वाशिंगटन,20 सितंबर (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनके आदेश पर अमेरिकी सेना ने एक जहाज पर घातक हमला किया,जो नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा था। इस हमले में जहाज पर सवार तीन आतंकी मारे गए,जिन्हें अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पहले से ही मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त बताया था। यह बीते कुछ हफ्तों में ऐसा तीसरा हमला है,जब अमेरिकी सेना ने कथित तौर पर नशीले पदार्थों से भरे जहाज को निशाना बनाया।
अमेरिकी सेना ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई यूएस साउदर्न कमांड के अधिकार क्षेत्र में की गई,जो दक्षिण अमेरिका और कैरिबियन के अधिकांश हिस्सों को कवर करता है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक वीडियो भी साझा किया,जिसमें एक नौका को देखा जा सकता है। वीडियो में कुछ ही क्षणों बाद जहाज में जोरदार धमाका होता है और आग लग जाती है। ट्रंप ने लिखा, “मेरे आदेश पर युद्ध सचिव ने यूएस साउदर्न कमांड को मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक जहाज पर हमला करने का निर्देश दिया। यह जहाज एक नामित आतंकवादी संगठन से जुड़ा था और खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की थी कि यह जहाज अमेरिकियों को जहर देने की साजिश के तहत अवैध नशीले पदार्थों से भरा हुआ था।”
ट्रंप ने कहा कि इस हमले में अमेरिकी सेना को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ और कार्रवाई पूरी तरह सफल रही। उन्होंने आगे लिखा, “इस ऑपरेशन में तीन पुरुष नार्कोटेररिस्ट मारे गए,जो अमेरिका में नशीले पदार्थ पहुँचाने और हमारे नागरिकों के खिलाफ हिंसा और आतंकवाद फैलाने की योजना में शामिल थे। अमेरिका में फेंटेनाइल,कोकीन और अन्य ड्रग्स का अवैध कारोबार बंद होना चाहिए। हमारे लोग इन जहरीले पदार्थों से मर रहे हैं और यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
यह हमला ऐसे समय हुआ है,जब अमेरिका लगातार मादक पदार्थों की बढ़ती समस्या से जूझ रहा है। विशेषकर फेंटेनाइल जैसे खतरनाक सिंथेटिक ड्रग्स ने वहाँ सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया है। ट्रंप प्रशासन ने इस संकट से निपटने के लिए कठोर रुख अपनाया है और ड्रग्स की तस्करी को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताया है।
इससे पहले,बीते दो हफ्तों में अमेरिकी सेना ने वेनेजुएला के दो जहाजों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की थी। उन हमलों में कुल 14 लोग मारे गए थे। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की थी और कहा था कि अमेरिका उनके देश पर ‘आक्रमण’ कर रहा है। मादुरो ने यह भी चेतावनी दी थी कि वेनेजुएला अपनी रक्षा करने में सक्षम है और अपने अधिकार क्षेत्र में किसी भी विदेशी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा।
हालाँकि,अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ये सभी कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्र में की गईं और उनका मकसद केवल मादक पदार्थों की तस्करी रोकना था। ट्रंप ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी हद तक जाएगा। उन्होंने लिखा, “जो लोग नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं और हमारे देश में मौत और तबाही फैला रहे हैं,उन्हें पता होना चाहिए कि अमेरिका चुप नहीं बैठेगा। यह हमारे लोगों के जीवन और भविष्य की रक्षा का सवाल है।”
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार,दक्षिण अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्र लंबे समय से नशीले पदार्थों की आपूर्ति का बड़ा केंद्र रहे हैं। यहाँ से बड़ी मात्रा में कोकीन और अन्य ड्रग्स अमेरिका भेजे जाते हैं। हाल के वर्षों में मैक्सिको और वेनेजुएला के ड्रग कार्टेल्स पर कई बार आरोप लग चुके हैं कि वे आतंकवादी संगठनों से मिलकर नशीले पदार्थों का कारोबार कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ने इस गठजोड़ को ‘नार्कोटेररिज्म’ करार दिया है और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकल्प जताया है।
ट्रंप की यह आक्रामक नीति उनके चुनावी एजेंडे का भी हिस्सा मानी जा रही है। उन्होंने बार-बार यह दावा किया है कि उनकी सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और अमेरिकी सीमाओं को सुरक्षित बनाने में पहले से कहीं ज्यादा प्रभावी कदम उठाए हैं। उनका कहना है कि जब तक विदेशी ड्रग कार्टेल्स और उनसे जुड़े आतंकी संगठनों को समाप्त नहीं किया जाता,तब तक अमेरिका में ड्रग्स की समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हो सकती।
शुक्रवार को हुए इस ताजा हमले के बाद अब देखना होगा कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव किस दिशा में जाता है। मादुरो पहले ही अमेरिका पर सैन्य आक्रमण का आरोप लगा चुके हैं और यह घटना दोनों देशों के बीच संबंधों को और बिगाड़ सकती है,लेकिन ट्रंप ने साफ कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा है और वह इसके लिए हर संभव कदम उठाते रहेंगे।
यह हमला अमेरिका की उस रणनीति का हिस्सा है,जिसमें नशीले पदार्थों की तस्करी को केवल अपराध नहीं,बल्कि आतंकवाद का रूप माना गया है। ट्रंप के शब्दों में, “अब समय आ गया है कि ड्रग्स के जरिए हिंसा और मौत फैलाने वाले आतंकियों को साफ संदेश दिया जाए। अमेरिका अब और सहन नहीं करेगा।”