वॉशिंगटन,30 सितंबर (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बड़ा और विवादास्पद बयान देते हुए कहा है कि अमेरिका के फिल्म उद्योग को अन्य देशों द्वारा लगातार चुराया जा रहा है। उन्होंने इस स्थिति की तुलना ‘बच्चे से कैंडी छीनने’ जैसी की और इसे रोकने के लिए अमेरिका से बाहर बनने वाली फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने अपने इस कदम को अमेरिका को फिर से महान बनाने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम बताया।
ट्रंप ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “हमारा फिल्म निर्माण व्यवसाय संयुक्त राज्य अमेरिका से दूसरे देशों द्वारा चुराया गया है, ठीक वैसे ही जैसे ‘बच्चे से कैंडी’ चुराना। कैलिफोर्निया,अपने कमजोर और अक्षम गवर्नर के कारण,इससे ख़ास तौर पर बुरी तरह प्रभावित हुआ है।” ट्रंप के अनुसार यह समस्या वर्षों से चल रही है और अमेरिकी फिल्म उद्योग लगातार विदेशी प्रतिस्पर्धा और अवैध नकल का शिकार हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा, “इस लंबे समय से चली आ रही,कभी न खत्म होने वाली समस्या के समाधान के लिए,मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहर बनने वाली सभी फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा रहा हूँ। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद। अमेरिका को फिर से महान बनाएँ!” ट्रंप का यह कदम उनकी ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ नीति का हिस्सा माना जा रहा है,जिसमें वे अमेरिकी उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा और अवैध नकल से बचाने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप द्वारा विदेशों में बनी फिल्मों पर टैरिफ लगाने का यह फैसला वैश्विक फिल्म उद्योग में भूचाल ला सकता है। इस नीति के लागू होने से विदेशी फिल्म निर्माताओं के लिए अमेरिका में अपने प्रोडक्ट बेचने की लागत दोगुनी या उससे भी अधिक हो जाएगी,जिससे अमेरिकी बाजार में उनकी उपस्थिति सीमित हो सकती है। वहीं,अमेरिकी फिल्म कंपनियों को अपने घरेलू बाजार की सुरक्षा मिलेगी और उन्हें विदेशी प्रतिस्पर्धा से राहत मिलेगी।
ट्रंप के इस फैसले ने अमेरिकी फिल्म उद्योग के भविष्य पर भी नए सवाल खड़े कर दिए हैं। फिल्म निर्माता और हॉलीवुड के स्टूडियो अब इस नीति के लागू होने के बाद नई रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं। वैश्विक फिल्म वितरण और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी इस फैसले से प्रभावित हो सकती हैं। साथ ही,अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल और बॉक्स ऑफिस संग्रह पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है।
ट्रंप ने इसी के साथ अमेरिका के फर्नीचर उद्योग के संरक्षण की दिशा में भी कदम उठाने की बात कही। एक अन्य ट्रुथ पोस्ट में उन्होंने लिखा, “उत्तरी कैरोलिना,जिसने अपना फर्नीचर व्यवसाय चीन और अन्य देशों के हाथों पूरी तरह से खो दिया है,को फिर से महान बनाने के लिए मैं उन सभी देशों पर भारी शुल्क लगाऊँगा,जो संयुक्त राज्य अमेरिका में अपना फर्नीचर नहीं बनाते।” यह स्पष्ट संकेत है कि ट्रंप का फोकस केवल फिल्म उद्योग तक सीमित नहीं है,बल्कि वह अमेरिकी उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुरक्षा के लिए व्यापक नीति बना रहे हैं।
इस साल मई में ही ट्रंप ने इस मुद्दे को लेकर संकेत दिए थे कि विदेशों में बनने वाली फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। अप्रैल में चीन ने भी ऐलान किया था कि वह अमेरिका से इंपोर्ट होने वाली फिल्मों की संख्या में कटौती करेगा। इसके जवाब में ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया था,जिससे अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और बढ़ गया।
विश्लेषकों के अनुसार,ट्रंप की यह नई नीति न केवल अमेरिकी फिल्म उद्योग के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगी,बल्कि वैश्विक फिल्म वितरण और व्यापारिक रणनीतियों को भी पूरी तरह बदल सकती है। अमेरिकी फिल्म निर्माता अब विदेशी बाजारों के बजाय घरेलू उत्पादन और वितरण पर अधिक ध्यान देंगे। वहीं,अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं को अमेरिकी बाजार में प्रवेश के लिए नए टैरिफ और नियमों के अनुरूप रणनीति बनानी होगी।
ट्रंप की इस नीति का असर अगले कुछ महीनों में वैश्विक फिल्म बाजार पर दिखाई देने लगेगा। विदेशी फिल्म कंपनियों के लिए अमेरिका में प्रोडक्ट की लागत बढ़ेगी,जबकि अमेरिकी फिल्म उद्योग को घरेलू बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिलेगा। अमेरिकी बॉक्स ऑफिस पर घरेलू फिल्मों की संख्या बढ़ सकती है,जिससे हॉलीवुड की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
हालाँकि,आलोचक ट्रंप के इस फैसले को विवादास्पद भी मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह का टैरिफ वैश्विक व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रभावित कर सकता है। कई फिल्म उद्योग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि टैरिफ के कारण अंतर्राष्ट्रीय फिल्म कंपनियों के साथ सहयोग और सह-निर्माण परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा,अमेरिकी दर्शकों को विदेशी फिल्मों की विविधता में कमी महसूस हो सकती है।
फिर भी, ट्रंप के समर्थक इसे अमेरिकी उद्योगों और रोजगार की सुरक्षा के लिए एक आवश्यक कदम मान रहे हैं। उनका मानना है कि यह नीति अमेरिका को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देने और घरेलू उद्योगों को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी। ट्रंप की ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ नीति के तहत यह फैसला अमेरिकी उद्योगों को मजबूत बनाने और विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के प्रयास का एक हिस्सा है।
इस तरह, ट्रंप का यह बड़ा ऐलान अमेरिकी फिल्म उद्योग,वैश्विक व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक सहयोग के लिए नई चुनौतियाँ और अवसर दोनों प्रस्तुत करता है। आने वाले महीनों में इसके प्रभाव और वैश्विक फिल्म बाजार में इसके असर को लेकर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं और यह स्पष्ट है कि अमेरिकी फिल्म उद्योग के भविष्य की दिशा अब इस नीति के आधार पर निर्धारित होगी।