स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ ​​स्वामी पार्थसारथी (तस्वीर क्रेडिट@write2divya)

चैतन्यानंद मामले में दिल्ली पुलिस का शिकंजा,इंस्टिट्यूट में पहुँचकर जुटाए डिजिटल सबूत,टॉर्चर रूम में की पूछताछ

नई दिल्ली,29 सितंबर (युआईटीवी)- राजधानी दिल्ली में यौन शोषण के गंभीर मामले में आरोपी बाबा चैतन्यानंद पर दिल्ली पुलिस का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। रविवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने बाबा को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। इसके बाद सोमवार तड़के दिल्ली पुलिस की एक टीम बाबा को उस इंस्टिट्यूट लेकर पहुँची,जहाँ कथित तौर पर छात्राओं का यौन शोषण किया जाता था।

पुलिस ने इंस्टिट्यूट में बाबा के ग्राउंड फ्लोर पर बने टॉर्चर रूम का निरीक्षण किया,जिसमें वह छात्राओं को निजी तौर पर मिलने के लिए बुलाता था। पुलिस का दावा है कि बाबा ने इस रूम का इस्तेमाल कई लड़कियों के शोषण के लिए किया। पुलिस ने इस दौरान इंस्टिट्यूट में लगे सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन की भी जाँच की और यह पता लगाया कि किन कैमरों की एक्सेस बाबा के पास थी। साथ ही यह देखा गया कि वह किस प्रकार छात्राओं की गतिविधियों पर नजर रखता था।

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में धारा 351(3) भी जोड़ी है। यह गैर-जमानती अपराध है और हत्या की धमकी जैसे गंभीर अपराधों के लिए लगाई जाती है। इससे पहले इस मामले में धारा 351(2) लागू की गई थी,जो अपेक्षाकृत कम गंभीर मानी जाती है। पुलिस का कहना है कि बाबा ने अब तक 16 लड़कियों के साथ यौन शोषण किया है और इसके पुख्ता डिजिटल सबूत भी मौजूद हैं।

पुलिस ने कोर्ट से बाबा और पीड़िताओं का आमना-सामना कराने तथा छिपाए गए डिजिटल सबूतों को इकट्ठा करने के लिए हिरासत की माँग की थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस के मुताबिक,चैतन्यानंद ने बाथरूम तक में कैमरे लगाए थे,जिससे छात्राओं की निजता का गंभीर उल्लंघन हुआ। इसके अलावा पुलिस ने पाया कि बाबा पीड़ित लड़कियों को अल्मोड़ा,गुड़गांव और फरीदाबाद तक ले जाता था,ताकि उनका शोषण कर सके और किसी को सूचना न मिल पाए।

चैतन्यानंद के वकील ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं कर रही है। वकीलों का यह भी तर्क है कि बाबा वरिष्ठ नागरिक और साधु हैं,जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पहले ही बाबा का सारा सामान जब्त कर लिया है। हालाँकि,पुलिस का कहना है कि यह जाँच और सबूत जुटाने के लिए जरूरी कदम हैं,ताकि सभी तथ्य स्पष्ट हो सकें।

जाँच में यह सामने आया है कि चैतन्यानंद ने इंस्टिट्यूट में कई डिजिटल और तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया। पुलिस अब आईपी एड्रेस और डिजिटल फिंगरप्रिंट की भी जाँच कर रही है,ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस समय और किस प्रकार की गतिविधियाँ की गईं। पुलिस का दावा है कि इस प्रक्रिया से और भी कई खुलासे होंगे,जिससे इस बड़े शोषण के नेटवर्क का पता चल सकेगा।

पुलिस ने यह भी कहा कि डिजिटल सबूतों की मदद से यह स्पष्ट हो रहा है कि चैतन्यानंद ने किस तरह अपने प्रभाव और अधिकार का गलत इस्तेमाल करके छात्राओं को नियंत्रित किया। प्रारंभिक जाँच के मुताबिक,वह न केवल छात्राओं का यौन शोषण करता था,बल्कि उन्हें डराने-धमकाने के लिए भी कई तरीके अपनाता था। इंस्टिट्यूट में लगे कैमरे और अन्य उपकरण इसके प्रमाण हैं।

इस मामले में अब तक 16 लड़कियों ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का मानना है कि आगे और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं और उनके बयान तथा डिजिटल सबूतों की मदद से चैतन्यानंद के खिलाफ आरोप और मजबूत होंगे। अधिकारियों ने कहा है कि हिरासत के दौरान बाबा से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में पुलिस की कार्रवाई बहुत सटीक और रणनीतिक है। आरोपी के प्रभाव और उसके संस्थान के नेटवर्क को देखते हुए डिजिटल सबूत और स्थानीय जाँच का संतुलित उपयोग ही इस मामले में सफलता दिला सकता है। पुलिस लगातार यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी प्रक्रियाएँ कानूनी रूप से सही ढंग से पूरी हों और पीड़ितों के हक सुरक्षित रहें।

चैतन्यानंद मामले ने न केवल दिल्ली,बल्कि पूरे देश में ध्यान खींचा है। यह मामला यौन शोषण और शैक्षिक संस्थानों में सुरक्षा की जरूरत पर गंभीर सवाल उठाता है। पुलिस की ताजा कार्रवाई और इंस्टिट्यूट में जाकर डिजिटल सबूत जुटाना इस मामले की जाँच को एक नई दिशा दे रहा है। आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना है,जो न केवल आरोपी के खिलाफ मजबूत मामला बनाएँगे,बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों की रोकथाम में भी मदद करेंगे।