हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन सिंह की आत्महत्या के बाद सुरक्षा कड़ी (तस्वीर क्रेडिट@DeependerSHooda)

हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन सिंह की आत्महत्या के बाद सुरक्षा कड़ी,राजनीतिक हस्तियों का घर पर सिलसिला जारी

चंडीगढ़,14 अक्टूबर (युआईटीवी)- हरियाणा में हाल ही में आत्महत्या करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई.पूरन सिंह के घर पर सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह कड़ा कर दिया गया है। वाई.पूरन सिंह की 7 अक्टूबर को हुई आत्महत्या के बाद उनके आवास पर लगातार राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों का आना-जाना जारी है। इसे देखते हुए प्रशासन ने उनके निवास और आसपास के इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया है। सड़क के एक हिस्से को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है,ताकि घटनास्थल पर किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को रोका जा सके।

सोमवार रात,हरियाणा सरकार ने राज्यभर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए अलर्ट जारी किया। इस अलर्ट के तहत सभी फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया गया। मुख्य सचिव की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग (राजनीतिक शाखा) ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह),हरियाणा के डीजीपी,सभी पुलिस आयुक्तों,आईजीपी और प्रत्येक जिले के डीसी/एसपी को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे मामले की जाँच और सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएँ।

यह निर्देश ऐसे समय में जारी किया गया है,जब वाई. पूरन सिंह की मौत के मामले में विस्तृत जाँच की माँग को लेकर विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रशासन ने इन प्रदर्शनों को शांतिपूर्ण ढंग से नियंत्रित करने के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस दल तैनात किए गए हैं।

वहीं,विपक्षी नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी वाई. पूरन सिंह के परिवार से मिलने उनके घर चंडीगढ़ पहुँचे। उनकी सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी थी। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि राहुल गांधी दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन सिंह के परिवार से शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके आवास पर जाएँगे। उनके आने से पहले प्रशासन ने आस-पास के इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रबंध किए।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने भी वाई. पूरन सिंह के परिवार से मिलने का निर्णय लिया। उनकी यात्रा के समय भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। ऐसे में देखा जा रहा है कि राजनीतिक हस्तियों का घर पर आना-जाना लगातार जारी है और इसे देखते हुए प्रशासन ने मामले को संवेदनशील मानते हुए हर प्रकार की तैयारी कर रखी है।

वाई. पूरन सिंह की पत्नी,वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से माँग की थी कि उनके पति द्वारा छोड़े गए नोट में जिन लोगों का नाम उल्लेखित है,उन्हें तत्काल निलंबित और गिरफ्तार किया जाए। इस मामले में उनकी पत्नी का कहना है कि उन्हें न्याय मिलने और मामले की निष्पक्ष जाँच हो,यही उनकी प्राथमिकता है।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को पहले ही छुट्टी पर भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच सुनिश्चित करना चाहता है। अधिकारियों का कहना है कि वाई. पूरन सिंह की मौत के बाद राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हर कदम उठाया जा रहा है।

साथ ही,इस मामले ने राजनीतिक उठापटक को भी जन्म दिया है। विपक्ष के नेताओं द्वारा परिवार से मिलने और मामले की गंभीरता पर जोर देने के चलते प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। राज्यभर में सभी जिलों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

इस मामले में लगातार उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं और अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ जाँच प्रक्रिया में तेजी लाएँ। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है।

वाई. पूरन सिंह की मृत्यु ने हरियाणा में प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर हलचल पैदा कर दी है। उनके परिवार और राजनीतिक हस्तियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन हर संभव इंतजाम कर रहा है। मामले की जाँच,विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक हस्तियों की उपस्थिति के बीच सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके।

अंततः,वाई. पूरन सिंह की आत्महत्या ने राज्य में प्रशासनिक और राजनीतिक हलचलों को बढ़ा दिया है। उनके परिवार,राजनीतिक नेता और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं और पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि जाँच प्रक्रिया निष्पक्ष होगी और परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएँगे।