अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (तस्वीर क्रेडिट@mdzishan0786)

इजरायल-हमास शांति समझौते पर सहमति: ट्रंप की पहल से दो साल पुराने युद्ध का अंत,बंधकों की रिहाई और सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ

न्यूयॉर्क,9 अक्टूबर (युआईटीवी)- मध्य पूर्व में दो साल से जारी खूनी संघर्ष के बाद आखिरकार एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। इजरायल और हमास ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव के पहले चरण पर सहमति जताई है। यह वही युद्ध है,जिसने गाजा पट्टी को मलबे में तब्दील कर दिया था और जिसमें हजारों निर्दोष लोगों की जान गई थी। अब ट्रंप की पहल से इस संघर्ष के खत्म होने की दिशा में पहला ठोस कदम उठा लिया गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर यह घोषणा की कि इजरायल और हमास दोनों ने शांति योजना के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। ट्रंप ने लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि इजरायल और हमास दोनों ने हमारी शांति योजना के पहले चरण पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि सभी बंधकों को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा और इजरायल अपने सैनिकों को एक निश्चित सीमा तक वापस बुला लेगा। यह एक मजबूत,स्थायी और शाश्वत शांति की दिशा में पहला कदम होगा।”

ट्रंप ने आगे कहा कि इस योजना के तहत सभी पक्षों के साथ निष्पक्ष व्यवहार किया जाएगा। उन्होंने इस ऐतिहासिक समझौते को “अरब और मुस्लिम देशों,इजरायल, आसपास के सभी देशों और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक महान दिन” बताया। ट्रंप ने कतर,मिस्र और तुर्की को धन्यवाद देते हुए कहा कि “इन देशों ने मध्यस्थता में अहम भूमिका निभाई और इस अभूतपूर्व समझौते को संभव बनाया।”

यह समझौता ऐसे समय आया है,जब गाजा में मानवीय संकट चरम पर था। हजारों फिलिस्तीनी परिवार अपने घरों से बेघर हो चुके हैं और इजरायली सीमा के पास लगातार तनाव बना हुआ था। हालाँकि,अब यह सहमति युद्ध की समाप्ति और बंधकों की रिहाई की दिशा में एक निर्णायक कदम मानी जा रही है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा पर अपनी मुहर लगाई और इसे “कूटनीतिक सफलता” और “राष्ट्रीय विजय” बताया। नेतन्याहू ने एक पोस्ट में लिखा, “योजना के पहले चरण की स्वीकृति के साथ हमारे सभी बंधकों को स्वदेश लाया जाएगा। यह इजरायल राज्य के लिए एक बड़ी नैतिक और कूटनीतिक जीत है।”

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने हमेशा यह स्पष्ट किया था कि जब तक सभी बंधक वापस नहीं आ जाते,इजरायल चैन से नहीं बैठेगा। उन्होंने लिखा, “दृढ़ संकल्प,शक्तिशाली सैन्य कार्रवाई और हमारे महान मित्र एवं सहयोगी राष्ट्रपति ट्रंप के अथक प्रयासों से हम इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँचे हैं।”

नेतन्याहू ने राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व की सराहना करते हुए लिखा, “मैं राष्ट्रपति ट्रंप को उनके नेतृत्व,उनकी साझेदारी और इजरायल की सुरक्षा व हमारे बंधकों की आजादी के प्रति अटूट समर्पण के लिए धन्यवाद देता हूँ।”

यह समझौता दो साल पुराने उस संघर्ष का अंत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है,जिसकी शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई थी। उस दिन हमास ने इजरायल पर भीषण हमला किया था,जिसमें लगभग 1,250 इजरायली नागरिक मारे गए थे और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इस हमले ने पूरे मध्य पूर्व को हिला दिया था और इसके जवाब में इजरायल ने हमास के खिलाफ सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू की थी।

इजरायल की जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी लगभग पूरी तरह नष्ट हो गई थी। हजारों फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए,जबकि लाखों लोग विस्थापित हो गए। अस्पताल,स्कूल, मस्जिदें और शरणार्थी शिविरों तक को हमलों का सामना करना पड़ा। इस युद्ध ने दुनिया भर में मानवीय संकट को लेकर चिंता बढ़ा दी थी।

अब जब शांति योजना के पहले चरण पर सहमति बन गई है,तो यह न केवल गाजा और इजरायल के लिए बल्कि पूरे विश्व समुदाय के लिए राहत की खबर है। योजना के पहले चरण में हमास बंधकों की रिहाई करेगा और इजरायल अपने सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से सीमावर्ती इलाकों से हटाएगा। इसके बाद दूसरे चरण में स्थायी युद्धविराम और गाजा के पुनर्निर्माण पर वार्ता शुरू होगी।

अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह शांति योजना केवल दो पक्षों के बीच नहीं,बल्कि पूरे क्षेत्रीय ढाँचे में स्थिरता लाने के लिए बनाई गई है। अमेरिकी विदेश विभाग के सूत्रों के मुताबिक,इस समझौते में भविष्य में ईरान और सऊदी अरब जैसे क्षेत्रीय खिलाड़ियों को भी शामिल करने की योजना है,ताकि मध्य पूर्व में स्थायी शांति की नींव रखी जा सके।

अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषक मान रहे हैं कि ट्रंप के इस कदम ने न केवल मध्य पूर्व में शांति की नई उम्मीद जगाई है,बल्कि अमेरिका को एक बार फिर वैश्विक मध्यस्थ के रूप में स्थापित किया है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि यह “कूटनीति की जीत” है और उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में गाजा में राहत और पुनर्निर्माण कार्य तेज़ी से आगे बढ़ेंगे।

फिलहाल,इजरायल और हमास दोनों की ओर से शांति समझौते पर सहमति एक लंबे और खूनी युद्ध के बाद आशा की किरण के रूप में देखी जा रही है। अब दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह समझौता टिकाऊ साबित होगा या अतीत की तरह फिर से हिंसा भड़क उठेगी,लेकिन इतना तय है कि ट्रंप की मध्यस्थता ने इस बार एक ऐसा रास्ता खोला है,जो शायद आने वाले समय में स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त कर सके।