करूर रैली में भगदड़ की घटना के बाद केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया घटनास्थल दौरा (तस्वीर क्रेडिट@AIRNewsHindi)

करूर रैली में भगदड़: 41 की मौत, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया घटनास्थल दौरा,ली हादसे की जानकारी

करूर,29 सितंबर (युआईटीवी)- तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर को हुई रैली के दौरान हुई भगदड़ की घटना ने पूरे राज्य और देश को झकझोर कर रख दिया है। तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) पार्टी के प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली में भारी भीड़ उमड़ने के कारण अचानक भगदड़ मच गई,जिसमें अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस हादसे ने राजनीतिक आयोजनों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस घटना के बाद सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों से घटना की विस्तृत जानकारी ली और रैली स्थल पर मौजूद सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी जुटाई। निर्मला सीतारमण ने इस दौरान मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। इसके अलावा उन्होंने घायल लोगों से भी मुलाकात की और उनके इलाज तथा सहायता की स्थिति का जायजा लिया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन और तमिलनाडु भाजपा प्रमुख नैनार नागेंद्रन भी मौजूद रहे।

करूर में हुई इस रैली में विजय का भाषण सुनने के लिए हजारों लोग एकत्रित हुए थे। अधिकारियों के अनुसार,जैसे ही विजय का भाषण समाप्त हुआ,बड़ी संख्या में लोग एक ही समय में बाहर निकलने लगे। इसी दौरान रैली स्थल पर असंतुलित भीड़ ने भगदड़ का रूप ले लिया। भगदड़ के कारण लोग आपस में ठोकरें खाकर नीचे गिरने लगे और कई लोग नीचे दब गए। वहीं,घायलों को तत्काल अस्पताल पहुँचाया गया,जहाँ उनका इलाज जारी है। इस हादसे में बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं,जिनमें कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।

चेन्नई में सोमवार को इस हादसे की याद में एक श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई। इस सभा में एआईएडीएमके सदस्यों की उपस्थिति में मोमबत्तियाँ जलाई गईं और मृतकों की आत्माओं के लिए प्रार्थना की गई। श्रद्धांजलि सभा में शामिल लोगों ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई।

इस घटना के बाद देश के बड़े नेताओं ने भी गहरा दुख व्यक्त किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इस घोषणा से प्रभावित परिवारों को कुछ राहत मिली है,लेकिन मनोवैज्ञानिक और सामाजिक चोट अभी भी गहरी बनी हुई है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए रैली में सुरक्षा व्यवस्थाओं और भगदड़ के कारणों की जाँच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में न्यायिक जाँच का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के कड़े मानक लागू किए जाएँगे। सरकार की यह पहल इस दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि करूर की रैली में हुई भगदड़ इस बात का उदाहरण है कि बड़े राजनीतिक आयोजनों में पर्याप्त भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन तैयारी की जरूरत कितनी महत्वपूर्ण है। आयोजकों और सुरक्षा बलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की भीड़ में किसी भी परिस्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया की जा सके और जानमाल के नुकसान को रोका जा सके।

निर्मला सीतारमण के दौरे ने प्रभावित परिवारों और घायल लोगों को सांत्वना दी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए और मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए। केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार इस हादसे से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और मदद के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

इस घटना ने तमिलनाडु और देश के अन्य हिस्सों में राजनीतिक आयोजनों में सुरक्षा के महत्व को एक बार फिर उजागर किया है। रैलियों,समारोहों और बड़े कार्यक्रमों में भीड़ नियंत्रण की कमी अक्सर गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है। करूर की घटना ने इस दिशा में चेतावनी की घंटी बजा दी है।

राजनीतिक दलों और नागरिक समाज ने भी इस हादसे के बाद व्यापक प्रतिक्रिया दी है। लोगों ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और राज्य सरकार से सुरक्षा में सुधार की माँग की। वहीं,तमिलनाडु में राजनीतिक नेताओं के बीच भी यह सवाल उठ रहा है कि बड़े आयोजनों के दौरान ऐसी भीड़भाड़ को कैसे नियंत्रित किया जाए और भविष्य में ऐसे हादसों को कैसे रोका जा सके।

करूर रैली में हुई भगदड़ ने न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण का दौरा,मृतकों और घायलों से मुलाकात और न्यायिक जाँच की घोषणा इस दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं,लेकिन यह हादसा याद दिलाता है कि बड़े आयोजनों में पर्याप्त भीड़ नियंत्रण और तत्परता के बिना बड़ी त्रासदी घट सकती है। ऐसे में सरकार,आयोजक और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और सतर्कता अनिवार्य हो गई है।