संयुक्त राष्ट्र,11 अक्टूबर (युआईटीवी)- गाजा में लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच जब युद्धविराम लागू हुआ,तो विस्थापित फ़िलिस्तीनी नागरिकों ने अपने घरों की ओर लौटना शुरू कर दिया। यह स्थिति सिर्फ कुछ ही मिनटों में सामने आई,जिससे यह स्पष्ट हो गया कि लोगों की वापसी की आकांक्षा कितनी प्रबल है। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय संस्था ओसीएचए ने इस प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है,ताकि गाजा में सामान्य जीवन जल्द-से-जल्द बहाल हो सके।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार,जब शुक्रवार को नागरिक उत्तर की ओर बढ़ने लगे,तो इजरायली टैंकों ने तट के किनारे अल राशिद रोड को अवरुद्ध कर दिया। इससे नागरिकों की आवाजाही प्रभावित हुई,लेकिन फिर भी कई लोग गाजा शहर पहुँचने में सफल रहे। वहीं,जिन्होंने अपने घर लौटने की कोशिश की,उन्होंने बताया कि उनके घरों को संघर्ष के दौरान और नुकसान पहुँच चुका था। इस स्थिति ने युद्ध की भयावहता और बुनियादी ढाँचे की मरम्मत की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट कर दिया।
ओसीएचए ने कहा कि दो साल से जारी युद्ध ने गाज़ा की सड़कों,इमारतों और ज़रूरी ढाँचे को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। ऐसे में नागरिकों के लिए सामान्य जीवन की वापसी के लिए तत्काल मरम्मत कार्य अनिवार्य है। संस्था ने युद्ध विराम का समर्थन करने वाले सभी देशों से अपील की है कि वे राहत कार्यों में कोई रुकावट न डालें। ओसीएचए ने यह भी जोर दिया कि संघर्ष में शामिल सभी पक्ष सुनिश्चित करें कि जरूरतमंद लोगों तक मानवीय सहायता जल्दी और बिना किसी बाधा के पहुँच सके।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि इस मामले में इजरायली अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है,ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी गाजा में कितनी सहायता,किन आवश्यक वस्तुओं और किन पहुँच बिंदुओं के माध्यम से भेज सकते हैं। दुजारिक ने कहा कि युद्धविराम लागू होने के बाद राहत कर्मियों के लिए काम करना सुरक्षित हो गया है। उन्होंने बताया कि “बीते गुरुवार से शुक्रवार के बीच सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब बंदूकें खामोश हो गई हैं। इसका अर्थ है कि राहत कर्मियों को सुरक्षित वातावरण में कार्य करने का अवसर मिल गया है।”
संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि गाजा में लगभग 1,70,000 मीट्रिक टन राहत सामग्री और आवश्यक वस्तुएँ भेजने के लिए तैयार हैं। इसमें भोजन,पानी,दवाइयाँ और बुनियादी जीवन यापन की आवश्यक सामग्री शामिल है। ओसीएचए ने कहा कि यह सामग्री बड़े पैमाने पर वितरित की जाएगी ताकि हर जरूरतमंद तक राहत पहुँचे और लोगों की पीड़ा में तुरंत कमी आए।
विस्थापित नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया ने यह भी स्पष्ट किया कि लंबे समय तक चले संघर्ष ने लोगों के जीवन पर कितना गहरा असर डाला है। अधिकांश लोग अपने घरों में क्षतिग्रस्त संरचनाओं और बुनियादी सुविधाओं की कमी के बावजूद लौटने के लिए तैयार थे। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह वापसी एक सकारात्मक संकेत है और इसे पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से सुनिश्चित करना प्राथमिकता में शामिल है।
ओसीएचए और संयुक्त राष्ट्र की मानवीय साझेदार संस्थाएँ राहत कार्यों को तेज़ी से बढ़ाने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी हैं। उनका लक्ष्य है कि गाजा में नागरिकों को न केवल तत्काल राहत मिले,बल्कि दीर्घकालिक पुनर्वास और स्थिरता की ओर भी कदम बढ़ाए जाएँ। इसके लिए सड़कें,अस्पताल,स्कूल और आवासीय इमारतों की मरम्मत और पुनर्निर्माण की योजना बनाई जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र ने यह भी आश्वासन दिया कि संघर्ष में शामिल सभी पक्षों को इस प्रक्रिया में सहयोग करना होगा। किसी भी तरह की रोक-टोक या हिंसक गतिविधि राहत वितरण के प्रयासों को प्रभावित कर सकती है। ओसीएचए ने यह सुनिश्चित करने की माँग की कि राहत सामग्री के वितरण में किसी भी प्रकार की राजनीतिक या सैन्य बाधा न आए।
विशेषज्ञों का मानना है कि युद्धविराम लागू होने के बाद राहत कार्यों की गति ही गाजा में स्थिरता और पुनर्वास की दिशा तय करेगी। संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी एजेंसियाँ लगातार स्थानीय अधिकारियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर यह प्रयास कर रही हैं कि राहत सामग्री तुरंत और प्रभावी ढंग से जरूरतमंदों तक पहुँचे।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि युद्धविराम केवल लड़ाई की समाप्ति नहीं है,बल्कि यह एक नई शुरुआत और मानवीय संकट को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। गाजा में नागरिकों की वापसी और राहत सामग्री की वितरण प्रक्रिया,भविष्य में स्थायी शांति और पुनर्निर्माण की नींव रखने में मददगार साबित होगी।
संयुक्त राष्ट्र की यह पहल यह संदेश देती है कि युद्ध और संघर्ष के बाद भी मानवता और राहत कार्य प्राथमिकता में रहेंगे और लोगों को उनके घर लौटने और सामान्य जीवन की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा।
