नई दिल्ली,30 सितंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत गाजा संघर्ष समाप्ति योजना का स्वागत करते हुए इसे फिलिस्तीनी और इजरायली लोगों के लिए दीर्घकालिक और स्थायी शांति का मार्गदर्शक बताया। पीएम मोदी ने अपने संदेश में जोर देते हुए कहा कि यह पहल न केवल दोनों पक्षों के लिए,बल्कि पूरे पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए स्थिरता,सुरक्षा और विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। मोदी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है,जब दुनिया की निगाहें गाजा और इजरायल के बीच दो वर्षों से चल रहे संघर्ष के समाधान पर टिकी हुई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि अमेरिका द्वारा प्रस्तुत यह व्यापक योजना सभी संबंधित पक्षों के लिए युद्ध विराम और स्थायी शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक व्यवहार्य और ठोस प्रयास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी पक्ष इस पहल के पीछे एकजुट होंगे और शांति स्थापना की दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाएँगे। इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि भारत मध्य पूर्व संघर्षों में स्थिरता और सुरक्षा की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के पक्ष में है और शांति प्रयासों का समर्थन करता है।
व्हाइट हाउस ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बैठक के बाद इस शांति योजना की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य गाजा और इजरायल के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष को तुरंत समाप्त करना और क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करना है। इस पहल का स्वागत पहले ही कई देशों ने कर दिया है। कनाडा,कतर,जॉर्डन,संयुक्त अरब अमीरात,इंडोनेशिया,पाकिस्तान,तुर्की,सऊदी अरब और मिस्र ने अमेरिकी शांति योजना का समर्थन किया है। इन देशों ने योजना को गाजा के पुनर्विकास और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
शांति योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि गाजा पट्टी को एक गैर-कट्टरपंथी, आतंक-मुक्त क्षेत्र बनाने की व्यवस्था की गई है। इस पहल के तहत गाजा के पुनर्विकास और बुनियादी ढाँचे के सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा,ताकि वहाँ रहने वाले नागरिकों को मानवीय सहायता प्राप्त हो सके और उनकी जीवन-स्तर में सुधार हो। योजना के अनुसार,गाजा की हवाई और तोपखाने की बमबारी समेत सभी सैन्य अभियान स्थगित रहेंगे और युद्ध रेखाएँ तब तक स्थिर रहेंगी,जब तक कि दोनों पक्षों द्वारा निर्धारित चरणबद्ध वापसी की शर्तें पूरी नहीं हो जातीं।
We welcome President Donald J. Trump’s announcement of a comprehensive plan to end the Gaza conflict. It provides a viable pathway to long term and sustainable peace, security and development for the Palestinian and Israeli people, as also for the larger West Asian region. We…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2025
योजना में बंधकों की रिहाई को भी प्राथमिकता दी गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि इजरायली सेनाएँ बंधकों की रिहाई की तैयारी के लिए सहमत रेखा पर वापस लौट जाएँगी। इसके तहत सभी बंधकों को 72 घंटों के भीतर वापस लौटाया जाएगा। इसमें न केवल जीवित बंधक शामिल होंगे,बल्कि मृत बंधकों की अवशेष भी सौंपे जाएँगे। इसके अतिरिक्त,इजरायल 250 आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों और 7 अक्टूबर, 2023 के बाद हिरासत में लिए गए 1700 गाजावासियों को रिहा करेगा,जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी शामिल हैं। हर रिहा किए गए इजराइली बंधक के बदले 15 मृत गाजावासियों के अवशेष सौंपे जाएंगे।
इस योजना में हमास के सदस्यों के लिए भी व्यवस्था की गई है। सभी बंधकों की रिहाई और युद्ध समाप्ति के बाद,हमास के वे सदस्य जो शांति और सह-अस्तित्व के लिए प्रतिबद्ध हैं,उन्हें माफी दी जाएगी। इसके अलावा,जो सदस्य गाजा छोड़ना चाहते हैं,उन्हें सुरक्षित मार्ग प्रदान किया जाएगा। इस पहल से यह सुनिश्चित किया गया है कि हिंसा की पुनरावृत्ति न हो और दोनों पक्षों के बीच भरोसेमंद शांति स्थापित हो सके।
गाजा के पुनर्विकास और मानवीय सहायता पर भी योजना में विशेष ध्यान दिया गया है। शांति स्थापित होते ही गाजा पट्टी में तुरंत सहायता पहुँचाई जाएगी। इसमें बुनियादी ढाँचे जैसे पानी,बिजली,सीवेज,अस्पतालों और बेकरियों का पुनर्विकास शामिल है। इसके साथ ही मलबा हटाने,सड़कें खोलने और अन्य आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति की जाएगी। सहायता वितरण संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों,रेड क्रॉस और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी पक्ष का हस्तक्षेप न हो और सहायता सीधे जरूरतमंदों तक पहुँचे।
राफा क्रॉसिंग की भी योजना में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे दोनों दिशाओं में खोलने की व्यवस्था की गई है,जो 19 जनवरी, 2025 के मानवीय समझौते के तहत लागू की गई समान व्यवस्था के अधीन होगी। यह कदम गाजा और बाहरी दुनिया के बीच संपर्क बनाए रखने और आवश्यक सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि यह पहल केवल युद्ध विराम तक सीमित नहीं है। यह गाजा और इजरायल के लोगों के लिए स्थायी विकास और सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी पक्ष राष्ट्रपति ट्रंप की पहल का समर्थन करेंगे और संघर्ष को समाप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाएँगे। इस पहल के समर्थन में भारत का रुख स्पष्ट है और यह मध्य पूर्व में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस योजना से गाजा और इजरायल के बीच लंबे समय से चली आ रही हिंसा और संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी। मानवीय दृष्टिकोण से भी यह योजना महत्वपूर्ण है,क्योंकि इसमें नागरिकों की सुरक्षा,बुनियादी सुविधाओं की बहाली और मानवीय सहायता पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह पहल केवल राजनीतिक समझौता नहीं,बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और भविष्य के लिए एक दीर्घकालिक समाधान प्रस्तुत करती है।
गाजा संघर्ष के दौरान दोनों पक्षों ने भारी जनहानि और बुनियादी ढाँचे को नुकसान देखा है। ऐसे में अमेरिकी शांति योजना न केवल युद्ध समाप्ति की दिशा में एक प्रयास है,बल्कि गाजा के पुनर्निर्माण और वहाँ के लोगों के जीवन स्तर सुधारने की दिशा में भी एक ठोस कदम है। यदि सभी पक्ष इस योजना को स्वीकार करते हैं,तो यह मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अमेरिकी शांति पहल का स्वागत इस बात का संकेत है कि भारत मध्य पूर्व संघर्षों में सक्रिय और सकारात्मक भूमिका निभाने के पक्ष में है। इस पहल से गाजा और इजरायल के लोगों को स्थायी शांति और सुरक्षा प्राप्त होगी और क्षेत्रीय देशों के बीच सहयोग और विकास की संभावनाएँ बढ़ेंगी। यह योजना न केवल तत्काल युद्ध विराम सुनिश्चित करती है,बल्कि दीर्घकालिक और स्थायी शांति,सुरक्षा और विकास का मार्ग भी प्रशस्त करती है,जो पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा रही है।