मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार (तस्वीर क्रेडिट@arysaurab)

बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल आज बजेगा,शाम 4 बजे होगा तारीखों का ऐलान,चुनाव आयोग की कई नई पहलें इसे बनाएँगी ऐतिहासिक

पटना/नई दिल्ली,6 अक्टूबर (युआईटीवी)- बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में छाई अनिश्चितता आज समाप्त होने वाली है। लंबे समय से बहुप्रतीक्षित चुनावी कार्यक्रम की घोषणा आज (सोमवार) शाम 4 बजे चुनाव आयोग की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी। इस घोषणा के साथ ही,राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी रणभेरी बज जाएगी और आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी। यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है,जिससे पहले पूरी चुनावी प्रक्रिया संपन्न कराना अनिवार्य है।

घोषणा से पहले,चुनाव आयोग के अधिकारियों ने रविवार को अपना दो दिवसीय बिहार दौरा सफलतापूर्वक संपन्न किया। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने दोनों चुनाव आयुक्तों सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ मिलकर राज्य में चुनाव तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। इस समीक्षा के बाद,मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी,सुलभ और बेहतर बनाने के लिए कई नई और क्रांतिकारी पहलें शुरू की जाएँगी। इन पहलों का उद्देश्य मतदाताओं की सुविधा बढ़ाना और पूरी चुनावी प्रक्रिया में जनता के विश्वास को मजबूत करना है।

इस बार के चुनाव में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि चुनाव आयोग ने राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग लागू करने का निर्णय लिया है। इसका तात्पर्य है कि मतदान की पूरी प्रक्रिया की सीधी निगरानी आयोग की केंद्रीय टीमों द्वारा की जाएगी,जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाएगी। मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए,एक और महत्वपूर्ण पहल की गई है। जब मतदाता वोट डालने के लिए ईवीएम के सामने जाएँगे,तो उन्हें मतपत्र पर केवल उम्मीदवारों के नाम ही नहीं,बल्कि नाम के साथ उनकी रंगीन तस्वीरें भी दिखाई देंगी। यह सुविधा भ्रम की स्थिति को दूर करेगी और मतदाता को अपने पसंदीदा उम्मीदवार की पहचान आसानी से करने में मदद करेगी।

मतदाताओं को अपने मतदान केंद्र तक पहुँचने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो,इसके लिए मतदाता पर्ची को भी बेहतर बनाया गया है। अब मतदाता पर्ची पर नाम बड़े अक्षरों में छपे होंगे,जिससे मतदाताओं को अपना मतदान केंद्र और बूथ नंबर ढूँढ़ने में आसानी होगी। इसके अतिरिक्त,एक अभूतपूर्व कदम के रूप में,चुनाव आयोग ने मतदाताओं को मतदान केंद्रों के बाहरी क्षेत्र में अपने मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। यह सुविधा बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार शुरू की जा रही है,हालाँकि मतदान कक्ष के अंदर और उसके 100 मीटर के दायरे में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध जारी रहेगा।

राजनीतिक दलों की सुविधा के लिए भी आयोग ने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। अब राजनीतिक दलों को मतदान केंद्रों से मात्र 100 मीटर की दूरी पर अपने पोलिंग एजेंट बूथ स्थापित करने की अनुमति होगी। यह दूरी पहले अधिक हुआ करती थी,लेकिन यह छूट दलों को अपने मतदाताओं के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने में मदद करेगी। पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए,चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) को दो महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल होने की सख्त सलाह दी है। उन्हें मतदान शुरू होने से पहले होने वाले मॉक पोल में भाग लेना होगा और मतदान समाप्त होने के बाद अनिवार्य रूप से फॉर्म 17सी जमा करने की सलाह दी गई है। फॉर्म 17सी में दर्ज वोटों का विस्तृत विवरण होता है,जो मतगणना के समय मिलान के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखता है।

याद दिला दें कि इससे पहले 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में संपन्न हुए थे। पहले चरण में 28 अक्टूबर 2020 को 71 सीटों पर,दूसरे चरण में 3 नवंबर को 94 सीटों पर और तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान हुआ था। मतगणना 10 नवंबर 2020 को की गई थी। इस बार भी,कोविड-19 प्रोटोकॉल,बाढ़ की स्थिति और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए चुनाव आयोग द्वारा चरणबद्ध मतदान का ही सहारा लिए जाने की संभावना है। राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियाँ,मतदाता और आम जनता उत्सुकता से शाम 4 बजे होने वाली घोषणा का इंतजार कर रही हैं, जिसके बाद राज्य में चुनावी माहौल अपने चरम पर पहुँच जाएगा।