नई दिल्ली,22 अक्टूबर (युआईटीवी)- एशियन यूथ गेम्स 2025 में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने दबदबे का परिचय दिया है। क्रिकेट और महिला विश्व कप में पड़ोसी पाकिस्तान को मात देने के बाद भारत ने कबड्डी के मैट पर भी पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। भारत और पाकिस्तान के बीच यह मुकाबला 81-26 के भारी अंतर से समाप्त हुआ,जिससे साफतौर पर भारतीय टीम की ताकत और रणनीति का पता चलता है। इस मुकाबले में भारतीय कप्तान ईशांत राठी ने पाकिस्तान के कप्तान से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया,जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और पिछले समय के राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत भी माना जा रहा है।
एशियन यूथ गेम्स 2025 के दौरान भारतीय कबड्डी टीम का दबदबा साफ नजर आ रहा है। भारत ने अपने पहले तीन मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के खिलाफ 81-26 की जीत के अलावा,भारत ने बांग्लादेश को 83-19 और श्रीलंका को 89-16 से हराया। इन तीनों जीतों के साथ भारत वर्तमान में प्वाइंट्स टेबल में शीर्ष स्थान पर है और टीम का आत्मविश्वास चरम पर दिख रहा है।
इस जीत ने केवल खेल के मैदान पर ही नहीं,बल्कि दोनों देशों के बीच के राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य की छाया को भी महसूस कराया। याद रहे कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान को कठोर संदेश दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा और यह खेल में भी असर दिखा,खासकर कबड्डी के मुकाबले में। ऐसे में भारत की इस जीत ने खेल के मैदान पर अपनी श्रेष्ठता को साबित कर दिया।
एशियन यूथ गेम्स का आयोजन 22 से 31 अक्टूबर के बीच बहरीन के मनामा में हो रहा है,हालाँकि कुछ प्रतियोगिताएँ पहले ही 19 अक्टूबर से शुरू हो चुकी हैं। भारत ने इस समय 1 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल के साथ फिलहाल मेडल टैली में छठे पायदान पर अपनी स्थिति बनाई है। उज्बेकिस्तान 5 गोल्ड और 1 ब्रॉन्ज के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है,जबकि इंडोनेशिया 1 गोल्ड और 1 सिल्वर के साथ पदक तालिका में दूसरे स्थान पर मौजूद है। फिलीपींस एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज के साथ तीसरे पायदान पर है।
कुश्ती के मैदान पर भी भारतीय खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया। कुराश में भारत ने तीन पदक अपने नाम किए। महिलाओं के 70 किलोग्राम वर्ग में खुशी ने कांस्य पदक जीतकर भारत को पहला पदक दिलाया। इसके बाद महिलाओं के 52 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में कनिष्का बिधूड़ी ने उज्बेकिस्तान की मुबीनाबोनू करीमोवा को 3-0 से हराकर सिल्वर मेडल जीत लिया। पुरुषों के 83 किलोग्राम वर्ग में अरविंद ने क्वार्टर फाइनल में ताजिकिस्तान के हिलोल दावलात्जोडा पर 10-0 के अंतर से जीत दर्ज की और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
कुश्ती और कबड्डी में मिली यह सफलता भारत के युवा खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाती है। भारतीय टीम ने प्रत्येक मुकाबले में तकनीक,रणनीति और टीम भावना का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। खासतौर पर कबड्डी में टीम का आक्रामक खेल और रक्षा की मजबूती ने पाकिस्तान और अन्य प्रतिद्वंदियों को हरा दिया।
भारत के इस प्रदर्शन ने देश में खेल प्रेमियों को उत्साहित किया है। सोशल मीडिया और खेल मंचों पर भारतीय खिलाड़ियों की जीत की खबरें चर्चा में हैं। खिलाड़ियों ने न केवल व्यक्तिगत कौशल बल्कि टीम भावना और अनुशासन का भी बेहतरीन उदाहरण पेश किया। यह जीत भारत की एशियन यूथ गेम्स में बढ़ती प्रतिष्ठा का संकेत भी है।
इससे पहले भारत ने क्रिकेट और महिला विश्व कप में भी पड़ोसी पाकिस्तान को मात दी थी। अब कबड्डी में मिली यह भारी जीत दिखाती है कि भारत युवा खेल प्रतिभाओं में कितना आगे बढ़ रहा है। खेल के साथ-साथ राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ में भी यह जीत महत्वपूर्ण मानी जा रही है,क्योंकि खेल के मैदान पर भी भारत ने अपनी श्रेष्ठता को स्थापित किया है।
कुश्ती और कबड्डी में मिली सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय युवा एथलीट न केवल स्थानीय स्तर पर,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भी दमखम दिखा रहे हैं। आने वाले दिनों में भारत की टीम और अधिक पदक और जीत की उम्मीदें जगाएगी। यह युवा प्रतिभाएँ देश का नाम रोशन कर रही हैं और भविष्य में एशियन गेम्स और ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर भी भारत के लिए गौरव बढ़ाएँगी।
एशियन यूथ गेम्स में भारत का यह दबदबा और पदक तालिका में उन्नति दर्शाती है कि भारतीय खेल जगत में युवा खिलाड़ियों की मेहनत रंग ला रही है। विशेषकर कबड्डी में पाकिस्तान को मिली करारी शिकस्त और कुश्ती में तीन पदकों की सफलता देश में खेल प्रेमियों के लिए गर्व और उत्साह का कारण बन रही है।