तेजस्वी यादव होंगे महागठबंधन के सीएम फेस (तस्वीर क्रेडिट@ShivrajXind)

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया,गठबंधन में दिखी एकजुटता

पटना,23 अक्टूबर (युआईटीवी)- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलकों में एक बड़ा ऐलान हुआ है। महागठबंधन ने गुरुवार को पटना के होटल मौर्य में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया। इस ऐतिहासिक प्रेस वार्ता में कांग्रेस,वामदलों और अन्य सहयोगी दलों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि आगामी विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान करते हुए कहा कि महागठबंधन के सभी सहयोगियों ने मिलकर तय किया है कि बिहार में चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और वह मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार होंगे।

अशोक गहलोत ने प्रेस कांफ्रेंस में यह भी बताया कि महागठबंधन ने दो डिप्टी सीएम बनाने की भी घोषणा की है। पहले डिप्टी सीएम के रूप में मुकेश सहनी का नाम तय किया गया है,जो गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच संतुलन और समन्वय का प्रतीक हैं। प्रेस कांफ्रेंस में महागठबंधन के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी बात रखी और स्पष्ट किया कि गठबंधन पूरी तरह से मजबूत है और बिहार के लोगों के हित के लिए एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगा।

महागठबंधन के इस ऐलान से यह स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन के सभी दलों ने सर्वेक्षण और रणनीति के आधार पर निर्णय लिया है। तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गठबंधन के सभी दलों ने उन पर भरोसा जताया है और जनता के साथ-साथ सहयोगियों के विश्वास पर खरा उतरने का उनका संकल्प अडिग है। उन्होंने कहा, “इस बीस साल की निकम्मी सरकार को हम उखाड़ फेंकेंगे और बिहार के लोगों को विकास और न्याय देंगे। महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय हो गया है,लेकिन एनडीए के लोग अभी तक आधिकारिक रूप से कोई घोषणा नहीं कर पाए हैं। अमित शाह जी ने कहा है कि विधायक दल के नेता मुख्यमंत्री का चेहरा चुनेंगे,लेकिन नितीश कुमार के नाम पर एनडीए की तरफ से कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है।”

तेजस्वी यादव ने एनडीए पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि जदयू के कुछ नेता इस चुनाव के बाद पार्टी को कमजोर कर सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि पिछले चुनावों की तरह इस बार भी जदयू का नेतृत्व अपने निर्णयों में पारदर्शिता और स्पष्टता नहीं दिखा रहा है। यह बयान संकेत करता है कि महागठबंधन की रणनीति केवल चुनावी मैदान तक सीमित नहीं है,बल्कि बिहार में राजनीतिक समीकरणों को स्थिर करने और जनता के विश्वास को मजबूत करने पर केंद्रित है।

प्रेस कांफ्रेंस में महागठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। कांग्रेस के अशोक गहलोत के अलावा, वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी और सीपीआईएमएल के जनरल सेक्रेटरी दीपांकर भट्टाचार्य ने भी भाषण दिया। मुकेश सहनी ने कहा कि उन्होंने पिछले ढाई साल से इस दिन का इंतजार किया था और शपथ ली थी कि बीजेपी को तोड़ने का अभियान तब तक जारी रहेगा,जब तक लक्ष्य पूरा न हो। वहीं,दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि एनडीए सरकार को यह लगा था कि बिहार में अब कोई बदलाव नहीं होगा,लेकिन महागठबंधन के साथ पूरे बिहार के युवा,महिला और गरीब ने संकल्प लिया है कि इस बार सरकार बदली जाएगी।

अशोक गहलोत ने अपने भाषण में देश में बढ़ते ध्रुवीकरण और आलोचनाओं पर सेंसरशिप का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में जनता को सही दिशा में जागरूक करना और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना बेहद जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महागठबंधन के सभी दल एकजुट हैं और बिहार में बदलाव की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए यह गठबंधन ही सबसे मजबूत विकल्प है।

इस प्रेस कांफ्रेंस में यह भी बताया गया कि महागठबंधन ने जनता की राय और सर्वेक्षण के आधार पर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार चुना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकला कि तेजस्वी यादव ही वह चेहरा हैं,जिन पर जनता और गठबंधन दल भरोसा करते हैं। इस निर्णय का उद्देश्य बिहार के लोगों के सामने स्पष्ट विकल्प पेश करना है और उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि महागठबंधन बिहार में विकास और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महागठबंधन ने एनडीए के खिलाफ अपनी रणनीति और चुनावी तैयारियों का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में इस बार चुनाव सिर्फ सत्ता का खेल नहीं,बल्कि विकास,न्याय और जनता की आवाज के लिए है। सभी नेताओं ने जनता से अपील की कि वे गठबंधन को समर्थन दें और इस चुनाव में बदलाव का संकल्प पूरा करें।

विशेष रूप से, प्रेस कांफ्रेंस में यह भी स्पष्ट किया गया कि महागठबंधन की एकजुटता मजबूत है और यह गठबंधन केवल व्यक्तिगत राजनीतिक हितों के लिए नहीं,बल्कि बिहार के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए लड़ाई लड़ रहा है। मुकेश सहनी और दीपांकर भट्टाचार्य के भाषणों ने यह संदेश दिया कि बिहार की जनता इस बार अपने निर्णय में सशक्त और निर्णायक भूमिका निभाएगी।

गठबंधन की इस रणनीति से यह स्पष्ट हो गया है कि महागठबंधन ने सभी सहयोगियों के बीच संतुलन बनाए रखा है। तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर गठबंधन ने यह संदेश दिया कि युवाओं और नए नेतृत्व को मौका देना आवश्यक है। तेजस्वी यादव ने भी अपने भाषण में यह भरोसा दिलाया कि वे जनता और सहयोगियों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे और बिहार को विकास की राह पर ले जाएँगे।

महागठबंधन की यह प्रेस कांफ्रेंस बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति में एक मोड़ और नई दिशा साबित हुई है। तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित होने से राजनीतिक समीकरण स्पष्ट हो गए हैं और यह गठबंधन बिहार में बदलाव और जनता की उम्मीदों के प्रतीक के रूप में सामने आया है। आने वाले चुनावों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि महागठबंधन और एनडीए के बीच प्रतिस्पर्धा किस तरह की होती है और बिहार की जनता किस दिशा में अपना विश्वास जताती है।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने यह भी संकेत दिया कि महागठबंधन केवल चुनावी रणनीति तक सीमित नहीं है,बल्कि बिहार के विकास,युवा सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर केंद्रित है। इस ऐतिहासिक निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार की राजनीति में बदलाव की लहर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आने वाली है और महागठबंधन पूरी तरह से जनता के विश्वास और समर्थन के लिए तैयार है।