नई दिल्ली,18 सितंबर (युआईटीवी)- चिली गणराज्य इस वर्ष अपना 215वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर पूरी दुनिया से उसे बधाई और शुभकामनाएँ प्राप्त हुईं। भारत ने भी चिली की सरकार और वहाँ की जनता को इस महत्वपूर्ण अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बधाई संदेश साझा करते हुए कहा कि भारत और चिली के बीच मित्रतापूर्ण संबंध लगातार और प्रगाढ़ होते रहें। विदेश मंत्री ने चिली के विदेश मंत्री अल्बर्टो क्लावेरेन को संबोधित करते हुए लिखा कि यह संबंध न केवल दो देशों की सरकारों के बीच हैं,बल्कि यह दोनों देशों की जनता के बीच भी गहरे होते जा रहे हैं।
भारत और चिली के बीच संबंधों का इतिहास लंबा और सकारात्मक रहा है। दोनों देश रणनीतिक साझेदार और करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाते हैं। समय के साथ इन संबंधों ने राजनीतिक,आर्थिक,वाणिज्यिक और सांस्कृतिक स्तर पर मजबूती हासिल की है। बीते कुछ वर्षों में उच्च स्तरीय यात्राओं और आदान-प्रदान ने इन संबंधों को और मजबूत करने का काम किया है। यह संबंध आज केवल औपचारिक राजनयिक रिश्तों तक सीमित नहीं हैं,बल्कि इनके माध्यम से दोनों देशों के बीच नए अवसर भी लगातार खुल रहे हैं।
भारत और चिली ने आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। जनवरी 2005 में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग पर एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके बाद मार्च 2006 में दोनों पक्षों ने अधिमान्य व्यापार समझौते (पीटीए) पर हस्ताक्षर किए,जिसने द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को नई दिशा दी। इस समझौते के बाद भारत और चिली के बीच व्यापार और निवेश में निरंतर वृद्धि देखने को मिली। इसके चलते भारत चिली का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है।
समय के साथ,दोनों देशों ने अपने वाणिज्यिक संबंधों को और व्यापक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए। सितंबर 2016 में विस्तारित पीटीए पर हस्ताक्षर हुए और यह समझौता 16 मई 2017 से लागू हुआ। इसके बाद अप्रैल 2019 में दोनों देशों ने 2019 से 2021 के बीच तीन दौर की वार्ताओं के साथ पीटीए के विस्तार पर सहमति व्यक्त की। इसका मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को और सरल तथा सुविधाजनक बनाना था।
Warm greetings to FM @AlbertoKlaveren and the Government and people of Chile on their Independence Day.
May the ties of friendship between our nations continue to grow.
🇮🇳 🇨🇱 pic.twitter.com/kL1hxsM8us
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 18, 2025
भारत और चिली के बीच सहयोग केवल व्यापार तक ही सीमित नहीं रहा,बल्कि दोनों देशों ने अपने-अपने क्षेत्रों में रोजगार और निवेश को बढ़ावा देने,निर्यात को प्रोत्साहित करने और आर्थिक ढाँचे को और मजबूत बनाने के लिए भी पहल की है। इसी उद्देश्य से संयुक्त अध्ययन समूह (जेएसजी) की स्थापना की गई थी। इस समूह ने दोनों देशों के बीच वाणिज्य और निवेश की संभावनाओं का अध्ययन किया और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) की दिशा में कदम बढ़ाने की सिफारिश की। जेएसजी की रिपोर्ट को 30 अप्रैल 2024 को अंतिम रूप दिया गया और इस पर हस्ताक्षर किए गए। यह कदम दोनों देशों के लिए आर्थिक सहयोग के नए आयाम खोलने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट ने 1 से 5 अप्रैल तक भारत की राजकीय यात्रा की। इस यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों में नई ऊर्जा भरने का काम किया। राष्ट्रपति बोरिक और प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी वार्ता में स्वीकार किया कि व्यापार और वाणिज्य भारत-चिली संबंधों के सबसे मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने यह भी माना कि मौजूदा व्यापार ढांचे को और विस्तारित करने की आवश्यकता है,ताकि विकास और साझेदारी के नए अवसर खोले जा सकें।
भारत और चिली दोनों देशों ने मिलकर एक साझा दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जिसमें आर्थिक जुड़ाव को और प्रगाढ़ करने की बात कही गई। इसी क्रम में दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से सहमत संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर हस्ताक्षर किए और सीईपीए वार्ताओं के शुभारंभ का स्वागत किया। इस समझौते का उद्देश्य गहन आर्थिक एकीकरण के लिए एक संतुलित,महत्वाकांक्षी,व्यापक और दोनों पक्षों के लिए लाभकारी व्यवस्था स्थापित करना है। यदि यह समझौता साकार होता है,तो इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में ऐतिहासिक वृद्धि हो सकती है।
भारत और चिली के बीच संबंध केवल आर्थिक और राजनीतिक तक ही सीमित नहीं हैं। सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी इन रिश्तों का एक अहम हिस्सा रहा है। दोनों देशों की जनता के बीच सांस्कृतिक समानताएँ और परस्पर सम्मान ने इन रिश्तों को और गहराई दी है। शिक्षा,विज्ञान,प्रौद्योगिकी और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी दोनों देशों ने मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। विशेष रूप से अक्षय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में भारत और चिली का दृष्टिकोण काफी हद तक समान रहा है।
इस तरह,चिली के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत की शुभकामनाएँ केवल एक औपचारिकता नहीं हैं,बल्कि यह दोनों देशों के बीच विश्वास,सहयोग और साझा विकास की भावना का प्रतीक हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर का संदेश इसी गहरे और सकारात्मक संबंध को अभिव्यक्त करता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले वर्षों में भारत और चिली के बीच संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे और ये दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी एक-दूसरे के स्वाभाविक सहयोगी बने रहेंगे।
चिली के स्वतंत्रता दिवस का यह अवसर भारत-चिली मित्रता को याद करने और भविष्य की संभावनाओं पर विश्वास जताने का समय है। यह संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि व्यापक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक सकारात्मक संदेश है कि कैसे दो अलग-अलग महाद्वीपों के देश आपसी विश्वास और सहयोग से नए अवसरों को जन्म दे सकते हैं और वैश्विक विकास की दिशा में योगदान कर सकते हैं।
