सोने की कीमतों में तेजी

अमेरिकी शटडाउन के बीच सोने की कीमत 3,900 डॉलर पार: निवेशकों में बढ़ी धातु को लेकर उत्सुकता,चाँदी भी रिकार्ड स्तर पर

नई दिल्ली,6 अक्टूबर (युआईटीवी)- सोने की कीमतें सोमवार को रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गई हैं और अब यह 3,900 डॉलर प्रति औंस के पार जा चुकी हैं। निवेशकों की लगातार खरीदारी और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों ने इस तेजी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कमी की संभावना ने सोने की माँग में लगातार उछाल ला दिया है। सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है और जैसे-जैसे वैश्विक बाजारों में आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है,निवेशक सोने की ओर आकर्षित होते हैं।

खबर लिखे जाने तक कॉमेक्स पर सोने की कीमत 1.22 प्रतिशत बढ़कर 3,956.70 डॉलर प्रति औंस पर थी। इसका डे-हाई 3,969 डॉलर प्रति औंस रिकॉर्ड किया गया। फेड गवर्नर स्टीफन मिरान ने हाल ही में एक आक्रामक दर कटौती योजना के संकेत दिए थे और साथ ही ट्रम्प प्रशासन की नीतियों के संभावित आर्थिक प्रभावों के बारे में चेतावनी दी थी। इस बयान के बाद वैश्विक निवेशकों ने सोने की खरीदारी तेज कर दी,जिससे इसकी कीमत में बढ़ोतरी हुई।

भारत में भी सोने के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने की कीमतें अब 1.20 लाख रुपए के करीब पहुँच गई हैं। सोने के 05 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 1.25 प्रतिशत बढ़कर 1,19,595 रुपए पर पहुँच गया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक,बीते एक हफ्ते में 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 3,692 रुपए बढ़कर 1,16,954 रुपए हो गई है,जबकि इससे पहले यह 1,13,262 रुपए थी।

चाँदी की कीमतों में भी इसी तरह का उछाल देखने को मिल रहा है। कॉमेक्स पर चाँदी की कीमत 0.68 प्रतिशत बढ़कर 48.29 डॉलर प्रति औंस पर थी और अब तक इसका डे-हाई 48.49 डॉलर प्रति औंस दर्ज किया गया। एमसीएक्स पर चाँदी के 5 दिसंबर 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का दाम 0.98 प्रतिशत बढ़कर 1,47,176 रुपए पर पहुँच गया। पिछले एक हफ्ते में चाँदी की कीमत 7,510 रुपए बढ़कर 1,45,610 रुपए प्रति किलो हो गई है,जो पहले 1,38,100 रुपए प्रति किलो थी।

इस साल की शुरुआत से अब तक सोने ने निवेशकों को 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है,जबकि चाँदी ने करीब 70 प्रतिशत का रिटर्न रिकॉर्ड किया है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण वैश्विक बाजार में निवेशकों की सुरक्षित संपत्ति की तलाश है। अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव,फेड द्वारा संभावित ब्याज दरों में कमी और आर्थिक अनिश्चितता ने निवेशकों को सोने और चाँदी की ओर प्रवृत्त किया है।

गोल्डमैन सैश जैसे वैश्विक निवेश बैंकों का कहना है कि सोने की कीमत अगले साल तक 5,000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। इस भविष्यवाणी ने निवेशकों के उत्साह को और बढ़ाया है। ऐसे में न केवल कॉमोडिटी मार्केट में,बल्कि भारतीय ज्वेलरी बाजार में भी सोने और चाँदी की माँग में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चाँदी की यह तेजी लंबे समय तक बनी रह सकती है। अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक परिस्थितियों के साथ-साथ अमेरिकी फेड की नीतियों पर नजर रखने वाले निवेशक इस समय सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं। बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता,भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति के खतरे ने सोने और चाँदी को निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बना दिया है।

सोने की कीमत में यह बढ़ोतरी न केवल निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है,बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था और ज्वेलरी उद्योग के लिए भी अहम है। ज्वेलर्स और रिटेल बाज़ार में सोने की कीमतों में अचानक वृद्धि से ग्राहक और व्यापारी दोनों प्रभावित हो सकते हैं। इसी तरह,चाँदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी घरेलू उद्योगों के लिए भी चुनौती पेश कर रही है,क्योंकि चाँदी का इस्तेमाल कई औद्योगिक उत्पादों में होता है।

सोने और चाँदी की इस तेजी ने निवेशकों की रणनीतियों को भी प्रभावित किया है। मौजूदा हालात में विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि वे लंबी अवधि के लिए सुरक्षित निवेश के विकल्प पर ध्यान दें। सोने और चाँदी के रिटर्न ने दिखाया है कि यह समय ऐसे निवेश के लिए उपयुक्त हो सकता है,जब बाजार में अस्थिरता और अनिश्चितता अधिक हो।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ती माँग,अमेरिकी फेड की संभावित दर कटौती और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने सोने और चाँदी को निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बना दिया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतों में और वृद्धि देखने को मिल सकती है। अगर गोल्डमैन सैश की भविष्यवाणी सही साबित होती है,तो सोने का भाव 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच सकता है,जो वैश्विक बाजार में निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा करेगा।

इस प्रकार,सोने और चाँदी की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल ने न केवल निवेशकों की रुचि बढ़ाई है,बल्कि घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में धातुओं की अहमियत को भी बढ़ा दिया है। यह उछाल भविष्य में निवेश,आर्थिक गतिविधियों और ज्वेलरी उद्योग पर गहरा असर डाल सकता है और निवेशक अब सोने और चाँदी की दिशा में और अधिक सतर्क और सक्रिय नजर आ रहे हैं।