मिशिगन चर्च में भीषण गोलीबारी और आगजनी (तस्वीर क्रेडिट@AkashYadav_02)

मिशिगन चर्च में भीषण गोलीबारी और आगजनी,चार की मौत,आठ घायल,पूर्व मरीन हमलावर थॉमस जैकब सैनफोर्ड ढेर

मिशिगन,29 सितंबर (युआईटीवी)- अमेरिका के मिशिगन राज्य से रविवार को दिल दहला देने वाली खबर सामने आई,जब एक चर्च में प्रार्थना सभा के दौरान पूर्व अमेरिकी मरीन ने पहले कार से चर्च में टक्कर मारी और फिर असॉल्ट राइफल से अंधाधुंध गोलियाँ बरसा दीं। इस खौफनाक हमले में कम-से-कम चार लोगों की मौत हो गई,जबकि आठ अन्य घायल हो गए। ग्रैंड ब्लैंक में स्थित “चर्च ऑफ जीसस क्राइस्ट ऑफ लैटर-डे सेंट्स” में हुई इस घटना ने पूरे अमेरिका को झकझोर दिया है। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में हमलावर को मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया,लेकिन तब तक वह चर्च को खून और धुएँ से भर चुका था।

पुलिस के मुताबिक,हमलावर की पहचान 40 वर्षीय थॉमस जैकब सैनफोर्ड के रूप में हुई है,जो इराक युद्ध में सेवा दे चुका एक पूर्व अमेरिकी सैनिक था। ग्रैंड ब्लैंक टाउनशिप के पुलिस प्रमुख विलियम रेने ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सैनफोर्ड ने रविवार तड़के चर्च में घुसकर इस पूरे हमले को अंजाम दिया। सबसे पहले उसने अपनी कार को सीधे चर्च की इमारत में दे मारा और फिर असॉल्ट राइफल निकालकर गोलियाँ चलानी शुरू कर दीं। अचानक हुई इस गोलीबारी से प्रार्थना में शामिल लोग चीख-पुकार मचाते हुए इधर-उधर भागने लगे। अफरा-तफरी के बीच चर्च में आग भी भड़क उठी,जिसने पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया।

स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग ने तुरंत मौके पर पहुँचकर राहत अभियान शुरू किया। शुरुआती जानकारी में कहा गया था कि गोलीबारी में दो लोगों की मौत हुई है,लेकिन बाद में जले हुए चर्च के मलबे से दो और शव बरामद किए गए,जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर चार हो गई। पुलिस के अनुसार,आठ लोग घायल हैं,जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

हमलावर के मकसद को लेकर अभी जाँच जारी है। पुलिस प्रमुख विलियम रेने ने कहा कि उनकी टीम सैनफोर्ड के घर और फोन रिकॉर्ड की जाँच करेगी,ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने यह भयावह कदम क्यों उठाया। उन्होंने बताया कि फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह हमला किसी धार्मिक नफरत से प्रेरित था या फिर इसके पीछे कोई व्यक्तिगत वजह थी,लेकिन जिस तरह से हमलावर ने चर्च और प्रार्थना सभा को निशाना बनाया,उसने लोगों में दहशत और आक्रोश दोनों पैदा कर दिए हैं।

घटना के तुरंत बाद पुलिस ने इलाके को घेर लिया और लोगों से अपील की कि वे आसपास न आएँ क्योंकि इमरजेंसी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था। आगजनी के चलते पूरा चर्च मलबे में तब्दील हो गया और बचावकर्मियों को शवों को निकालने में घंटों लग गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हमले के वक्त चर्च में दर्जनों लोग मौजूद थे और अचानक हुई इस गोलीबारी से हर तरफ भगदड़ मच गई थी।

इस घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि उन्हें इस भयावह चर्च गोलीबारी की जानकारी दी गई है। ट्रंप ने कहा, “यह गोलीबारी अमेरिका में ईसाइयों पर एक और लक्षित हमला प्रतीत होता है। एफबीआई की टीम घटनास्थल पर पहुँच चुकी है और जाँच जारी है। हमारे देश में हिंसा की इस महामारी को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।” राष्ट्रपति के इस बयान से साफ है कि इस घटना को केवल एक आपराधिक वारदात के तौर पर नहीं देखा जा रहा,बल्कि इसे धार्मिक स्थलों पर लगातार बढ़ रहे हमलों की कड़ी में जोड़ा जा रहा है।

मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर ने भी इस घटना पर दुख प्रकट किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ग्रैंड ब्लैंक समुदाय के लिए मेरा दिल टूट रहा है। कहीं भी,खासकर किसी पूजा स्थल पर हिंसा अस्वीकार्य है। हम प्रभावित परिवारों के साथ खड़े हैं और जाँच एजेंसियों को हर संभव सहयोग देंगे।”

यह घटना ऐसे समय पर हुई है,जब अमेरिका में गन वायलेंस एक बार फिर राष्ट्रीय बहस का विषय बना हुआ है। हाल के वर्षों में चर्च,स्कूल और सार्वजनिक स्थलों पर गोलीबारी की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। हर हमले के बाद गन कंट्रोल कानून को सख्त करने की माँग उठती है,लेकिन राजनीतिक मतभेदों के कारण यह मुद्दा बार-बार अटक जाता है। मिशिगन की इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक निर्दोष लोग पूजा स्थलों और सार्वजनिक जगहों पर इस तरह के हमलों का शिकार होते रहेंगे।

ग्रैंड ब्लैंक का यह चर्च अब मलबे में तब्दील हो चुका है,लेकिन उसकी दीवारों पर लगे जलने के निशान और वहाँ बिखरे खून के धब्बे इस भयावह रविवार की कहानी बयां कर रहे हैं। मृतकों के परिवार और घायल पीड़ित अब जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं,वहीं पूरा समुदाय शोक और आक्रोश में डूबा हुआ है।

यह हमला न केवल मिशिगन,बल्कि पूरे अमेरिका के लिए एक चेतावनी है कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है। फिलहाल,पुलिस और एफबीआई इस मामले की गहराई से जाँच कर रही है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हमलावर की मानसिक स्थिति और मकसद को लेकर अधिक जानकारी सामने आएगी।