स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल (तस्वीर क्रेडिट@panditamonika)

महिला वर्ल्ड कप 2025: भारत ने न्यूजीलैंड को 53 रन से हराया,सेमीफाइनल में बनाई जगह,मंधाना और रावल की ऐतिहासिक साझेदारी ने दिलाई जीत

नई दिल्ली,24 अक्टूबर (युआईटीवी)- आईसीसी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 में टीम इंडिया ने शानदार वापसी करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है। एडिलेड में खेले गए महत्वपूर्ण मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने न्यूजीलैंड को 53 रन से हराकर सेमीफाइनल का टिकट पक्का किया। लगातार तीन हार झेलने के बाद आई यह जीत भारत के लिए राहत की सांस लेकर आई। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया,साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड पहले ही अंतिम चार में पहुँच चुके थे और अब भारत ने चौथी टीम के रूप में सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। यह पाँचवीं बार है,जब भारतीय महिला टीम आईसीसी महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुँची है।

इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए टूर्नामेंट का अब तक का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया। स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल की ओपनिंग जोड़ी ने पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड 212 रन की साझेदारी कर दी। मंधाना ने 95 गेंदों में 109 रनों की शानदार पारी खेली,जिसमें 10 चौके और चार छक्के शामिल थे। वहीं,युवा ओपनर प्रतिका रावल ने 134 गेंदों पर 13 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 122 रन बनाए। दोनों बल्लेबाजों ने शुरुआती ओवरों में संभलकर खेला,लेकिन जैसे-जैसे पारी आगे बढ़ी,उन्होंने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों पर जमकर प्रहार किया।

भारत की शुरुआत भले ही धीमी रही हो,लेकिन तीसरे ओवर के बाद मंधाना ने अपने क्लासिक स्ट्रोक्स से स्कोरबोर्ड को गति दी। रावल ने उन्हें शानदार साथ दिया और दोनों ने मिलकर न्यूजीलैंड की गेंदबाजों को पूरी तरह से दबाव में डाल दिया। मंधाना का यह तीसरा विश्व कप शतक था और इस टूर्नामेंट में उनका पहला शतक। वह अब ऑस्ट्रेलिया की दिग्गज बल्लेबाज मेग लैनिंग के रिकॉर्ड (15 वनडे शतक) के बेहद करीब पहुँच गई हैं। मंधाना ने इस कैलेंडर वर्ष का अपना पाँचवां शतक लगाया,जो उनके लगातार शानदार फॉर्म को दर्शाता है।

दोनों खिलाड़ियों के बीच की यह साझेदारी न केवल इस विश्व कप में किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी रही,बल्कि भारत के विश्व कप इतिहास में भी अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी बन गई। इस जोड़ी ने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। मंधाना जहाँ आक्रामक अंदाज में खेल रही थीं,वहीं रावल ने स्थिरता बनाए रखी। गर्मी और उमस भरे मौसम में दोनों बल्लेबाजों ने असाधारण फिटनेस और एकाग्रता का प्रदर्शन किया।

34वें ओवर में न्यूजीलैंड को आखिरकार पहली सफलता मिली,जब मंधाना को ईडन कार्सन ने आउट किया,लेकिन तब तक भारत का स्कोर 212 तक पहुँच चुका था। इसके बाद जेमिमा रोड्रिग्स बल्लेबाजी के लिए आईं और उन्होंने आते ही मैच का रुख और तेज कर दिया। रोड्रिग्स को पिछले मैच में टीम से बाहर रखा गया था,लेकिन इस बार उन्हें मौका दिया गया और उन्होंने इस भरोसे को पूरी तरह सही साबित किया। उन्होंने 39 गेंदों पर ही अर्धशतक पूरा किया,जो इस विश्व कप का सबसे तेज अर्धशतक रहा। रोड्रिग्स ने 55 गेंदों में नाबाद 76 रन बनाए,जिसमें 11 शानदार चौके शामिल थे।

भारत ने निर्धारित 50 ओवर में तीन विकेट पर 340 रन बनाए। हालाँकि,बारिश के कारण खेल को 90 मिनट तक रोकना पड़ा और बाद में मैच को 49-49 ओवरों का कर दिया गया। भारतीय टीम ने अनुकूल पिच का पूरा फायदा उठाया और यह साबित किया कि वे अब भी खिताब की प्रबल दावेदार हैं। मंधाना,रावल और रोड्रिग्स की पारियों ने भारत के आत्मविश्वास को फिर से ऊँचा कर दिया,जो लगातार तीन हार के बाद कुछ कमजोर पड़ गया था।

न्यूजीलैंड के सामने संशोधित लक्ष्य 325 रन का रखा गया था,लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शुरू से ही दबाव बनाए रखा। कीवी टीम की बल्लेबाजों ने बीच-बीच में अच्छी साझेदारियाँ जरूर कीं,लेकिन भारत की सटीक गेंदबाजी और अनुशासन के सामने टिक नहीं सकीं। न्यूजीलैंड की तरफ से ब्रूक हॉलीडे ने सबसे ज्यादा 81 रन बनाए। उन्होंने संयम और अनुभव दिखाया,लेकिन उनके आउट होने के बाद टीम की उम्मीदें भी लगभग खत्म हो गईं। इसाबेला गेज ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक पूरा किया और 58 रन बनाए। हालाँकि,बाकी बल्लेबाज टीम को जीत की राह पर नहीं ले जा सके।

भारतीय गेंदबाजों में रेणुका सिंह ठाकुर सबसे सफल रहीं। उन्होंने 10 ओवर में शानदार स्पेल फेंकते हुए दो विकेट लिए और न्यूजीलैंड की बल्लेबाजी को शुरुआती झटके दिए। उनके अलावा पूजा वस्त्राकर,दीप्ति शर्मा और शेफाली वर्मा ने भी सटीक लाइन-लेंथ पर गेंदबाजी की और रन गति को रोकने में मदद की। भारतीय फील्डिंग भी इस मैच में शानदार रही। दीप्ति शर्मा ने दो बेहतरीन कैच पकड़े,जबकि तानिया भाटिया ने विकेट के पीछे शानदार स्टंपिंग की।

भारत की यह जीत केवल सेमीफाइनल में प्रवेश भर नहीं है,बल्कि यह टीम की मानसिक मजबूती और सामूहिक प्रदर्शन का प्रतीक भी है। लगातार तीन हार के बाद टीम का मनोबल गिरा हुआ था,लेकिन कोच अमोल मजूमदार और कप्तान हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में टीम ने मजबूत वापसी की। हरमनप्रीत भले ही इस मैच में बल्ले से नहीं चमकीं,लेकिन उनकी कप्तानी और फील्ड सेटिंग्स ने मैच के परिणाम को प्रभावित किया।

इस जीत के बाद भारतीय टीम अब अपने आखिरी लीग मुकाबले में 26 अक्टूबर को बांग्लादेश से भिड़ेगी। हालाँकि,भारत पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना चुका है,लेकिन यह मैच टीम के लिए आत्मविश्वास बनाए रखने और संभावित सेमीफाइनल की तैयारी के लिहाज से बेहद अहम होगा।

भारत के बल्लेबाजी क्रम ने इस मैच में यह साफ कर दिया कि अगर टॉप ऑर्डर लय में हो,तो कोई भी गेंदबाज उन्हें रोक नहीं सकता। मंधाना और रावल की साझेदारी लंबे समय तक याद रखी जाएगी। यह न केवल भारत के लिए बल्कि महिला क्रिकेट इतिहास के लिए भी एक प्रेरणादायक पल है,जिसने दिखाया कि भारतीय महिला क्रिकेट अब किसी भी टीम को चुनौती देने की पूरी क्षमता रखता है।

सेमीफाइनल में भारत का सामना संभवतः इंग्लैंड या साउथ अफ्रीका में से किसी एक टीम से होगा। अब फैंस की निगाहें मंधाना,रावल और रोड्रिग्स जैसी बल्लेबाजों पर होंगी,जो टीम को पहली बार विश्व कप खिताब दिलाने का सपना साकार कर सकती हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ यह जीत एक नए आत्मविश्वास की कहानी है,एक ऐसी टीम की,जो दबाव में टूटने के बजाय और मजबूत हो गई।

भारतीय महिला क्रिकेट की इस शानदार जीत ने पूरे देश के फैंस को उत्साहित कर दिया है। सोशल मीडिया पर मंधाना और रावल की जोड़ी को “वंडर वुमन डुओ” कहा जा रहा है,जबकि जेमिमा रोड्रिग्स की तेजतर्रार पारी को “गेम चेंजर” करार दिया गया है। एडिलेड की पिच पर भारतीय महिलाओं ने इतिहास रच दिया है और अब उनका अगला लक्ष्य सेमीफाइनल में जीत दर्ज कर फाइनल में पहुँचना है। यह जीत केवल 53 रनों की नहीं,बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के आत्मविश्वास की जीत है।