शर्म अल-शेख, मिस्र/वाशिंगटन डीसी,6 अक्टूबर (युआईटीवी)- इजराइल और हमास के बीच लगभग दो साल से जारी गाजा युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से आज (सोमवार) मिस्र में एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक होनी है,जिसमें दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ अमेरिका के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस बैठक से ठीक पहले,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर पूरी दुनिया का ध्यान इस नाजुक शांति प्रक्रिया की ओर खींचा है और सभी वार्ताकारों से तेजी से आगे बढ़ने की अपील की है। ट्रंप ने अपनी चेतावनी में स्पष्ट कर दिया है कि समय बहुत कम है और अगर तुरंत समझौता नहीं हुआ,तो स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हमास और दुनिया भर के देशों के साथ इस हफ्ते बहुत पॉजिटिव बातचीत हुई है – बंधकों को रिहा करने,गाजा में युद्ध समाप्त करने और सबसे अहम बात,मिडिल ईस्ट में लंबे समय से शांति स्थापित करने के लिए अहम बातचीत हुई है।” उन्होंने आगे बताया कि ये बातचीत बहुत सफल रही हैं और तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ट्रंप के अनुसार, “तकनीकी टीमें सोमवार को फिर से मिस्र में मिलेंगी,ताकि अंतिम बातों को तय और स्पष्ट किया जा सके।”
अपनी पोस्ट के अंत में,ट्रंप ने सभी पक्षों को निर्णायक रूप से आगे बढ़ने के लिए दबाव डाला, “मुझे बताया गया है कि पहला चरण इस हफ्ते पूरा हो सकता है,मैं सभी से अपील करता हूँ कि तेजी से आगे बढ़ें (मूव फास्ट) समय बहुत अहम है,वरना खून बहेगा,जिसे कोई भी नहीं देखना चाहता!” उनकी यह चेतावनी बताती है कि व्हाइट हाउस इस समझौते को जल्द-से-जल्द मूर्त रूप देने के लिए कितना उत्सुक है और किसी भी कीमत पर वार्ता के विफल होने से उत्पन्न होने वाले हिंसक परिणामों से बचना चाहता है।
यह बैठक मिस्र के प्रसिद्ध समुद्री रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में होनी है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा प्रस्तावित शांति योजना पर हमास और इजराइल दोनों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है,जिसने इस वार्ता के सफल होने की उम्मीदों को बढ़ाया है। हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या रविवार को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मिस्र पहुँचे,जहां वे इजराइल के साथ अप्रत्यक्ष (इनडायरेक्ट) बातचीत में शामिल होंगे। इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य गाजा में स्थायी युद्धविराम सुनिश्चित करना और उन बंधकों को रिहा करने पर समझौता करना है,जिन्हें युद्ध की शुरुआत में पकड़ लिया गया था।
वरिष्ठ हमास अधिकारी ने एक अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी को बताया कि उनका संगठन युद्ध समाप्त करने और मैदान के वास्तविक हालात के अनुसार कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के लिए बहुत उत्सुक है। दूसरी ओर,इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हाल ही में आशा व्यक्त की थी कि बंधकों की रिहाई आने वाले कुछ दिनों में संभव हो सकती है,जो इस बात का संकेत है कि दोनों पक्ष किसी समझौते के करीब हैं।
हालाँकि,शांति वार्ता की मेज पर माहौल गरमाया हुआ है। एक तरफ ट्रंप सीजफायर की वकालत कर रहे हैं और इजराइल से गाजा पर हमला न करने का आग्रह कर चुके हैं,वहीं दूसरी तरफ,इजराइली सेना का हमला गाजा में जारी है। रविवार को गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी के मुताबिक,इजराइली हमलों में कम-से-कम 20 लोगों की मौत हुई है।
इससे पहले भी अमेरिकी प्रशासन ने इजराइल से संयम बरतने की अपील की थी। रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सार्वजनिक रूप से इजराइल से गाजा पर बमबारी रोकने की भावुक अपील की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि, “आप बमबारी के बीच में बंधकों की रिहाई नहीं कर सकते।” यह टिप्पणी अमेरिकी प्रशासन की आंतरिक चिंता को दर्शाती है कि लगातार जारी सैन्य कार्रवाई शांति प्रयासों को गंभीर रूप से खतरे में डाल रही है।
राष्ट्रपति ट्रंप,जो गाजा युद्ध को समाप्त करने पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं,लगातार हमास को चेतावनी भी दे रहे हैं। उन्होंने बातचीत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए रविवार शाम 6 बजे की एक तरह की डेडलाइन दी थी। अपने पिछले पोस्ट में,उन्होंने हमास को चेतावनी दी थी कि अगर यह “अंतिम मौका समझौता” विफल हो गया,तो “हमास के खिलाफ ऐसा नरक टूट पड़ेगा,जैसा किसी ने पहले कभी नहीं देखा होगा।” यह कठोर चेतावनी,आज की ‘मूव फास्ट’ वाली अपील के साथ मिलकर,यह स्पष्ट करती है कि ट्रंप प्रशासन इस समझौते को अपनी एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देख रहा है और इसे किसी भी कीमत पर सफल बनाना चाहता है।
शर्म अल-शेख में होने वाली यह बैठक अब केवल बंधकों की रिहाई या अस्थायी संघर्ष विराम तक सीमित नहीं रह गई है,बल्कि यह मध्य पूर्व में लंबे समय से चली आ रही अशांति को स्थायी रूप से समाप्त करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखी जा रही है,जैसा कि ट्रंप ने स्वयं उल्लेख किया है। दुनिया की निगाहें आज मिस्र पर टिकी हैं, यह देखने के लिए कि क्या ट्रंप का यह ‘अंतिम दबाव’ काम करता है और क्या वर्षों पुराना यह संघर्ष आज शांति की ओर मुड़ता है। वार्ता की सफलता ही ट्रंप की ‘खून बहेगा’ वाली भयावह चेतावनी को टाल सकती है।