मुंबई,30 अक्टूबर (युआईटीवी)- मुंबई में आयोजित हो रहा इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 भारत के समुद्री क्षेत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय लिखने जा रहा है। इस बार इस कार्यक्रम की खासियत यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे। यह आयोजन न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के मैरीटाइम सेक्टर के लिए बेहद अहम माना जा रहा है,क्योंकि यह समुद्री व्यापार,शिपबिल्डिंग,तकनीकी नवाचार और वैश्विक साझेदारी के नए आयाम खोलने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से पहले ही प्रतिभागियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से आए सैकड़ों प्रतिनिधि और उद्योग जगत के दिग्गज इस आयोजन का हिस्सा बने हैं। कई प्रतिभागियों ने प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति को “प्रेरणादायक” और “ऐतिहासिक” बताया है।
सिंगापुर से आए एक प्रतिभागी चैतन्य ने कहा कि यह आयोजन अपनी भव्यता और पैमाने के कारण अद्वितीय है। उन्होंने बताया कि “यह देखकर बेहद खुशी होती है कि भारत जैसे तेजी से उभरते देश ने मैरीटाइम सेक्टर में इतनी बड़ी व्यवस्था की है। मैं सिंगापुर से हूँ और यहाँ की संगठन क्षमता और व्यवस्था देखकर हैरान हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन युवाओं के लिए बेहद प्रेरणादायक होगा। उनका विजन भारत को मैरीटाइम सेक्टर में वैश्विक अग्रणी बनाने का है और यह आयोजन उसी दिशा में एक ठोस कदम है।”
वहीं,कैप्टन इंद्रवीर सोलंकी ने कहा कि मैरीटाइम फैमिली खुद को भाग्यशाली महसूस कर रही है कि प्रधानमंत्री मोदी इस आयोजन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम बेहद गौरवान्वित हैं कि पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। पहली बार ऐसा हो रहा है कि भारत का प्रधानमंत्री इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट और संपूर्ण मैरीटाइम इंडस्ट्री को एक साथ वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने जा रहा है। मोदी सरकार के नेतृत्व में शिपबिल्डिंग और पोर्ट डेवलपमेंट सेक्टर में उल्लेखनीय तेजी आई है। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री का यह संबोधन इस क्षेत्र के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आएगा।”
एक अन्य प्रतिभागी कैप्टन सुदर्शन ने कहा कि इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 भारत के समुद्री विकास के लिए एक ऐतिहासिक अवसर साबित होगा। उन्होंने कहा,“प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति से इस आयोजन की अहमियत कई गुना बढ़ गई है। उनके नेतृत्व में भारत ने समुद्री क्षेत्र में कई नीतिगत सुधार किए हैं—चाहे वह ब्लू इकोनॉमी का विस्तार हो,स्मार्ट पोर्ट्स का निर्माण हो या इनलैंड वॉटरवेज के जरिए पर्यावरण-सुलभ परिवहन को बढ़ावा देना। अब यह कार्यक्रम भारत को एक ग्लोबल मैरीटाइम पावर के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।”
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ‘ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम’ की अध्यक्षता भी करेंगे। इसमें वे समुद्री क्षेत्र में भारत द्वारा किए गए सुधारों,निवेश के अवसरों और वैश्विक साझेदारी की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि फोरम में एशिया,यूरोप और अफ्रीका के कई देशों के शीर्ष सीईओ और उद्योग प्रतिनिधि शामिल होंगे,जो भारत के साथ सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
इंडिया मैरीटाइम वीक का उद्देश्य समुद्री उद्योग से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों—जैसे शिपिंग, पोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर,शिपबिल्डिंग,लॉजिस्टिक्स और ब्लू इकोनॉमी को एक ही मंच पर लाना है। इस आयोजन के जरिए भारत मैरीटाइम टेक्नोलॉजी में हुई नवीनतम प्रगतियों को प्रदर्शित कर रहा है। इसके अलावा,यह मंच दुनिया भर के विशेषज्ञों और नवप्रवर्तकों को जोड़ने का अवसर भी प्रदान कर रहा है,ताकि मैरीटाइम सेक्टर में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
कार्यक्रम के लिए मुंबई को चुना जाना भी अपने आप में प्रतीकात्मक है। भारत का यह प्रमुख बंदरगाह शहर लंबे समय से देश की समुद्री अर्थव्यवस्था का केंद्र रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘सागर मिशन’—क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन ) के तहत भारत ने समुद्री सुरक्षा, व्यापारिक कनेक्टिविटी और समुद्री संसाधनों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया है। इसी नीति के परिणामस्वरूप भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने पोर्ट नेटवर्क,लॉजिस्टिक चेन और शिपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाया है।
कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मैं 29 अक्टूबर को मुंबई में चल रहे इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 से जुड़े प्रोग्राम्स में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। मैं मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव का संबोधन करूँगा और ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम की अध्यक्षता भी करूँगा । यह आयोजन मैरीटाइम सेक्टर में सहयोग को बढ़ाने और भारत के सुधारों को साझा करने का एक शानदार मंच है।”
प्रधानमंत्री मोदी के इस संदेश के बाद से ही आयोजन स्थल पर तैयारियों में और तेजी आ गई है। अधिकारियों के अनुसार,यह कार्यक्रम भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा,जिसमें 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि,100 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ और हजारों डेलीगेट्स हिस्सा ले रहे हैं।
भारत का लक्ष्य है कि 2035 तक खुद को “ग्लोबल मैरीटाइम हब” के रूप में स्थापित करे। इस दिशा में मोदी सरकार ने ‘सागरमाला परियोजना’, ‘गति शक्ति योजना’ और ‘पोर्ट-लिंक्ड इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स’ जैसे कदम उठाए हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि पीएम मोदी के संबोधन के साथ इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 भारत की इस महत्वाकांक्षा को नया आयाम देगा और देश को ब्लू इकोनॉमी में विश्व का अग्रणी खिलाड़ी बनाएगा।
यह कहा जा सकता है कि मुंबई का यह सम्मेलन केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं,बल्कि भारत के भविष्य की समुद्री रणनीति का प्रतीक है,जहाँ विकास,तकनीक और वैश्विक सहयोग एक ही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

