जैसलमेर,15 अक्टूबर (युआईटीवी)- राजस्थान के रेगिस्तानी जिले जैसलमेर में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली दुर्घटना ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया। जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर आर्मी स्टेशन के पास चलती बस में अचानक भीषण आग लग गई,जिससे देखते ही देखते बस आग के गोले में बदल गई। इस भयावह हादसे में 20 यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई,जबकि कई लोग घायल हो गए। जिला प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं,वहीं मृतकों की पहचान डीएनए जाँच के जरिए की जा रही है क्योंकि अधिकांश शव बुरी तरह जल चुके हैं।
यह हादसा सुबह करीब 10 बजे के आसपास हुआ,जब निजी ट्रैवल्स की एक यात्री बस जैसलमेर से जोधपुर की ओर जा रही थी। बस में लगभग 45 यात्री सवार थे। बताया जा रहा है कि बस जैसे ही आर्मी स्टेशन क्षेत्र के पास पहुँची,उसके इंजन के हिस्से से धुआँ निकलने लगा। कुछ ही मिनटों में आग ने विकराल रूप ले लिया। बस चालक ने वाहन रोकने की कोशिश की,लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि यात्रियों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। कुछ लोग किसी तरह खिड़कियों को तोड़कर बाहर निकले,लेकिन अधिकांश यात्री अंदर ही फँस गए और जलकर दम तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को दी। मौके पर पहुँची दमकल की तीन गाड़ियों ने आग बुझाने की कोशिश की,मगर तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। आग इतनी भीषण थी कि बस की केवल लोहे की ढाँचा ही बाकी रह गया। इस दर्दनाक मंजर को देखकर मौजूद लोग भी सहम गए। जिला प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और गंभीर रूप से घायलों को जोधपुर के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और जिला प्रशासन से घटना की विस्तृत रिपोर्ट माँगी। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जैसलमेर के कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत और एसपी अभिषेक शिवहरे से फोन पर बात कर मौके की स्थिति की जानकारी ली और राहत कार्यों की गति तेज करने के निर्देश दिए।
प्रारंभिक जाँच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। हालाँकि,अधिकारियों का कहना है कि वास्तविक कारण का खुलासा विस्तृत जाँच के बाद ही हो सकेगा। प्रशासन ने घटना की मजिस्ट्रेट जाँच के आदेश दे दिए हैं। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मौके पर ही 19 लोगों की मौत हो गई थी,जबकि एक गंभीर रूप से घायल यात्री ने जोधपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस दर्दनाक दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “जैसलमेर,राजस्थान में एक बस में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। मैं शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूँ और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूँ।” राष्ट्रपति के इस संदेश ने पूरे देश में इस त्रासदी के प्रति सहानुभूति का माहौल पैदा किया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी हादसे पर संवेदना प्रकट की। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर बस में आग लगने से हुई जनहानि अत्यंत हृदय विदारक है। इस हादसे में अपनों को खोने वाले परिजनों के प्रति गहन संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें तथा अधिक से अधिक यात्रियों की रक्षा करें।”
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी इस घटना पर दुख जताया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर लिखा,“राजस्थान के जैसलमेर में बस में आग लगने की दुखद घटना में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुखी हूँ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”
पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह हादसा न केवल जैसलमेर या राजस्थान के लिए,बल्कि पूरे देश के लिए एक पीड़ादायक त्रासदी है। उन्होंने कहा, “जब मुझे इस घटना की जानकारी मिली,तो मैं स्तब्ध रह गया। यह दृश्य अत्यंत दर्दनाक और हृदय विदारक था। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन इस तरह की दुर्घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने की आवश्यकता है।”
प्रशासन के अनुसार,मृतकों के शव इतने बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल हो गया है। इस कारण डीएनए सैंपल लेकर पहचान की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को सहायता राशि देने की घोषणा की है,वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष से भी आर्थिक मदद दी जाएगी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बस में ज्यादातर यात्री जैसलमेर और जोधपुर के बीच कामकाजी यात्रा पर थे। कई परिवार एक ही बस में सवार थे,जिसके कारण इस दुर्घटना ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। घटना स्थल पर कई घंटे तक अफरातफरी का माहौल बना रहा और परिजनों के रोने-बिलखने की आवाजों ने माहौल को और भी करुण बना दिया।
जैसलमेर प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों में तेजी दिखाते हुए फायर ब्रिगेड, पुलिस और चिकित्सा दलों को मौके पर लगाया। एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि बचाव दलों ने 45 मिनट के भीतर आग पर काबू पा लिया,लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक टीम को भी जाँच के लिए बुलाया गया है,ताकि हादसे के तकनीकी कारणों की पुष्टि हो सके।
राजस्थान में हाल के वर्षों में यह सबसे भीषण सड़क हादसों में से एक माना जा रहा है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही,इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बसों के तकनीकी निरीक्षण और सुरक्षा मानकों की सख्त निगरानी करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या हमारे सार्वजनिक परिवहन वाहनों में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय हैं? बार-बार होती ऐसी दुर्घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि रखरखाव की कमी और तकनीकी लापरवाही यात्रियों की जान पर भारी पड़ रही है।
इस भयावह हादसे ने न केवल 20 परिवारों को उजाड़ दिया है,बल्कि पूरे राजस्थान को शोक में डुबो दिया है। जैसलमेर के रेतीले रास्तों पर अब भी जले हुए बस के अवशेष इस त्रासदी की गवाही दे रहे हैं। प्रदेश और देश के लोग इस असामयिक मृत्यु पर शोक व्यक्त कर रहे हैं और यही प्रार्थना कर रहे हैं कि ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों।
