टीएमसी की पूर्व सांसद और बंगाली फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती (तस्वीर क्रेडिट@Anjan94150697)

अवैध सट्टेबाजी ऐप केस: ईडी के सामने मिमी चक्रवर्ती हुईं पेश,उर्वशी रौतेला और कई दिग्गज भी जाँच के दायरे में

नई दिल्ली,15 सितंबर (युआईटीवी)- अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की पूर्व सांसद और बंगाली फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती को सोमवार को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होना पड़ा। ईडी ने उन्हें एक समन जारी किया था,जिसके बाद वह निर्धारित समय पर पूछताछ के लिए पहुँचीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक अवैध ऑनलाइन बेटिंग ऐप से जुड़ा प्रमोशनल कंटेंट किया था,जिसकी वजह से लोगों को इस प्लेटफॉर्म पर पैसा लगाने के लिए आकर्षित किया गया। ईडी का मानना है कि इस तरह के प्रचार से न केवल ऐप को लोकप्रियता मिली बल्कि लोगों का इसमें भरोसा भी बढ़ा,जिससे बड़े पैमाने पर आर्थिक गड़बड़ी हुई।

ईडी की जाँच का दायरा केवल मिमी चक्रवर्ती तक सीमित नहीं है। इस पूरे मामले में कई और बड़े नाम सामने आ चुके हैं,जिनमें बॉलीवुड,क्रिकेट और दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कलाकार शामिल हैं। हाल ही में ईडी ने बॉलीवुड अभिनेत्री उर्वशी रौतेला को भी समन जारी किया है। उन्हें 16 सितंबर को दिल्ली स्थित एजेंसी के मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। आरोप है कि उर्वशी रौतेला भी इस ऐप के विज्ञापन और प्रमोशन में नजर आई थीं। एजेंसी यह जानना चाहती है कि इन प्रमोशनों के बदले उन्हें कितनी रकम दी गई और क्या इन पैसों का इस्तेमाल लोगों को इस अवैध गतिविधि की ओर आकर्षित करने के लिए किया गया।

इससे पहले क्रिकेट जगत से जुड़े कई बड़े नाम भी ईडी की पूछताछ का सामना कर चुके हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना को इसी मामले में अगस्त महीने में समन भेजकर पूछताछ की गई थी। वहीं,स्टार बल्लेबाज शिखर धवन को भी इसी महीने ईडी ने समन किया है। इस मामले में खेल जगत की मौजूदगी ने इसे और भी संवेदनशील बना दिया है,क्योंकि क्रिकेटरों और अभिनेताओं का आम जनता पर गहरा असर होता है और उनके प्रचारित किए गए उत्पाद या सेवाएँ आम लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय होती हैं।

तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े अभिनेता राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज का नाम भी इस मामले में सामने आया है। राणा दग्गुबाती ने हालाँकि यह स्पष्ट किया है कि उनका 2017 के बाद से इस तरह के किसी भी प्लेटफॉर्म से कोई संबंध नहीं रहा। वहीं,प्रकाश राज ने स्वीकार किया कि उन्होंने साल 2016 में एक बेटिंग ऐप का प्रचार किया था,लेकिन उस समय यह कानूनी था। उन्होंने यह भी कहा कि अब वह ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म से जुड़ना अपनी नैतिकता के खिलाफ मानते हैं और भविष्य में इस तरह की किसी भी गतिविधि का हिस्सा नहीं बनेंगे।

दरअसल,इस पूरे विवाद की शुरुआत हैदराबाद के मियापुर थाने में दर्ज एक एफआईआर से हुई थी। वहाँ के रहने वाले कारोबारी फनीन्द्र शर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज और इन्फ्लुएंसर अवैध बेटिंग ऐप्स का प्रचार कर रहे हैं। इस प्रचार से प्रभावित होकर लाखों लोग इन प्लेटफॉर्म्स पर पैसा निवेश कर रहे हैं और भारी आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। इस शिकायत के आधार पर जाँच शुरू हुई और धीरे-धीरे कई नामचीन हस्तियाँ जाँच के दायरे में आ गईं।

सरकार भी इस मुद्दे पर सख्ती बरत रही है। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि 2022 से अब तक 1,500 से ज्यादा ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़े प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया जा चुका है। सरकार का मानना है कि ये प्लेटफॉर्म्स न केवल लोगों की मेहनत की कमाई को बर्बाद कर रहे हैं,बल्कि टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गंभीर गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रहे हैं। यही कारण है कि इस पूरे मामले में ईडी की जाँच को बेहद अहम माना जा रहा है।

ईडी फिलहाल इस बात की तहकीकात कर रही है कि किन-किन हस्तियों ने इन ऐप्स से जुड़ा प्रमोशनल कंटेंट किया और बदले में उन्हें कितनी रकम दी गई। इसके अलावा एजेंसी यह भी जानना चाहती है कि क्या इन पैसों का इस्तेमाल अवैध तरीके से किया गया और क्या टैक्स चोरी या मनी लॉन्ड्रिंग की गई। मिमी चक्रवर्ती और उर्वशी रौतेला जैसी लोकप्रिय अभिनेत्रियों से पूछताछ का मुख्य कारण यह है कि उनके सोशल मीडिया पर करोड़ों फॉलोअर्स हैं और उनका प्रचार आम लोगों को प्रभावित कर सकता है।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले का दायरा आगे और भी बढ़ सकता है। अभी तक जिन हस्तियों के नाम सामने आए हैं,वे केवल शुरुआत हो सकते हैं। ईडी के पास ऐसे कई और सबूत हैं,जिनके आधार पर आने वाले दिनों में और भी सेलिब्रिटीज,इन्फ्लुएंसर और यहाँ तक कि कारोबारी घराने भी जाँच के घेरे में आ सकते हैं। यह मामला केवल कानून का उल्लंघन ही नहीं,बल्कि नैतिक जिम्मेदारी का भी है। जब बड़ी हस्तियाँ अवैध प्लेटफॉर्म्स का प्रचार करती हैं,तो उनका सीधा असर आम जनता पर पड़ता है और कई लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं।

अभी तक की स्थिति से यह साफ है कि ईडी इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से ले रही है। मिमी चक्रवर्ती से पूछताछ और उर्वशी रौतेला को जारी समन से यह संकेत मिलता है कि एजेंसी बड़े-बड़े नामों को बचाने के मूड में नहीं है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ेगी,वैसे-वैसे और भी खुलासे सामने आ सकते हैं। फिलहाल यह मामला न केवल फिल्म और खेल जगत बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है,क्योंकि इसमें जुड़े नाम वे हैं,जिन्हें लोग अपने आदर्श मानते हैं।

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मशहूर हस्तियों की क्या जिम्मेदारी है,जब वे किसी उत्पाद या सेवा का प्रचार करते हैं। केवल पैसों के लालच में किसी अवैध गतिविधि को बढ़ावा देना न केवल कानून के खिलाफ है,बल्कि समाज के लिए भी घातक साबित हो सकता है। ईडी की इस जाँच से उम्मीद की जा रही है कि न केवल दोषियों को सजा मिलेगी,बल्कि भविष्य में सेलिब्रिटीज भी प्रचार करने से पहले सावधानी बरतेंगे और अपने प्रभाव का इस्तेमाल सकारात्मक दिशा में करेंगे।