डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@KraantiKumar)

अफगान-पाक सीमा विवाद पर ट्रंप ने दिया बयान,कहा- अब पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष को सुलझाएँगे

वाशिंगटन,14 अक्टूबर (युआईटीवी)- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर जारी संघर्ष ने दक्षिण एशिया में तनाव की स्थिति को बढ़ा दिया है। दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच लगातार भारी बमबारी और गोलाबारी जारी है,जिससे सीमा के आसपास के क्षेत्रों में स्थिति बेहद संवेदनशील हो गई है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है और संकेत दिया है कि वह इस मुद्दे को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

मीडिया से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रहे युद्ध को उन्होंने नोट किया है और इसे खत्म करने में उनकी विशेषज्ञता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका आठवां अंतर्राष्ट्रीय विवाद है,जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक सुलझाया है। ट्रंप ने बताया, “मैंने कहा था,मुझे वापस आने तक इंतजार करना होगा। मैं दूसरा युद्ध समाप्त करवा रहा हूँ क्योंकि मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूँ।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनका अनुभव वैश्विक संघर्षों को एक दिन के भीतर समाप्त करने का है और उन्होंने कई लंबे चल रहे विवादों को शांतिपूर्ण हल तक पहुँचाया है।

ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्षों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “कुछ युद्ध सालों से,कभी-कभी तो दशकों से चल रहे थे। इनमें से एक युद्ध 31 सालों से,एक 32 सालों से और एक 37 सालों से जारी था। हर युद्ध में लाखों लोग मारे गए। मैंने उनमें से अधिकांश को एक दिन के भीतर सुलझा दिया। यह बहुत बड़ा कार्य था और इसे हल करना बेहद आवश्यक था।” उनके इस बयान से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका अफगान-पाक सीमा विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए तैयार है और वह किसी भी तरह की कूटनीतिक पहल में सक्रिय रहेंगे।

ट्रंप ने अपने नेतृत्वकाल के दौरान किए गए अन्य अंतर्राष्ट्रीय विवादों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन के तहत कई देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष शांतिपूर्ण ढंग से हल हुए। उन्होंने कहा, “अर्मेनिया और अजरबैजान, कोसोवो और सर्बिया,इज़रायल और ईरान,मिस्र और इथियोपिया,रवांडा और कांगो — इन सभी विवादों को हमने कूटनीतिक प्रयासों और समझौतों के जरिए सुलझाया।” ट्रंप ने यह भी कहा कि वे हमेशा ऐसे समाधान के पक्ष में रहे हैं,जो जीवन की रक्षा करें और लोगों को संघर्ष के विनाशकारी परिणामों से बचाएँ।

ट्रंप ने इस अवसर पर वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो के नोबेल शांति पुरस्कार का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रयास नहीं किया,बल्कि उनकी प्राथमिकता जीवन बचाने और युद्ध को रोकने की रही। ट्रंप ने कहा, “जिस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार मिला,उसने मुझसे कहा कि यह सम्मान आपके लिए है,क्योंकि वास्तव में आप इसके हकदार थे। मैंने हमेशा उनकी मदद की और उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया।”

ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका वैश्विक संघर्षों के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है और अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर शांति स्थापित करना उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि शांति के लिए कूटनीति और वार्ता के माध्यम से समाधान निकालना ही सबसे प्रभावी तरीका है। उनका मानना है कि किसी भी तरह का हिंसक संघर्ष लंबे समय तक किसी भी देश और क्षेत्र के लिए नुकसानदेह होता है।

विशेष रूप से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हालिया हिंसक झड़पों को देखते हुए ट्रंप का यह बयान क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका,यदि आवश्यकता पड़ी,तो अपनी मध्यस्थता और कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ट्रंप के मुताबिक,शांति स्थापित करना केवल उनके लिए एक राजनीतिक कार्य नहीं,बल्कि मानवता और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक जिम्मेदारी है।

अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप के इस बयान के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनका दृष्टिकोण युद्धविराम और संघर्ष समाधान पर केंद्रित है और वे दोनों देशों के नेताओं से बातचीत कर समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर स्थिति लगातार बदल रही है। बमबारी और गोलाबारी के बीच नागरिकों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में अमेरिका की मध्यस्थता और ट्रंप का हस्तक्षेप क्षेत्रीय शांति के लिए निर्णायक हो सकता है। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी भी तरह का पक्षपाती रुख नहीं,बल्कि निष्पक्ष और स्थायी समाधान सुनिश्चित करना है।

इस प्रकार,अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान न केवल अफगान-पाक विवाद पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्रित करता है,बल्कि यह भी संकेत देता है कि अमेरिका इस क्षेत्र में शांति स्थापना और संघर्ष समाधान में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है। उनका अनुभव और पूर्व संघर्ष समाधान का रिकॉर्ड यह दिखाता है कि वह इस विवाद को भी कूटनीतिक और रणनीतिक तरीके से हल कर सकते हैं,जिससे दक्षिण एशिया में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।