नई दिल्ली,30 सितंबर (युआईटीवी)- कनाडा सरकार ने सोमवार को एक बड़ा और कड़ा फैसला लेते हुए कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई और उसके गिरोह को आतंकवादी घोषित कर दिया। इसके साथ ही उसके गैंग को भी कनाडा के क्रिमिनल कोड के तहत आतंकी संगठन की श्रेणी में डाल दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य कनाडा की धरती पर मौजूद अपराध और आतंक की जड़ों को खत्म करना है,जिनसे न केवल स्थानीय समुदाय बल्कि प्रवासी भारतीय समुदाय भी लंबे समय से प्रभावित हो रहा था। कनाडा के लोक सुरक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि बिश्नोई और उसका गिरोह हत्या,गोलीबारी,आगजनी और जबरन वसूली जैसी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है और इन अपराधों के जरिए समुदायों में भय और आतंक का माहौल बनाया गया है।
कनाडा के लोक सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने 29 सितंबर को इस फैसले की आधिकारिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि कनाडा में हिंसा,धमकी और आतंक के लिए कोई जगह नहीं है,खासकर जब यह गतिविधियाँ किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाकर फैलाई जाती हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने से न केवल उनके खिलाफ कार्रवाई को वैधानिक मजबूती मिलेगी,बल्कि कनाडाई नागरिकों और प्रवासी समुदायों को सुरक्षित माहौल भी मिल सकेगा।
सरकार द्वारा जारी बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि इस घोषणा के बाद अब बिश्नोई गैंग की कनाडा में मौजूद कोई भी संपत्ति,वाहन या धन फ्रीज या जब्त किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि अब कनाडा में कोई भी व्यक्ति या संस्था इस संगठन से जुड़ी संपत्तियों का लेन-देन नहीं कर पाएगी। यदि कोई ऐसा करता है,तो उसे क्रिमिनल ऑफेंस माना जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
कनाडा की आपराधिक संहिता (क्रिमिनल कोड) के अंतर्गत आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल होने का अर्थ है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मुकदमा चलाने और कार्रवाई करने के लिए अधिक शक्तिशाली साधन उपलब्ध हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर,अब किसी भी कनाडाई नागरिक या कनाडा में रह रहे व्यक्ति के लिए यह अपराध होगा कि वह किसी आतंकी संगठन की संपत्ति का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लेन-देन करे। यह नियम इस उद्देश्य से बनाए गए हैं,ताकि आतंकी गतिविधियों को आर्थिक सहयोग से वंचित किया जा सके और उनकी जड़ें कमजोर की जा सकें।
लोक सुरक्षा मंत्रालय ने आगे स्पष्ट किया कि यह जानते हुए भी कि किसी आतंकवादी समूह द्वारा किसी संसाधन का इस्तेमाल किया जाएगा या उससे लाभ उठाया जाएगा,प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उस समूह को संपत्ति या सहायता प्रदान करना भी अपराध की श्रेणी में आता है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि क्रिमिनल कोड के तहत यह सूचीबद्ध करना कनाडा के आव्रजन और सीमा अधिकारियों को भी मदद करेगा। इससे वे आव्रजन और शरणार्थी संरक्षण अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति के कनाडा में प्रवेश संबंधी निर्णय को अधिक सावधानीपूर्वक और सुरक्षित तरीके से ले पाएंगे।
सरकारी बयान में यह भी रेखांकित किया गया कि बिश्नोई गिरोह एक अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक संगठन है,जो मुख्य रूप से भारत से सक्रिय है। हालाँकि,इसकी गतिविधियाँ केवल भारत तक सीमित नहीं हैं। इस गिरोह की मौजूदगी कनाडा में भी है और यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों में सक्रिय है,जहाँ प्रवासी भारतीय समुदाय बड़ी संख्या में रहते हैं। गिरोह की आपराधिक गतिविधियाँ जैसे हत्या,गोलीबारी,आगजनी और जबरन वसूली ने कनाडा के समाज में असुरक्षा का माहौल बना दिया है। खासकर व्यापारियों,सांस्कृतिक हस्तियों और समुदाय के प्रमुख लोगों को यह गिरोह अक्सर निशाना बनाता रहा है।
कनाडा सरकार का मानना है कि बिश्नोई गिरोह को आतंकी संगठन घोषित करने से कानून प्रवर्तन एजेंसियों,सुरक्षा और खुफिया संस्थाओं को उनकी गतिविधियों पर अधिक प्रभावी तरीके से नकेल कसने का अवसर मिलेगा। यह कदम कनाडा की धरती पर सक्रिय अपराधियों और उनके नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में निर्णायक साबित हो सकता है।
लोक सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसांगरी ने इस अवसर पर कहा कि कनाडा में हर व्यक्ति को अपने घर और समुदाय में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है। सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि बिश्नोई गिरोह ने विशेष रूप से समुदायों को हिंसा और आतंक का शिकार बनाया है,जिससे कनाडा की सामाजिक संरचना पर भी नकारात्मक असर पड़ा है। इस गिरोह को सूचीबद्ध कर हम उनके अपराधों का सामना करने और उन्हें रोकने के लिए और अधिक प्रभावी उपाय कर पाएँगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला भारत और कनाडा दोनों देशों के लिए अहम है। भारत में लॉरेंस बिश्नोई का नाम लंबे समय से अपराध और हिंसा से जुड़ा हुआ है। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को धमकाने से लेकर कई हत्याओं और बड़े अपराधों तक में उसका नाम सामने आ चुका है। उसका गिरोह भारत के कई हिस्सों में फैला हुआ है और अब तक कई बार कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए चुनौती बन चुका है। ऐसे में कनाडा में उसके नेटवर्क को तोड़ने का फैसला दोनों देशों के बीच अपराध और आतंक से निपटने में सहयोग का प्रतीक भी माना जा रहा है।
कनाडा सरकार का यह कदम प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए भी राहत भरा है। पिछले कुछ वर्षों में कनाडा में भारतीय व्यापारियों और सांस्कृतिक हस्तियों को धमकियाँ मिलने और उनसे जबरन वसूली किए जाने के मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं से प्रवासी समुदाय में भय का वातावरण बन गया था। बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित करने से अब इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगने की उम्मीद की जा रही है।
इस निर्णय से यह भी संकेत मिलता है कि कनाडा सरकार अब आतंकी और आपराधिक नेटवर्क के खिलाफ और अधिक सख्ती से कदम उठाने के लिए तैयार है। यह न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करेगा,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कनाडा की छवि को और सुदृढ़ करेगा। दुनिया के कई देशों में आतंकी संगठनों की सूची बनाकर उनकी संपत्ति और संसाधनों को जब्त किया जाता है,ताकि वे अपनी गतिविधियों को जारी न रख सकें। कनाडा का यह कदम भी उसी वैश्विक रणनीति का हिस्सा है।
लॉरेंस बिश्नोई और उसके गिरोह को आतंकवादी घोषित करना कनाडा की एक साहसिक और दूरगामी सोच का परिणाम है। यह फैसला अपराध और आतंक के खिलाफ कनाडा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अब देखने वाली बात होगी कि इस घोषणा के बाद कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ किस तरह से इस गिरोह के नेटवर्क पर प्रहार करती हैं और किस हद तक प्रवासी समुदाय को राहत मिलती है,लेकिन इतना तय है कि यह कदम बिश्नोई और उसके सहयोगियों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा और कनाडा में उनकी गतिविधियों पर अब कड़ी रोक लगेगी।