बलात्कार

“हम नहीं चाहते कि वह बंगाल में रहे”: दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार पीड़िता के पिता

कोलकाता,13 अक्टूबर (युआईटीवी)- दुर्गापुर में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई किशोरी के पिता ने कहा है कि वह अब अपनी बेटी को पश्चिम बंगाल में नहीं रखना चाहते। उन्होंने डर,सदमे और व्यवस्था से पूरी तरह विश्वास उठ जाने का हवाला दिया है। उनके इस बयान से पूरे राज्य में आक्रोश और शोक फैल गया है और बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता उजागर हुई है।

17 वर्षीय पीड़िता को कथित तौर पर तीन लोगों ने बहला-फुसलाकर एक सुनसान इलाके में ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इस हफ़्ते की शुरुआत में हुई इस घटना ने युवती को गहरे सदमे में डाल दिया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और वे फिलहाल हिरासत में हैं। जाँच जारी है।

उसके पिता,जो सदमे में थे,ने मीडिया से बात करते हुए इस अपराध से उनके परिवार पर पड़े भावनात्मक आघात के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी लगातार रोती रहती है और रातों को सो नहीं पाती। वह बहुत डरी हुई है। मैं उसे अब यहाँ नहीं रहने दे सकता,बंगाल अब लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं रहा। हम बस यह जगह छोड़कर एक नई ज़िंदगी शुरू करना चाहते हैं,जहाँ वह ठीक हो सके।”

इस भयावह घटना के बाद दुर्गापुर और कोलकाता में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। विपक्षी दलों ने घटना की निंदा की है और राज्य सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए फास्ट-ट्रैक अदालत में सुनवाई की माँग की है।

इस बीच,तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा,”सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और जाँच पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। हम न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिता की यह अपील विश्वास के गहरे संकट को दर्शाती है। कार्यकर्ता अनन्या चटर्जी ने कहा, “जब कोई माता-पिता सुरक्षा के लिए अपने ही राज्य से भागना चाहता है,तो यह दर्शाता है कि व्यवस्था कितनी चरमरा गई है। यह सिर्फ़ एक लड़की की बात नहीं है,यह हर उस महिला की बात है,जो अपने घर से बाहर निकलने से डरती है।”

पीड़िता अभी भी चिकित्सकीय निगरानी और मनोवैज्ञानिक देखभाल में है। बताया जा रहा है कि उसकी हालत स्थिर होने पर उसका परिवार दूसरी जगह जाने की तैयारी कर रहा है।

पिता के भावुक शब्द — “मैं नहीं चाहता कि वह बंगाल में रहे” — ने कई लोगों को प्रभावित किया है,जो ऐसे अपराधों के डर में जीने वाले अनगिनत परिवारों की पीड़ा का प्रतीक है। जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ रही है,नागरिक न केवल दोषियों के लिए सज़ा की माँग कर रहे हैं,बल्कि राज्य भर में महिलाओं की सुरक्षा,सम्मान और न्याय में विश्वास बहाल करने के लिए व्यवस्थागत सुधारों की भी माँग कर रहे हैं।