रेन के लिए शांति की संभावना को लेकर हर कोई बहुत खुश है। अब से एक या दो सप्ताह में यह स्पष्ट हो जाएगा कि हम इस संकट का हल खोज पाएंगे या यह भयावह लड़ाई जारी रहेगी।”
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,सोमवार को जब ट्रंप की बैठक जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ चल रही थी,तभी उन्होंने अचानक चर्चा रोक दी और पुतिन को फोन कर लिया। इस कदम ने सभी को चौंका दिया,लेकिन ट्रंप का कहना था कि वह सीधा संवाद चाहते थे,ताकि शांति प्रक्रिया में कोई ठहराव न आए। उन्होंने आश्वासन दिया कि अमेरिका यूक्रेन की “भविष्य की सुरक्षा” में शामिल रहेगा और उसकी रक्षा सुनिश्चित करेगा।
जेलेंस्की के साथ मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा, “यूक्रेन के राष्ट्रपति का हमारे साथ होना सम्मान की बात है। हमारे बीच लंबी और गंभीर चर्चा हुई और मुझे लगता है कि कई मायनों में ठोस प्रगति हुई है। हाल ही में अलास्का में पुतिन के साथ हमारी बैठक हुई थी,जो सकारात्मक रही। आज की बातचीत उसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी कोशिश केवल अस्थायी युद्धविराम तक सीमित नहीं होगी। उन्होंने कहा, “हम दो साल की शांति की बात नहीं कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य स्थायी शांति स्थापित करना है,ताकि भविष्य में फिर से संघर्ष की स्थिति न पैदा हो। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अगर शांति होती है,तो वह लंबे समय तक कायम रहे।”
व्हाइट हाउस में इस अवसर पर यूरोप के कई बड़े नेता भी मौजूद थे। इनमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर,इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी,नाटो महासचिव मार्क रूट,यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। यह बैठक बेहद जल्दबाजी में बुलाई गई थी और इसकी पृष्ठभूमि पिछले सप्ताह अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात से जुड़ी रही,जो बिना किसी ठोस नतीजे के खत्म हुई थी।
ट्रंप की इस नई पहल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। जहाँ एक ओर पश्चिमी देशों के अधिकांश नेता रूस पर दबाव बनाए रखने की रणनीति पर जोर दे रहे थे,वहीं ट्रंप सीधे संवाद और व्यक्तिगत कूटनीति पर भरोसा करते दिखे। उनका मानना है कि पुतिन और जेलेंस्की के बीच प्रत्यक्ष बातचीत के बिना इस युद्ध का हल संभव नहीं है। यही कारण है कि उन्होंने इस मुलाकात को जल्द से जल्द आयोजित करने की व्यवस्था शुरू कर दी है।
यूक्रेन युद्ध ने यूरोप और पूरी दुनिया की सुरक्षा व्यवस्था को गहराई से प्रभावित किया है। लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं,हजारों नागरिक और सैनिक मारे जा चुके हैं और यूक्रेन का बुनियादी ढाँचा बुरी तरह तबाह हो चुका है। इस संघर्ष ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी असर डाला है,ऊर्जा संकट और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियाँ बढ़ी हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की शांति पहल को उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है।
ट्रंप की पहल पर प्रतिक्रियाएँ भी आने लगी हैं। जहाँ समर्थक इसे साहसिक और व्यावहारिक कदम बता रहे हैं,वहीं आलोचक इसे जल्दबाजी में उठाया गया कदम मान रहे हैं। उनका कहना है कि पुतिन और जेलेंस्की के बीच विश्वास का गंभीर संकट है और बिना ठोस आधार तैयार किए ऐसी मुलाकातें नाकाम हो सकती हैं। इसके बावजूद,इस तथ्य को अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि किसी भी प्रकार की बातचीत शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने बयान में यह भी कहा कि यूरोप के सात सबसे ताकतवर नेता उनके साथ खड़े हैं और सभी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल अमेरिका या रूस-यूक्रेन का मामला नहीं है,बल्कि पूरी अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी की जिम्मेदारी है कि इस युद्ध का समाधान खोजा जाए।
ट्रंप का यह संदेश स्पष्ट है कि उनकी प्राथमिकता रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत और स्थायी शांति की स्थापना है। हालाँकि,यह पहल कितनी सफल होगी और क्या वाकई पुतिन और जेलेंस्की आमने-सामने बैठकर कोई ठोस समझौता करेंगे,यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। फिलहाल इतना जरूर है कि व्हाइट हाउस से आई इस खबर ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है और पूरी दुनिया की निगाहें अब इस संभावित शिखर सम्मेलन पर टिकी हैं।