नई दिल्ली,25 अगस्त (युआईटीवी)- फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगामामादा राबुका इन दिनों भारत की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस यात्रा का आरंभ रविवार को हुआ और वे 26 अगस्त तक भारत में रहेंगे। राबुका का यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है,क्योंकि यह उनके प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। इस यात्रा के दौरान उनका उद्देश्य भारत और फिजी के बीच दशकों पुराने संबंधों को और गहराई देना और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री राबुका के बीच नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से एक-दूसरे का स्वागत किया और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में हिस्सा लिया। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करते हुए भविष्य की दिशा पर भी गहन चर्चा हुई। बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने समकक्ष राबुका के सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया। वहीं,आज ही फिजी के प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम तय है।
राष्ट्रीय राजधानी पहुँचने पर प्रधानमंत्री राबुका का स्वागत केंद्रीय शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने किया। एयरपोर्ट पर हुए इस स्वागत ने दोनों देशों की गहरी मित्रता और आपसी समझ को और स्पष्ट किया। प्रधानमंत्री राबुका की इस यात्रा को भारत-फिजी संबंधों की नई ऊँचाइयों का प्रतीक माना जा रहा है।
Welcoming an important Global South and FIPIC partner.
PM @narendramodi received PM Sitiveni Rabuka @slrabuka of Fiji at Hyderabad House for delegation level talks. pic.twitter.com/JHlVPHS1YZ
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 25, 2025
प्रधानमंत्री मोदी और राबुका की बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को नए आयाम देना था। वार्ता के दौरान स्वास्थ्य,शिक्षा,नवीकरणीय ऊर्जा,व्यापार और निवेश,कृषि,जलवायु परिवर्तन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे कई अहम विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया,क्योंकि फिजी भारत के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।
भारत और फिजी के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं। 19वीं सदी में बड़ी संख्या में भारतीय फिजी जाकर बसे थे और आज वहाँ भारतीय मूल के लोगों की उल्लेखनीय आबादी रहती है। इस साझा विरासत ने दोनों देशों को वर्षों से जोड़े रखा है। इसी पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी और राबुका ने सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने माना कि आपसी सांस्कृतिक और जन-जन के रिश्ते द्विपक्षीय संबंधों की असली शक्ति हैं।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री राबुका ने भारत की शांति और सहयोग की नीति की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि फिजी,भारत के वैश्विक नेतृत्व और उसके शांति व एकता के संदेश का समर्थन करता है। राबुका ने यह भी कहा कि उनका देश भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानता है और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की भूमिका वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए प्रेरणादायक है।
Addressing the joint press meet with PM Sitiveni Rabuka of Fiji. @slrabuka https://t.co/LbbIFzs6Ow
— Narendra Modi (@narendramodi) August 25, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने भी फिजी की सराहना करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक भी हैं। उन्होंने कहा कि फिजी भारतीय प्रवासियों के योगदान और वहाँ की सामाजिक-सांस्कृतिक संरचना का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत,फिजी के साथ हर क्षेत्र में साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया को भी संबोधित किया। इस दौरान दोनों ने अपने-अपने विचार साझा किए और वार्ता की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और फिजी के बीच सहयोग के नए रास्ते खुल रहे हैं,जिनसे दोनों देशों के लोगों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। वहीं,राबुका ने कहा कि उनकी भारत यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण होगी।
फिजी के प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विशेष चर्चा हुई। भारत ने फिजी में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग का आश्वासन दिया। साथ ही,शिक्षा के क्षेत्र में भी नई पहलें शुरू करने पर सहमति बनी। नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी दोनों नेताओं ने गंभीर वार्ता की,क्योंकि फिजी जलवायु परिवर्तन से प्रभावित छोटे द्वीपीय देशों में से एक है। भारत ने इस दिशा में तकनीकी और आर्थिक सहयोग देने का भरोसा जताया।
व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी कई संभावनाओं पर विचार हुआ। भारत और फिजी ने द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नए कदम उठाने की बात कही। कृषि क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई,जिसमें तकनीकी सहायता और उत्पादकता बढ़ाने के उपाय शामिल थे।
प्रधानमंत्री राबुका की इस यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा और 27 अगस्त को वे फिजी लौट जाएँगे। उनकी यह यात्रा फिजी-भारत संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस दौरे से न केवल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक सहयोग मजबूत होगा,बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी संबंध नई ऊँचाइयों पर पहुँचेंगे।
भारत और फिजी की साझेदारी ऐतिहासिक,सांस्कृतिक और रणनीतिक महत्व रखती है। ऐसे में प्रधानमंत्री राबुका का यह दौरा दोनों देशों को और करीब लाने वाला साबित होगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस यात्रा ने भारत और फिजी के बीच गहरी मित्रता और साझा मूल्यों को फिर से रेखांकित किया है,जो आने वाले समय में द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक सशक्त बनाएगा।