न्यूयॉर्क,27 सितंबर (युआईटीवी)- भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के हालिया दावे पर कड़ा रुख अपनाते हुए उसे बेतुका और वास्तविकता से कोसों दूर बताया। शरीफ ने हाल ही में यह बयान दिया था कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ युद्ध जीत लिया है और उनके तबाह एयरबेस व नष्ट रनवे किसी “जीत” के प्रतीक हैं। इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर तबाह एयरफोर्स बेस और जले हुए हैंगर ही जीत के प्रतीक हैं,तो पाकिस्तान इसे खुलकर मना सकता है,लेकिन भारत कभी भी आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकने वाला नहीं है।
भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयानों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि शरीफ ने जिस तरह से युद्ध जीतने का दावा किया है,वह पूरी तरह हास्यास्पद है और यह साफ दिखाता है कि पाकिस्तान किस तरह की मानसिकता से काम कर रहा है। गहलोत ने कहा, “अगर तबाह रनवे और जल चुके हैंगर को प्रधानमंत्री शरीफ जीत का प्रतीक मानते हैं,तो पाकिस्तान को इसे मनाने का पूरा हक है,लेकिन सच यह है कि भारत की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान की हकीकत दुनिया के सामने ला दी है।”
गहलोत ने शरीफ के भाषण को “सुबह-सुबह का बेतुका ड्रामा” बताते हुए कहा कि यह सब दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए किया गया। उन्होंने साफ कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है और इस पर कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने दो टूक कहा, “जहाँ तक आतंकवाद का सवाल है,भारत स्पष्ट करता है कि आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों में कोई फर्क नहीं किया जाएगा। दोनों को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
भारत ने यह भी स्पष्ट चेतावनी दी कि वह कभी भी परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। गहलोत ने कहा, “भारत किसी भी धमकी के आगे नहीं झुकेगा। दुनिया के लिए भारत का संदेश साफ है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस होना चाहिए।” उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आतंकवाद उसकी विदेश नीति का केंद्र है और हाल की घटनाओं ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है। इस्लामाबाद न सिर्फ आतंकवाद की तारीफ करता है,बल्कि आतंकियों को संरक्षण देता है और उनकी गतिविधियों को खुलेआम प्रायोजित करता है।
गहलोत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान कितना भी ड्रामा करे या कितने भी झूठ बोले, सच्चाई छिप नहीं सकती। उन्होंने याद दिलाया कि कुछ ही समय पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने वाले संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को बचाने की कोशिश की थी। यह वही संगठन है,जिसने बेशर्मी से यह स्वीकार किया था कि उसने 26 हिंदू और ईसाई पर्यटकों की हत्या की थी। गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान का यह रवैया इस बात का सबूत है कि आतंकवाद उसके डीएनए में शामिल है और उसकी सरकार लगातार इसे प्रायोजित करती रही है।
भारत ने यह भी उजागर किया कि हाल के संघर्षों के दौरान पाकिस्तान का असली चेहरा किस तरह सामने आया। गहलोत ने बताया कि मई महीने में जब दोनों देशों के बीच हालिया संघर्ष खत्म हुआ,तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने अजीबोगरीब बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तो 9 मई तक भारत पर और हमले की धमकी दे रहा था,लेकिन 10 मई को उसकी सेना ने ही भारत से संघर्ष विराम की गुजारिश कर दी। गहलोत ने बताया कि पाकिस्तान के मिलिट्री ऑपरेशंस के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारतीय सेना के अपने समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन कर संघर्ष रोकने की माँग की। उन्होंने कहा कि यह माँग इसलिए उठानी पड़ी क्योंकि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह कर दिए थे और उसका भारी नुकसान पूरी दुनिया ने देखा।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि ने साफ किया कि पाकिस्तान की ओर से उठाए गए आरोप और बयानबाजी सिर्फ झूठ का पुलिंदा हैं। असलियत यह है कि पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकवादी हमलों को प्रायोजित करता आया है। भारत ने भी इसी कारण ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था,ताकि पाकिस्तान की धरती पर मौजूद उन आतंकी ठिकानों को खत्म किया जा सके,जो भारत के निर्दोष नागरिकों की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं। गहलोत ने कहा कि यह ऑपरेशन पूरी तरह वैध था क्योंकि इसका मकसद अपने लोगों की रक्षा करना था। उन्होंने कहा कि इस अभियान में कई ऐसे आतंकी ठिकाने तबाह किए गए,जिनका इस्तेमाल भारत में हमले करने के लिए किया जा रहा था।
भारत ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए यह भी कहा कि जो देश दशकों से आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है,वह आज ऐसे बेतुके तर्क देकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। गहलोत ने कहा, “एक तस्वीर हजार शब्द कहती है और हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर और मुरिदके में भारतीय सेना द्वारा तबाह किए गए आतंकी ठिकानों की तस्वीरें पूरी दुनिया के सामने रखी हैं। इन तस्वीरों से साफ है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता रहा है और आज भी उनकी रक्षा करता है।”
उन्होंने पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वहाँ के बड़े अधिकारी और मंत्री खुलेआम खूंखार आतंकियों की तारीफ करते हैं,तो यह समझना मुश्किल नहीं है कि उनकी असल मंशा क्या है। उन्होंने याद दिलाया कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने अप्रैल में ब्रिटेन के स्काई न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद स्वीकार किया था कि पाकिस्तान दशकों से आतंकी कैंप चला रहा है। गहलोत ने कहा कि जब इस स्तर पर ऐसी बातें स्वीकार की जाती हैं,तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का दोहरापन कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
भारत ने शरीफ के उस बयान का भी जवाब दिया,जिसमें उन्होंने संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका का दावा किया था। गहलोत ने इस पर स्पष्ट कहा कि भारत और पाकिस्तान लंबे समय से इस बात पर सहमत हैं कि उनके बीच कोई भी मुद्दा द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाएगा। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। यह भारत की पुरानी और अटल राष्ट्रीय नीति है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
भारत का यह कड़ा रुख पाकिस्तान को एक बार फिर यह संदेश देता है कि वह अपनी झूठी बयानबाजी और आतंकवाद को संरक्षण देने वाली नीतियों से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह नहीं कर सकता। भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और आतंकियों को पनाह देने वाले दोनों को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गहलोत के इस बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का तथाकथित “जीत का दावा” केवल खोखला प्रचार है,जबकि वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान को भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह भी साबित कर दिया कि भारत आतंकवाद और उसके प्रायोजकों को लेकर कितना गंभीर है और वह किसी भी स्थिति में अपने नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। शरीफ के बयानों का मजाक उड़ाते हुए भारत ने न केवल पाकिस्तान की पोल खोली,बल्कि पूरी दुनिया को यह भी दिखा दिया कि इस्लामाबाद अब भी आतंकवाद को अपनी विदेश नीति का मुख्य साधन बनाए हुए है। भारत ने एक बार फिर दोहराया कि उसकी नीति साफ है—आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और किसी भी ब्लैकमेल के आगे न झुकना।
इस तरह संयुक्त राष्ट्र में भारत का यह सशक्त जवाब पाकिस्तान के लिए करारा तमाचा साबित हुआ है,जो बार-बार अपनी झूठी जीत का ढोल पीटने की कोशिश करता है। सच्चाई यह है कि पाकिस्तान की धरती पर आतंकी कैंप पनप रहे हैं और उसकी सरकार उन्हें संरक्षण देती रही है। यही उसकी सबसे बड़ी हार है,जबकि भारत अपनी नीति और कार्रवाई से यह दिखा रहा है कि वह किसी भी हालत में आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा और अपने लोगों की रक्षा करेगा।