राजगीर (बिहार),1 सितंबर (युआईटीवी)- पुरुष एशिया कप हॉकी 2024 टूर्नामेंट में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रविवार को पूल ए के रोमांचक मुकाबले में जापान को 3-2 से हराकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की। कप्तान हरमनप्रीत सिंह एक बार फिर भारत के हीरो बने। उन्होंने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की अपनी पहचान को कायम रखते हुए पाँचवें और 46वें मिनट में टीम के लिए दो महत्वपूर्ण गोल किए। वहीं,मनदीप सिंह ने चौथे मिनट में एक बेहतरीन फील्ड गोल दागकर भारत की बढ़त को मजबूत किया।
मुकाबला शुरू से ही रोमांचक अंदाज़ में खेला गया। भारत ने आक्रामक खेल दिखाते हुए शुरुआती मिनटों में जापान को दबाव में ले लिया। चौथे मिनट में मनदीप सिंह ने शानदार मूवमेंट के बाद गोल करते हुए भारत को बढ़त दिला दी। इसके तुरंत अगले ही मिनट में कप्तान हरमनप्रीत ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर 2-0 कर दिया। शुरुआती चरण में ही भारत की यह बढ़त विपक्षी टीम के लिए बड़ा झटका थी।
हालाँकि,जापान ने आसानी से हार मानने के संकेत नहीं दिए। तीसरे क्वार्टर के 38वें मिनट में कोसेई कावाबे ने गोल कर टीम को मैच में वापस ला दिया। इस गोल के साथ स्कोर 2-1 हो गया और मुकाबले में फिर से रोमांच लौट आया। चौथे क्वार्टर में भी जापानी टीम ने तेज़ आक्रामकता दिखाई,लेकिन भारत के डिफेंस और गोलकीपर ने लगातार दबाव को झेलते हुए विपक्षी हमलों को रोकने का काम किया।
चौथे क्वार्टर के 46वें मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने इस मौके को भी हाथ से नहीं जाने दिया और गोल करते हुए स्कोर 3-1 कर दिया। यह गोल भारत के लिए निर्णायक साबित हुआ। हालाँकि,मैच के अंतिम मिनट में जापान के कोसेई कावाबे ने एक और गोल कर स्कोर 3-2 कर दिया,लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। भारत ने बढ़त बनाए रखते हुए मुकाबला जीत लिया।
इस जीत के साथ भारत ने टूर्नामेंट में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। इससे पहले शुक्रवार को खेले गए मुकाबले में भारत ने चीन को 4-3 से हराया था। लगातार जीत के बाद अब भारतीय टीम के आत्मविश्वास में इज़ाफा हुआ है। भारत का अगला और आखिरी पूल मैच सोमवार को कजाकिस्तान के खिलाफ होगा। इस मुकाबले में जीत दर्ज करने पर भारत नॉकआउट चरण में प्रवेश को और मज़बूत कर देगा।
इस मैच की एक और ख़ास बात रही गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक का सम्मान। मुकाबले से पहले उनका सम्मान किया गया क्योंकि यह उनका बतौर गोलकीपर 150वां अंतर्राष्ट्रीय मैच था। साल 2018 में अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले पाठक ने वरिष्ठ गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश की परछाई में रहते हुए खुद को तराशा और अब भारतीय हॉकी में एक मज़बूत स्तंभ के रूप में उभरे हैं। टोक्यो ओलंपिक और पेरिस ओलंपिक में उन्होंने रिज़र्व खिलाड़ी के रूप में टीम का हिस्सा बनकर अनुभव अर्जित किया और अब लगातार टीम के लिए अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इस जीत के साथ भारत ने न केवल टूर्नामेंट में अपनी स्थिति मज़बूत की है,बल्कि खिताब जीतने की संभावनाओं को भी पुख्ता किया है। यह टूर्नामेंट इसलिए भी अहम है क्योंकि विजेता टीम को अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले हॉकी विश्व कप के लिए सीधा क्वालीफिकेशन मिलेगा। भारतीय टीम,जो इस टूर्नामेंट में सर्वोच्च रैंकिंग वाली टीम है,खिताब जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है।
भारतीय टीम का खेल इस बार बेहद संतुलित दिखाई दे रहा है। डिफेंस मज़बूत है,मिडफील्ड सटीक पासिंग कर रहा है और फॉरवर्ड लाइन मौके भुनाने में सक्षम नज़र आ रही है। कप्तान हरमनप्रीत की पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञता विपक्षी टीमों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वहीं,मनदीप सिंह और अन्य स्ट्राइकरों का योगदान भी महत्वपूर्ण है।
जापान के खिलाफ जीत ने यह भी साबित किया कि भारत दबाव की स्थिति में भी संतुलन बनाए रखना जानता है। भले ही विपक्षी टीम ने अंतिम मिनटों में गोल दागकर मुकाबले को रोमांचक बनाने की कोशिश की,लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने संयम और अनुभव का परिचय देते हुए मैच को अपने पक्ष में बनाए रखा।
अब सभी की निगाहें सोमवार को कजाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मुकाबले पर टिकी होंगी। इस मैच में भारत के सामने न केवल जीत दर्ज करने की चुनौती होगी,बल्कि अपने खेल को और बेहतर करते हुए नॉकआउट चरण के लिए खुद को तैयार करने का अवसर भी होगा। भारतीय प्रशंसकों की उम्मीदें ऊँची हैं कि टीम इंडिया इस बार एशिया कप जीतकर विश्व कप में सीधा प्रवेश सुनिश्चित करेगी और एक बार फिर हॉकी में अपनी बादशाहत साबित करेगी।