काबुल,15 अक्टूबर (युआईटीवी)- स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,बुधवार तड़के पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाओं के बीच सीमा पार में गंभीर झड़पें हुईं,जिसमें दोनों तरफ के नागरिक प्रभावित हुए। अफगानिस्तान स्थित खामा प्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि यह झड़प कंधार प्रांत और पाकिस्तान के बलूचिस्तान क्षेत्र के सीमावर्ती जिले स्पिन बोल्डक में सुबह करीब चार बजे शुरू हुई। इस हिंसक टकराव के दौरान दोनों पक्षों ने हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया,जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक जिले के सूचना अधिकारी अली मोहम्मद हकमल ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तानी और अफगान सैनिकों के बीच झड़पें बुधवार तड़के शुरू हुईं। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सेना ने रिहायशी इलाकों पर भी गोलाबारी की,जिससे स्थानीय नागरिक अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए। स्थानीय निवासियों ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने सीमा पार भारी हथियारों से हमले करते हुए नागरिक घरों को निशाना बनाया।
इस झड़प का संदर्भ मंगलवार रात को खोस्त प्रांत में हुई एक छोटी सी झड़प से जुड़ा हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार,वहाँ अफगान सेना और पाकिस्तानी सीमा रक्षकों के बीच डूरंड रेखा के पास गोलीबारी हुई थी। हालाँकि,उस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई थी,लेकिन मंगलवार रात की यह घटना बुधवार तड़के की हिंसक झड़प की एक वजह बन गई।
पाकिस्तानी सरकारी मीडिया ने इस घटना को अलग नजरिए से पेश किया। वहाँ के मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,अफगान बलों ने “बिना उकसावे के” गोलीबारी शुरू की,जिसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने कार्रवाई की। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि इस जवाबी हमले में कई अफगानी टैंक और सीमा चौकियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर बीते कई दिनों से तनाव बढ़ा हुआ है। हाल के हफ्तों में दोनों पक्षों के बीच कई सैन्य टकराव और गोलीबारी की घटनाएँ सामने आई हैं। अफगानिस्तान ने सप्ताहांत में दावा किया था कि उसने पाकिस्तानी सैनिकों पर जवाबी हमलों में 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया,जबकि पाकिस्तान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसके 23 सैनिक मारे गए। इस दावे के बाद सीमा पर तनाव और बढ़ गया।
सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि सीमा पर तनाव की यह स्थिति पाक-आफगान दोनों देशों की सैन्य रणनीतियों और इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियानों से जुड़ी हुई है। पाकिस्तानी और अफगानी दोनों पक्षों के बीच संचार और कूटनीतिक संपर्क में कमी ने झड़पों को तेज करने का काम किया है। विशेष रूप से स्पिन बोल्डक और खोस्त जैसी सीमावर्ती जगहों पर दोनों देशों की सेनाओं की तैनाती ने किसी भी छोटी सी घटना को भी बड़े संघर्ष में बदलने की संभावना बढ़ा दी है।
स्थानीय नागरिकों पर इन झड़पों का गंभीर असर पड़ा है। स्पिन बोल्डक में रहने वाले लोगों ने बताया कि गोलाबारी की आवाज और हवाई हमलों के कारण पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। कई परिवार रात के समय अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। बच्चे,बुजुर्ग और महिलाएँ भी इस हिंसा से प्रभावित हुए हैं। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल इस संकट को सँभालने की कोशिश कर रहे हैं,लेकिन सीमावर्ती इलाकों में लगातार गोलाबारी और टकराव के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच डूरंड रेखा को लेकर दशकों से विवाद जारी है और हाल के वर्षों में इस विवाद ने बार-बार सैन्य टकराव को जन्म दिया है। दोनों देशों ने अपने अपने दृष्टिकोण से सीमा सुरक्षा बढ़ाने के लिए सैन्य तैनाती की है,लेकिन इससे नागरिक आबादी पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
साथ ही,पिछले कुछ हफ्तों में पाकिस्तान द्वारा काबुल और पूर्वी अफगानिस्तान के बाजार क्षेत्रों में हवाई हमलों ने स्थिति और बिगाड़ दी है। ऐसे हमलों के कारण नागरिक इलाकों में भय और असुरक्षा का माहौल बढ़ा है। इस हिंसा के पीछे दोनों देशों की तरफ से अक्सर “सुरक्षा कारण” और “प्रतिशोध” जैसे तर्क पेश किए जाते रहे हैं,लेकिन वास्तविकता यह है कि स्थानीय नागरिक इसका सबसे बड़ा शिकार बन रहे हैं।
हालाँकि,अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अभी तक इस ताजा झड़प पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सीमा पर तनाव इसी तरह बना रहा, तो दोनों देशों के बीच स्थायी संघर्ष की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा,स्थानीय लोगों की सुरक्षा,उनके घर और संपत्ति की रक्षा और मानवीय राहत कार्यों की आवश्यकता को देखते हुए दोनों देशों को कूटनीतिक स्तर पर बातचीत बढ़ानी होगी।
स्पिन बोल्डक और आसपास के क्षेत्रों में हाल की यह झड़प दर्शाती है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा विवाद केवल कूटनीतिक मसला नहीं है,बल्कि इसके सीधे नतीजे आम नागरिकों की जिंदगी पर पड़ रहे हैं। लगातार गोलाबारी और सैन्य टकराव से स्थानीय लोग भय और असुरक्षा में जी रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों को तुरंत शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम उठाने होंगे,नहीं तो यह सीमा पर संघर्ष और बढ़ सकता है और मानवीय संकट और गंभीर रूप ले सकता है।
