नई दिल्ली,23 सितंबर (युआईटीवी)- दिल्ली एयरपोर्ट पर 21 सितंबर की सुबह एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई,जिसने सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अफगानिस्तान के काबुल से आई कम एयरलाइंस की फ्लाइट आरक्यू-4401 के लैंडिंग गियर में छिपकर एक 13 वर्षीय बच्चा भारत पहुँच गया। यह बच्चा कोई वैध यात्री नहीं था और उसके पास न तो टिकट था और न ही कोई वैध दस्तावेज। घटना उस वक्त सामने आई,जब सुबह लगभग 11:10 बजे फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुई और एयरलाइन के सुरक्षा कर्मियों ने विमान के पास एक नाबालिग को संदिग्ध रूप से घूमते देखा।
शुरुआती पूछताछ में जब उससे सवाल किए गए,तो जो खुलासा हुआ उसने सभी को चौंका दिया। बच्चे ने बताया कि वह अफगानिस्तान के कुंदुज शहर का रहने वाला है और बिना किसी को बताए उसने विमान के लैंडिंग गियर में छिपकर भारत की यात्रा की। इस दौरान न तो एयरपोर्ट स्टाफ को उसके छिपने की भनक लगी और न ही उड़ान के दौरान किसी को शक हुआ। इस पूरी घटना ने यह साफ कर दिया कि सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक हुई है,क्योंकि इतनी कड़ी निगरानी वाले हवाई अड्डे पर कोई नाबालिग इस तरह विमान में छिपकर प्रवेश कर गया और घंटों तक की फ्लाइट तय कर भारत पहुँच गया।
एयरलाइन और एयरपोर्ट अधिकारियों को तुरंत इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद विमान की पूरी तलाशी ली गई। एयरलाइन की सुरक्षा और इंजीनियरिंग टीम ने लैंडिंग गियर एरिया से एक छोटा लाल रंग का ऑडियो स्पीकर भी बरामद किया,जिसे बच्चा अपने साथ लेकर आया था। इस बरामदगी के बाद आशंका जताई गई कि बच्चा संभवत: कुछ सामान भी अपने साथ भारत लाने की कोशिश कर रहा था। हालाँकि,विस्तृत जाँच में यह स्पष्ट हुआ कि उसके पास कोई खतरनाक या संदिग्ध वस्तु नहीं थी।
बच्चे को पकड़ने के बाद उसे दिल्ली एयरपोर्ट के आई-टू-आई (इमीग्रेशन टू इमीग्रेशन) क्षेत्र में ले जाया गया। यहाँ संबंधित सुरक्षा एजेंसियों ने उससे विस्तृत पूछताछ की। जाँच में सामने आया कि बच्चा अकेले भारत आया है और उसकी मंशा किसी आपराधिक गतिविधि से जुड़ी नहीं थी। सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि यह घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा नहीं है। पूछताछ के बाद सभी आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी की गईं।
इसके तुरंत बाद फैसला लिया गया कि नाबालिग को उसी दिन वापस काबुल भेजा जाएगा। दोपहर में कम एयरलाइंस की वापसी फ्लाइट आरक्यू-4402 से बच्चे को सुरक्षित तरीके से अफगानिस्तान भेज दिया गया। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अफगानिस्तान के संबंधित अधिकारियों को भी घटना की पूरी जानकारी दी।
हालाँकि,इस घटना ने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह समझना बेहद जरूरी है कि बच्चा आखिरकार काबुल एयरपोर्ट पर इतनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देकर लैंडिंग गियर तक कैसे पहुँचा। लैंडिंग गियर विमान का वह हिस्सा है,जो अत्यधिक खतरनाक और असुविधाजनक माना जाता है। यहाँ न तो पर्याप्त ऑक्सीजन होती है और न ही उड़ान के दौरान ठंड और दबाव से बचाव की कोई व्यवस्था। इसके बावजूद बच्चा इस हिस्से में कई घंटे की यात्रा कर जीवित भारत तक पहुँच गया।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना बेहद चिंताजनक है क्योंकि यदि कोई नाबालिग इतनी आसानी से विमान तक पहुँच सकता है,तो यह सुरक्षा में बड़ी खामी का संकेत है। यही वजह है कि एयरपोर्ट अथॉरिटी और सुरक्षा एजेंसियाँ अब इस बात की गहराई से जाँच कर रही हैं कि सुरक्षा घेरा कहाँ कमजोर पड़ा। यह भी देखा जा रहा है कि क्या यह घटना महज लापरवाही का नतीजा है या इसमें किसी अंदरूनी मिलीभगत की संभावना है।
इस पूरी घटना ने एयरलाइंस कंपनियों के सामने भी नई चुनौती खड़ी कर दी है। कंपनियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि विमान के टेकऑफ से पहले लैंडिंग गियर और अन्य हिस्सों की पूरी तरह जाँच हो,ताकि कोई व्यक्ति वहाँ छिपकर सफर न कर सके। वहीं,एयरपोर्ट प्रबंधन पर भी यात्रियों और विमानों की सुरक्षा को और मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है।
फिलहाल,यह राहत की बात रही कि बच्चा किसी आपराधिक उद्देश्य से भारत नहीं आया था और उसे सुरक्षित रूप से वापस भेज दिया गया,लेकिन इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में सुरक्षा की थोड़ी सी भी चूक बड़े खतरे का कारण बन सकती है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि जाँच में क्या निष्कर्ष निकलते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।