नई दिल्ली,3 अक्टूबर (युआईटीवी)- मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुए एक भयानक हादसे ने स्थानीय समुदाय और पूरे प्रदेश को शोक में डुबो दिया है। जामली गाँव में यह हादसा तब हुआ जब उत्सव की उमंग में मौजूद लोग तालाब के भीतर विसर्जन समारोह में शामिल होने के लिए गए थे। इसी दौरान एक ट्रॉली पलटने से 14 लोग डूब गए। हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक और बचाव दलों ने मौके पर पहुँचकर खोज और बचाव अभियान शुरू किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुःखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा कि मध्य प्रदेश के खंडवा में हुई इस हादसे में जान-माल की हानि से अत्यंत दुःखी हूँ। पीएम मोदी ने प्रभावित परिवारों और घायलों के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए प्रार्थना की कि घायलों का शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो। उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।
Deeply saddened by the loss of lives in an accident at Khandwa, Madhya Pradesh. My thoughts are with the affected people and their families during this difficult time. Praying for the speedy recovery of the injured.
An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the…
— PMO India (@PMOIndia) October 2, 2025
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को नजदीकी अस्पताल में उचित इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “खंडवा के ग्राम जामली और उज्जैन के समीप इंगोरिया थाना क्षेत्र में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुए हादसे अत्यंत दुखद हैं। शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। देवी माँ दुर्गा से सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और शोक संतप्त परिवारों को संबल हेतु प्रार्थना है।”
हादसे की जानकारी मिलते ही खंडवा एसपी मनोज कुमार राय और एसडीआरएफ टीम घटनास्थल पर पहुँचे। उन्होंने मीडिया को बताया कि ट्रॉली पलटने के कारण 14 लोग तालाब में डूब गए,जिनमें से 10 शव बरामद किए गए हैं। बचाव दल और गोताखोरों द्वारा तलाशी अभियान जारी है। प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा है,ताकि लापता व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला जा सके।
खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई,जब राजगढ़ गाँव के युवाओं का एक दल माता जी के विसर्जन के लिए आया था। अतिउत्साह में वे तालाब के अंदर काफी आगे चले गए थे,इसी दौरान ट्रॉली पलट गई। कई लोगों को बचाने की कोशिश की गई,लेकिन लगभग 11 लोग लापता हैं और 10 शव बरामद किए जा चुके हैं। एक व्यक्ति की तलाश अभी भी जारी है। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि सरकार और स्थानीय प्रशासन प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।
स्थानीय लोगों के अनुसार,दुर्गा विसर्जन के दिन तालाब में आमतौर पर भारी भीड़ जमा हो जाती है। इस बार भी उत्सव में भारी भीड़ जुटी थी। प्रशासन के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार,ट्रॉली में उपस्थित लोग तालाब के बीच तक चले गए थे और पानी का स्तर अधिक होने के कारण पलटने के तुरंत बाद कई लोग डूब गए।
बचाव दल ने हादसे के बाद तत्काल राहत और खोज कार्य शुरू कर दिया। एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस टीमों के साथ ही गोताखोरों ने तालाब में उतरकर लापता लोगों की तलाश शुरू की। ग्रामीणों ने भी हाथ में बोट और अन्य साधनों का उपयोग कर पीड़ितों को निकालने में मदद की। मृतकों के परिजनों को तत्काल राहत सामग्री और वित्तीय सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस घटना ने पूरे प्रदेश में सुरक्षा उपायों और सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान भीड़ नियंत्रण की आवश्यकता पर नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि तालाब और जलाशयों में विसर्जन जैसी गतिविधियों के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन न होना इस तरह की त्रासदियों का मुख्य कारण बन सकता है। प्रशासन ने भी आगामी उत्सवों के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आवश्यक इंतजाम करने का आश्वासन दिया है।
खंडवा हादसे ने पूरे देश में गहरी संवेदना और चिंता पैदा कर दी है। सामाजिक और राजनैतिक नेतृत्व ने प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की ओर से की गई वित्तीय सहायता से कुछ राहत मिली है,लेकिन परिवारों और गाँव की सामाजिक भावना पर इसका गहरा असर पड़ा है।
खंडवा के जामली गाँव में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुई यह दुर्घटना मानव जीवन की अनिश्चितता और सुरक्षा के महत्व को उजागर करती है। प्रशासनिक तत्परता,स्थानीय समुदाय की भागीदारी और भविष्य में सतर्कता से ही इस तरह के हादसों को रोका जा सकता है। इस कठिन समय में सरकार और समाज का मुख्य उद्देश्य पीड़ित परिवारों को हर संभव सहारा देना और घायलों का शीघ्र स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करना है।