संयुक्त राष्ट्र,22 अगस्त (युआईटीवी)- सीरिया की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर से अस्थिर होती दिखाई दे रही है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन ने चेतावनी दी है कि देश में अनिश्चित सुरक्षा हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए,तो यह स्थिति बड़े पैमाने पर हिंसा का रूप ले सकती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को दी गई अपनी मासिक ब्रीफिंग में उन्होंने इस चिंता को विस्तार से रखा और कहा कि सीरिया के भीतर शांति स्थापित करने के प्रयासों पर गहराते संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
पेडरसन ने बताया कि बीते 19 जुलाई को हुए युद्ध विराम ने उम्मीद जगाई थी कि सीरिया में शांति की दिशा में ठोस प्रगति होगी,लेकिन हाल के दिनों में राजनीतिक माहौल जिस तरह से अस्थिर हुआ है,उससे यह विराम खतरे में पड़ता दिख रहा है। हालाँकि,अभी तक स्थिति खुलकर हिंसक नहीं हुई है,लेकिन छिटपुट झड़पों की खबरें सामने आ रही हैं। विशेषकर स्वेदा के सीमांत इलाकों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि एक महीने से सैन्य गतिविधियाँ अपेक्षाकृत कम हुई थीं,लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक बयानबाजी और उकसावे का दौर जारी है,जिससे अस्थिरता का खतरा और बढ़ गया है।
विशेष दूत ने इस बात पर गहरी चिंता जताई कि स्वेदा के अंदर हाल ही में हुई झड़पों और हिंसा की घटनाओं के वीडियो फुटेज ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। इस तरह के दृश्य न केवल जनता के मनोबल को तोड़ते हैं,बल्कि राजनीतिक माहौल को भी और अधिक संवेदनशील बना देते हैं। यही वजह है कि पेडरसन ने संयुक्त राष्ट्र के सामने जोर देकर कहा कि अपराध चाहे किसी भी गुट या संगठन से जुड़े लोग करें,उन्हें जवाबदेह ठहराना बेहद जरूरी है।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार,अंतरिम सीरियाई अधिकारियों ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी गठित करने का एलान किया है। इस समिति को स्वेदा में हुए दुर्व्यवहारों और हिंसा की जाँच का जिम्मा सौंपा गया है। पेडरसन ने कहा कि यह बेहद अहम है कि समिति की रिपोर्ट को पूरी तरह सार्वजनिक किया जाए और जाँच के आधार पर दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे अपराधी किसी भी संगठन,गुट या राजनीतिक धड़े से जुड़े हों, कानून के सामने सभी बराबर होने चाहिए और सभी को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र दूत ने यह भी कहा कि यदि सीरिया को भविष्य में इस तरह की हिंसक घटनाओं और उल्लंघनों से बचाना है,तो देश को सुरक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। इसमें निरस्त्रीकरण,सैन्य-विस्थापन और समाज में पुनः एकीकरण की स्पष्ट नीति बेहद जरूरी है। उनके मुताबिक,केवल सैन्य टकराव को रोकना ही काफी नहीं है,बल्कि एक ऐसी व्यवस्था विकसित करना अनिवार्य है,जो समाज में स्थिरता और भरोसा कायम कर सके।
पेडरसन ने जोर देकर कहा कि सीरिया में स्थायी शांति तभी स्थापित हो सकती है जब वहाँ एक समावेशी,सीरियाई नेतृत्व वाली और सीरियाई स्वामित्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। ऐसी प्रक्रिया जिसमें सभी वर्गों और समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित हो,सभी के अधिकारों और सुरक्षा की गारंटी दी जाए और नागरिकों की वैध आकांक्षाओं को सम्मानपूर्वक पूरा किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया का मकसद केवल सत्ता परिवर्तन नहीं होना चाहिए,बल्कि सीरियाई जनता को यह सक्षम बनाना चाहिए कि वे शांतिपूर्ण,स्वतंत्र और लोकतांत्रिक तरीके से अपना भविष्य स्वयं तय कर सकें।
वास्तव में,सीरिया का संकट पिछले एक दशक से दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक बन चुका है। लाखों लोग विस्थापित हुए हैं,हजारों की जानें जा चुकी हैं और देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो चुकी है। ऐसे में युद्ध विराम और शांति वार्ता की हर कोशिश लोगों में नई उम्मीद जगाती है,लेकिन जब इस तरह की पहल राजनीतिक तनाव और हिंसा की आहट में दबने लगती है,तो सीरिया का भविष्य एक बार फिर अनिश्चितता के गर्त में धकेला जाता है।
संयुक्त राष्ट्र की ओर से बार-बार यह अपील की जाती रही है कि सभी पक्ष हिंसा से दूर रहकर बातचीत और कूटनीति के रास्ते को चुनें,लेकिन सीरिया की जटिल परिस्थितियाँ,बाहरी ताकतों की दखलअंदाजी और अंदरूनी राजनीतिक विभाजन इस प्रक्रिया को बेहद कठिन बना देते हैं। गीर पेडरसन का ताजा बयान एक गंभीर चेतावनी है कि यदि अभी निर्णायक कदम नहीं उठाए गए तो हालात किसी भी वक्त फिर से बेकाबू हो सकते हैं।
सीरिया के लोगों के लिए यह समय बेहद नाजुक है। उन्हें शांति,स्थिरता और सुरक्षित जीवन की जरूरत है,लेकिन इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और सभी पक्षों की प्रतिबद्धता अनिवार्य है। अब देखना होगा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और सीरिया के नेता इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाते हैं,ताकि लंबे समय से युद्ध की मार झेल रहे देश में स्थायी शांति की नींव रखी जा सके।