जमैका में तूफान ‘मेलिसा’ का कहर (तस्वीर क्रेडिट@ANKITAVASTHI02)

जमैका में ‘मेलिसा’ का कहर: कैटेगरी-5 तूफान से दहशत,प्रधानमंत्री ने दी विनाशकारी परिणामों की चेतावनी

नई दिल्ली,29 अक्टूबर (युआईटीवी)- कैरेबियाई देश जमैका इस समय इतिहास के सबसे भयावह तूफानों में से एक “मेलिसा” की चपेट में है। इस तूफान ने पूरे देश में दहशत फैला दी है। प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने जनता से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा है कि यह तूफान “विनाशकारी परिणाम” ला सकता है। अमेरिकी नेशनल हरिकेन सेंटर (एनएचसी) ने इसे “कटरीना” और “मारिया” जैसे भयंकर तूफानों से भी अधिक खतरनाक बताया है। एनएचसी के अनुसार,मेलिसा ने मात्र 24 घंटे में खुद को कैटेगरी-5 हरिकेन के रूप में बदल लिया,जो किसी भी तूफान के लिए अत्यंत दुर्लभ और चिंताजनक घटना है।

शनिवार को जब यह तूफान समुद्र में सक्रिय हुआ,तब इसकी रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा थी,लेकिन अगले 24 घंटे के भीतर इसकी गति 225 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुँच गई और सोमवार तक यह 260 किलोमीटर प्रति घंटा के भयावह स्तर पर पहुँच गई। इस रफ्तार के साथ मेलिसा अब “कैटेगरी-5 हरिकेन” बन गया है,जो तूफानों की सबसे खतरनाक श्रेणी मानी जाती है। इस श्रेणी में हवा की रफ्तार 252 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे अधिक होती है,जो अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को तबाह कर सकती है। एनएचसी के निदेशक माइकल ब्रेनन ने बताया कि मेलिसा की अधिकतम गति 175 मील प्रति घंटा यानी करीब 280 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई,जिससे जमैका के तटीय इलाकों में व्यापक तबाही की आशंका है।

प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि देश एक “अभूतपूर्व संकट” का सामना कर रहा है। उन्होंने नागरिकों से घरों में रहने और सरकार के आदेशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा, “यह कोई साधारण तूफान नहीं है। इसकी ताकत हमारी कल्पना से कहीं अधिक है। कृपया अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। प्रशासन की ओर से जो भी निर्देश दिए जा रहे हैं,उनका कड़ाई से पालन करें।”

तूफान के प्रभाव से पहले ही जमैका में मौसम में तेजी से बदलाव देखा गया था। आसमान में काले बादल छा गए,हवाओं की गति लगातार बढ़ने लगी और समुद्र में ऊँची लहरें उठने लगीं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार,सोमवार शाम तक कई तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई थी। जमैका पब्लिक सर्विस (जेपीएस) के अनुसार,बीते 24 घंटे में करीब 52,000 उपभोक्ताओं को बिजली कटौती का सामना करना पड़ा है। बिजली की आपूर्ति बाधित होने से कई इलाकों में अँधेरा छा गया है और संचार व्यवस्था पर भी असर पड़ा है।

जमैका के स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को पुष्टि की कि तूफान की तैयारी के दौरान तीन लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम जनता से आग्रह करते हैं कि अत्यधिक सावधानी बरतें। छत पर चढ़ना,रेत की बोरियाँ लगाना या पेड़ काटना जैसे कार्य साधारण लग सकते हैं,लेकिन तेज हवाओं के बीच ये काम जानलेवा साबित हो सकते हैं। छोटी सी गलती गंभीर चोट या मौत का कारण बन सकती है।”

एनएचसी के विशेषज्ञों का कहना है कि मेलिसा की भयावहता इस बात से भी स्पष्ट है कि यह तूफान समुद्र में अत्यधिक गर्म तापमान और उच्च आर्द्रता के कारण इतनी तेज़ी से विकसित हुआ। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के चलते अब ऐसे भीषण तूफान बार-बार देखने को मिल सकते हैं। वर्ष 2025 में अब तक चार कैटेगरी-5 हरिकेन दर्ज किए जा चुके हैं,जो इस बात का संकेत है कि समुद्रों का बढ़ता तापमान वैश्विक आपदा की नई तस्वीर खींच रहा है।

मेलिसा का असर केवल जमैका तक सीमित नहीं रहा है। इसके चलते पड़ोसी देशों हैती और डोमिनिकन रिपब्लिक में भी भारी तबाही की खबरें आई हैं। हैती में कई तटीय गाँवों में समुद्री पानी घुस गया है,जबकि डोमिनिकन रिपब्लिक की राजधानी सैंटो डोमिंगो में एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है। सैकड़ों घरों को नुकसान पहुँचा है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। राहत और बचाव दल प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने में जुटे हुए हैं।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मंगलवार रात तक मेलिसा का प्रभाव क्यूबा में भी महसूस किया जाएगा और बुधवार तक यह बहामास में पहुँच सकता है। एनएचसी ने बहामास के लिए भी हरिकेन अलर्ट जारी कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तूफान धीरे-धीरे कमजोर होने से पहले क्यूबा और बहामास में भारी वर्षा और जानलेवा बाढ़ का कारण बन सकता है।

जमैका में फिलहाल स्थिति गंभीर बनी हुई है। कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए हैं,सड़कों पर मलबा जमा हो गया है और कई तटीय इलाकों में जलभराव के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। सरकार ने राहत कार्यों के लिए सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को तैनात कर दिया है। प्रधानमंत्री होलनेस ने कहा है कि सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि किसी भी नागरिक को आवश्यक सहायता से वंचित न रहना पड़े।

विशेषज्ञों के मुताबिक,कैटेगरी-5 तूफान के दौरान समुद्र में उठने वाली लहरें छह से आठ मीटर ऊँची हो सकती हैं,जो तटीय इलाकों में बड़े पैमाने पर बाढ़ का कारण बनती हैं। इस बार भी जमैका के दक्षिणी हिस्सों में समुद्री ज्वार की ऊँचाई सामान्य से चार गुना अधिक दर्ज की गई है। स्थानीय निवासियों को ऊँचे इलाकों में शरण लेने की सलाह दी गई है।

जमैका के नागरिकों में डर और अनिश्चितता का माहौल है। कई लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों की ओर जा रहे हैं। राजधानी किंग्सटन और मोंटेगो बे में प्रशासन ने अस्थायी शेल्टर बनाए हैं, जहाँ अब तक हजारों लोगों को शरण दी गई है। राहत एजेंसियों ने खाने-पीने की वस्तुएँ, दवाइयाँ और आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति बढ़ा दी है।

मेलिसा का यह कहर न केवल जमैका,बल्कि पूरे कैरेबियाई क्षेत्र के लिए चेतावनी है कि जलवायु परिवर्तन अब महज भविष्य का संकट नहीं,बल्कि वर्तमान की हकीकत बन चुका है। वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्रों का तापमान बढ़ने से तूफानों की तीव्रता और आवृत्ति दोनों में वृद्धि हो रही है। जमैका में इस समय जो भयावह दृश्य सामने हैं,वे वैश्विक समुदाय के लिए एक सख्त संदेश हैं कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए,तो आने वाले वर्षों में ऐसी प्राकृतिक आपदाएँ और भी विनाशकारी रूप ले सकती हैं।

फिलहाल,जमैका में आपातकालीन स्थिति बनी हुई है। प्रधानमंत्री होलनेस ने लोगों से संयम बरतने,एक-दूसरे की मदद करने और प्रशासन के साथ सहयोग बनाए रखने की अपील की है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक तूफान का असर पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता,तब तक कोई भी व्यक्ति घरों से बाहर न निकले। देश इस वक्त एक कठिन दौर से गुजर रहा है और पूरा विश्व जमैका की इस त्रासदी के समय में उसके साथ खड़ा है।