नई दिल्ली,15 सितंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दो राज्यों—पश्चिम बंगाल और बिहार के दौरे पर हैं,जहाँ वे भारत की सैन्य तैयारियों,क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक विकास को गति देने वाली कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। यह दौरा न केवल बुनियादी ढाँचे के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक अहम कदम है,बल्कि देश की सैन्य क्षमताओं और ग्रामीण विकास को नई ऊर्जा देने का भी प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की शुरुआत कोलकाता से हुई,जहाँ वे सुबह करीब 9:30 बजे 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन-2025 का उद्घाटन करने पहुंचे।
तीन दिवसीय यह सम्मेलन,जो 15 से 17 सितंबर तक आयोजित होगा,भारत की सशस्त्र सेनाओं और शीर्ष नागरिक नेतृत्व की सर्वोच्च स्तर की बैठक मानी जाती है। इस बार सम्मेलन का विषय “सुधारों का वर्ष—भविष्य के लिए परिवर्तन” रखा गया है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं के दीर्घकालिक आधुनिकीकरण और परिवर्तन पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बात पर जोर दिया कि नई तकनीकों,रणनीतिक सुधारों और व्यापक समन्वय के जरिए भारत की सशस्त्र सेनाओं को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सम्मेलन में थलसेना,नौसेना और वायुसेना के शीर्ष कमांडर शामिल हैं, जो देश की रक्षा नीतियों,सुरक्षा रणनीतियों और आधुनिकीकरण की योजनाओं पर मंथन करेंगे।
कोलकाता में सैन्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी बिहार के पूर्णिया पहुँचे। यहाँ उन्होंने पूर्णिया एयरपोर्ट पर नए सिविल एनक्लेव के अंतरिम टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। यह नया टर्मिनल पूर्वोत्तर बिहार में क्षेत्रीय हवाई संपर्क को मजबूत करने और यात्री प्रबंधन क्षमता को दोगुना करने की दिशा में एक अहम कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह टर्मिनल बिहार के विकास और कनेक्टिविटी को नई उड़ान देगा,जिससे न केवल स्थानीय यात्रियों को सुविधा होगी बल्कि निवेश और व्यापार की संभावनाओं को भी गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने पूर्णिया से ही बिहार के विकास के लिए करीब 36,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें सबसे बड़ी परियोजना भागलपुर के पीरपैंती में बनने वाला 3×800 मेगावाट का थर्मल पावर प्रोजेक्ट है। करीब 25,000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला यह प्रोजेक्ट बिहार के इतिहास में सबसे बड़ा निजी निवेश है। अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल तकनीक से निर्मित यह पावर प्लांट राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को न केवल मजबूत करेगा,बल्कि औद्योगिक विकास के लिए भी नई राह खोलेगा। प्रधानमंत्री ने इसे बिहार के आत्मनिर्भर भविष्य की आधारशिला बताया।
इसके साथ ही उन्होंने कोसी-मेची अंतर-राज्यीय नदी लिंक परियोजना के पहले चरण की भी शुरुआत की। 2,680 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाली यह परियोजना पूर्वोत्तर बिहार की जीवनरेखा साबित होगी। यह न केवल सिंचाई के क्षेत्र को मजबूती देगी बल्कि बाढ़ नियंत्रण और कृषि विकास में भी सहायक होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोसी-मेची लिंक परियोजना से लाखों किसानों को लाभ होगा और कृषि उत्पादकता बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बिहार में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का भी शुभारंभ किया। बिहार,देश के कुल मखाना उत्पादन में लगभग 90 प्रतिशत योगदान देता है और अब इसे वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में सरकार ने यह कदम उठाया है। यह बोर्ड उत्पादन वृद्धि,कटाई के बाद प्रबंधन,आधुनिक तकनीकों को अपनाने,मूल्य संवर्धन और विपणन पर ध्यान केंद्रित करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मखाना न केवल बिहार की सांस्कृतिक पहचान है,बल्कि यह राज्य के किसानों के लिए समृद्धि का माध्यम भी बन सकता है।
ग्रामीण विकास की दिशा में प्रधानमंत्री ने डीएवाई-एनआरएलएम योजना के तहत क्लस्टर स्तर की फेडरेशनों को 500 करोड़ रुपए के सामुदायिक निवेश कोष भी वितरित किए। उन्होंने इस दौरान कुछ सीएलएफ अध्यक्षों को प्रतीकात्मक रूप से चेक सौंपकर महिलाओं की आर्थिक भागीदारी को और प्रोत्साहन देने का संदेश दिया। मोदी ने कहा कि यह राशि ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार,उद्यमिता और विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगी।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने कई रेल परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया और नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इन परियोजनाओं से बिहार में रेल संपर्क बेहतर होगा और आम लोगों को सुगम यात्रा की सुविधा मिलेगी। मोदी ने कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण और नई सेवाओं से बिहार का विकास और तेज होगा और व्यापार व पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार का ध्यान एक साथ सुरक्षा,ऊर्जा, कृषि, ग्रामीण विकास और बुनियादी ढाँचे पर है। पश्चिम बंगाल में जहाँ उन्होंने भारत की सैन्य क्षमताओं के भविष्य को रेखांकित किया,वहीं बिहार में उन्होंने क्षेत्रीय विकास और जनता की समृद्धि की नई आधारशिला रखी। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का विकास तभी संभव है जब देश के हर कोने तक कनेक्टिविटी,ऊर्जा और अवसर पहुँचे। उन्होंने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लगातार काम करती रहेगी।
