नई दिल्ली,13 अक्टूबर (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट के इतिहास में जहाँ कई खिलाड़ियों ने कम उम्र में अपनी पहचान बनाई है,वहीं बिहार के युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने एक और नया कीर्तिमान स्थापित किया है। महज 14 साल की उम्र में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) ने वैभव को रणजी ट्रॉफी 2025-26 सीजन के लिए 15 सदस्यीय टीम का उपकप्तान नियुक्त किया है। टीम की कमान सीनियर खिलाड़ी सकीबुल गनी के हाथों में दी गई है। यह उपलब्धि न केवल बिहार,बल्कि पूरे भारतीय घरेलू क्रिकेट के लिए गर्व का विषय बन गई है।
वैभव सूर्यवंशी ने इतनी कम उम्र में जिस तरह से क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम बनाया है,वह अद्भुत है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपने डेब्यू सीजन में ही वैभव ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया था। उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मात्र 35 गेंदों में शतक जड़कर इतिहास रच दिया था। इस पारी के साथ वैभव आईपीएल इतिहास में सबसे तेज दूसरा शतक लगाने वाले खिलाड़ी बने। उनसे आगे केवल वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल हैं,जिन्होंने 2013 में 30 गेंदों पर शतक लगाया था।
वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने पहले सीजन में 7 मुकाबलों में 36 की औसत से 252 रन बनाए,जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल रहा। उनके स्ट्राइक रेट और पावर हिटिंग की क्षमता ने न केवल क्रिकेट पंडितों को प्रभावित किया,बल्कि चयनकर्ताओं का भी ध्यान खींचा। दिलचस्प बात यह है कि जब वैभव ने अपना पहला आईपीएल मुकाबला खेला था,उस समय उनकी उम्र मात्र 14 साल और 23 दिन थी,जो आईपीएल इतिहास में किसी भी भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे कम उम्र का रिकॉर्ड है।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने वैभव पर विश्वास जताते हुए उन्हें रणजी ट्रॉफी की उपकप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी है। रणजी ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में यह नियुक्ति वैभव के करियर के लिए बड़ा कदम साबित हो सकती है। अगर वे इस स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने में सफल रहते हैं,तो भारतीय सीनियर टीम का रास्ता उनके लिए खुल सकता है।
वैभव सूर्यवंशी पहले भी अंडर-19 स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई यूथ सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया था। इंग्लैंड के खिलाफ यूथ वनडे सीरीज में वैभव ने 143 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी,जबकि ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेले गए यूथ टेस्ट में उन्होंने शतक (113 रन) जड़ा था। उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें देशभर में सुर्खियों में ला दिया।
अगर उनके घरेलू करियर की बात करें,तो वैभव अब तक पाँच फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके हैं,जिनमें उन्होंने 100 रन जुटाए हैं। इसके अलावा छह लिस्ट-ए मुकाबलों में उन्होंने 132 रन बनाए हैं। टी20 क्रिकेट में उनका प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने अब तक आठ टी20 मुकाबलों में कुल 265 रन बनाए हैं,जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के चयनकर्ताओं ने वैभव को न केवल उनके प्रदर्शन के आधार पर,बल्कि उनकी रणनीतिक सोच और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उपकप्तान बनाया है। टीम के कप्तान सकीबुल गनी और वैभव सूर्यवंशी की जोड़ी को राज्य क्रिकेट के लिए एक आदर्श संयोजन माना जा रहा है। बिहार की टीम इस बार रणजी ट्रॉफी में अपनी पिछली विफलताओं को भुलाकर एक मजबूत वापसी की उम्मीद कर रही है।
रणजी ट्रॉफी 2025-26 के लिए बिहार की टीम में कई युवा और अनुभवी खिलाड़ी शामिल किए गए हैं। टीम में पीयूष कुमार सिंह,भास्कर दुबे,साकिबुल गनी (कप्तान), वैभव सूर्यवंशी (उपकप्तान),अर्णव किशोर,आयुष लोहारुका,बिपिन सौरभ,अमोद यादव,नवाज खान,साकिब हुसैन,राघवेंद्र प्रताप सिंह,सचिन कुमार सिंह,हिमांशु सिंह,खालिद आलम और सचिन कुमार को जगह दी गई है।
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि वैभव जैसे युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी आने वाले समय में राज्य को क्रिकेट में नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएँगे। एसोसिएशन के अधिकारियों का कहना है कि “वैभव सूर्यवंशी बिहार क्रिकेट की नई उम्मीद हैं। उन्होंने बहुत कम उम्र में यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। रणजी ट्रॉफी में उपकप्तान के रूप में उन्हें देखकर हम गर्व महसूस करते हैं।”
वैभव सूर्यवंशी के परिवार ने भी इस अवसर पर गर्व जताया है। उनके पिता ने कहा कि “वैभव ने बहुत छोटी उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उसकी मेहनत और अनुशासन ने ही उसे यहाँ तक पहुँचाया है। अब रणजी ट्रॉफी में बिहार की कप्तानी का हिस्सा बनना हमारे लिए सम्मान की बात है।”
वैभव के कोच ने बताया कि यह युवा बल्लेबाज न केवल बल्लेबाजी में माहिर है,बल्कि कप्तानी के गुण भी उनमें स्पष्ट रूप से दिखते हैं। कोच ने कहा, “वह खेल को बहुत बारीकी से समझता है। उसकी रणनीति,खेल के प्रति समर्पण और आत्मविश्वास उसे बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाते हैं। आने वाले समय में वैभव निश्चित रूप से भारतीय टीम के लिए खेलेगा।”
क्रिकेट जगत में वैभव सूर्यवंशी का नाम अब उभरते सितारों की सूची में शामिल हो गया है। बिहार जैसे राज्य से निकलकर इस स्तर तक पहुँचना आसान नहीं था,लेकिन वैभव ने यह साबित कर दिया है कि सपने अगर सच्चे जुनून के साथ देखे जाएँ,तो वे साकार होते हैं। अब सभी की निगाहें इस नाबालिग क्रिकेटर पर टिकी हैं,जो रणजी ट्रॉफी में अपने बल्ले से एक बार फिर इतिहास रच सकता है।
