मुंबई,6 अक्टूबर (युआईटीवी)- साउथ सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत ने अपने व्यस्त कार्यशैली से एक ब्रेक लेकर आध्यात्मिक यात्रा के लिए ऋषिकेश का रुख किया है। इस यात्रा की कुछ झलकियाँ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं,जिसमें रजनीकांत आम लोगों की तरह सड़क किनारे पत्तल में खाना खाते और स्थानीय जीवन का अनुभव करते दिखाई दे रहे हैं। यह तस्वीरें उनके प्रशंसकों के बीच खासा चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार,रजनीकांत ऋषिकेश स्थित स्वामी दयानंद आश्रम पहुँचे,जहाँ उन्होंने स्वामी दयानंद को श्रद्धांजलि अर्पित की और आश्रम में बिताए गए समय का आनंद लिया। इस दौरान उन्होंने गंगा घाट पर ध्यान किया और गंगा आरती में हिस्सा लेकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव किया। इसके बाद उन्होंने द्वाराहाट का भी दौरा किया। इस यात्रा के दौरान रजनीकांत ने न केवल ध्यान और पूजा-पाठ में समय बिताया,बल्कि स्थानीय लोगों के साथ बातचीत भी की,जिससे उनके विनम्र और साधारण जीवन के प्रति लगाव की झलक देखने को मिली।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रजनीकांत की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इनमें से एक तस्वीर में वह सफेद कपड़े पहने एक पुल पर पत्तल में खाना खाते हुए नजर आ रहे हैं। इस फोटो में उनके पीछे उनकी कार खड़ी दिखाई दे रही है,जो दर्शाती है कि सुपरस्टार की यात्रा साधारण जीवन के अनुभव से भरी रही। दूसरी तस्वीर में वह कुछ लोगों के साथ बातचीत करते दिख रहे हैं और यह फोटो किसी आश्रम की प्रतीत होती है। एक अन्य फोटो में रजनीकांत एक पुजारी के साथ पूजा-पाठ करते हुए नजर आए। इन तस्वीरों ने दर्शकों के बीच रजनीकांत की साधारण जीवनशैली और आध्यात्मिक रुचियों को उजागर कर दिया है।
इसके पहले रजनीकांत ने अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी टीवीके की रैली में हुई भगदड़ के दौरान मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की थी। उन्होंने इस घटना पर पोस्ट में लिखा था,”करूर में हुई घटना में निर्दोष लोगों की मौत की खबर दिल को झकझोर देने वाली है। इसके बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। इस घटना में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई,उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। घायलों को सांत्वना।” रजनीकांत की यह संवेदनशीलता उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण पहलू है और दर्शकों के बीच उनकी लोकप्रियता को और बढ़ाती है।
वर्कफ्रंट की बात करें तो रजनीकांत पिछली बार लोकेश कनगराज की फिल्म ‘कुली’ में नजर आए थे,जिसमें नागार्जुन और श्रुति हासन ने भी अहम भूमिका निभाई थी। यह फिल्म 14 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और बॉक्स ऑफिस पर अपनी छाप छोड़ने में सफल रही। फिल्म में रजनीकांत के संवाद और स्टाइल ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
इसके अलावा,रजनीकांत जल्द ही फिल्म ‘जेलर-2’ में दिखाई देंगे,जिसकी शूटिंग वर्तमान में चल रही है। इस फिल्म का निर्देशन नेल्सन दिलीपकुमार कर रहे हैं। फिल्म के बारे में अब तक की जानकारी के अनुसार,यह एक एक्शन और ड्रामा से भरपूर परियोजना होगी,जिसमें रजनीकांत अपनी दमदार छवि और करिश्माई प्रदर्शन से दर्शकों को प्रभावित करेंगे। प्रशंसक इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर ‘कुली’ की तरह धमाका करेगी।
ऋषिकेश की यह यात्रा रजनीकांत के प्रशंसकों के लिए भी खास रही। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों के जरिए सुपरस्टार को एक साधारण जीवन जीते और स्थानीय लोगों के साथ जुड़ते हुए देखा। इससे यह संदेश भी जाता है कि रजनीकांत अपनी व्यस्त फिल्मी दुनिया के बावजूद आध्यात्मिकता और साधारण जीवन के महत्व को समझते हैं। उनकी यह यात्रा न केवल उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रही,बल्कि उनके प्रशंसकों के बीच भी एक प्रेरणादायक संदेश छोड़ गई।
इस यात्रा के दौरान रजनीकांत का व्यवहार यह दिखाता है कि वे अपनी लोकप्रियता और स्टारडम के बावजूद समाज और साधारण जीवन के मूल्यों से जुड़े हुए हैं। उनका यह अनुभव,जिसमें उन्होंने गंगा घाट पर ध्यान किया,आरती में हिस्सा लिया और आश्रम में समय बिताया,उनकी आध्यात्मिकता और विनम्रता को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों ने भी यही संदेश लोगों तक पहुँचाया कि रजनीकांत केवल एक सुपरस्टार नहीं,बल्कि एक संवेदनशील और आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध व्यक्तित्व हैं।
फिल्मी दुनिया और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रजनीकांत का यह ब्रेक उनके व्यक्तित्व के संतुलन को बनाए रखने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण रहा। उनका यह उदाहरण दर्शाता है कि कैसे व्यस्त जीवन के बीच भी व्यक्ति अपने मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का ध्यान रख सकता है। प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उनके इस कदम की खूब सराहना की और उनके शांतिपूर्ण और विनम्र व्यवहार की तारीफ की।
रजनीकांत की ऋषिकेश यात्रा उनके जीवन के व्यक्तिगत और आध्यात्मिक पहलुओं को उजागर करती है। गंगा घाट पर ध्यान,आश्रम में समय बिताना,स्थानीय लोगों के साथ बातचीत और सड़क किनारे साधारण भोजन करना इत्यादि गतिविधियों ने यह दिखाया कि रजनीकांत का व्यक्तित्व केवल फिल्मों तक सीमित नहीं है,बल्कि वे समाज और आध्यात्मिक मूल्यों से भी गहराई से जुड़े हुए हैं।
वर्कफ्रंट की तैयारी और शूटिंग के बीच यह यात्रा उनके लिए मानसिक ताजगी का भी माध्यम रही। प्रशंसकों को अब फिल्म ‘जेलर-2’ के साथ-साथ रजनीकांत के ऐसे पहलुओं को भी जानने का अवसर मिला,जो दर्शाते हैं कि वे केवल बड़े पर्दे पर ही नहीं,बल्कि वास्तविक जीवन में भी प्रेरक और विनम्र व्यक्तित्व के धनी हैं।
इस तरह रजनीकांत की ऋषिकेश यात्रा ने दर्शकों और प्रशंसकों को उनके जीवन के अन्य पहलुओं से परिचित कराते हुए एक सकारात्मक संदेश दिया कि सफलता और स्टारडम के बीच भी व्यक्ति साधारण जीवन और आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाए रख सकता है।