डोनाल्ड ट्रम्प और शी जिनपिंग

ट्रंप-जिनपिंग बैठक से सुलझी व्यापारिक तनातनी: अमेरिका-चीन में हुआ सालाना समझौता,टैरिफ और फेंटेनाइल शुल्क पर बड़ी राहत

वाशिंगटन,31 अक्टूबर (युआईटीवी)- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एशिया दौरे के आखिरी पड़ाव पर हुई मुलाकात ने दोनों देशों के बीच चल रहे आर्थिक तनाव को एक नई दिशा दी है। लंबे समय से चले आ रहे व्यापारिक विवादों और टैरिफ संघर्ष के बीच यह बैठक एक सकारात्मक मोड़ लेकर आई है। दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और एक नए व्यापार समझौते पर सहमति जताई,जिसके तहत कई नीतिगत बदलावों की घोषणा भी की गई। ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में इसे “ऐतिहासिक और अत्यंत सफल बैठक” बताया।

ट्रंप एशिया दौरे के अंतिम चरण में चीन पहुँचे थे,जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। दक्षिण कोरिया से रवाना होने के बाद,एयर फोर्स वन में मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने बताया कि शी जिनपिंग के साथ उनकी बातचीत बेहद सकारात्मक रही और दोनों देशों के बीच एक वर्ष का व्यापार समझौता हुआ है। उन्होंने कहा, “हमने एक समझौता किया है। यह एक साल का समझौता है और हर साल इसकी समीक्षा और विस्तार किया जाएगा। मुझे लगता है कि यह लंबे समय तक चलेगा और दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा।”

ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने और शी जिनपिंग ने लगभग हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर सहमति बना ली है। इसमें सोयाबीन व्यापार,कृषि उत्पादों की खरीद और फेंटेनाइल से संबंधित शुल्क शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हमने उन सभी विषयों पर बात की,जिन पर आप लगातार चर्चा करते रहते हैं। बड़ी मात्रा में सोयाबीन और अन्य अमेरिकी कृषि उत्पादों की खरीद जल्द ही शुरू होगी। यह समझौता न सिर्फ किसानों के लिए राहत लेकर आएगा,बल्कि हमारे व्यापार संतुलन को भी मजबूत करेगा।”

ट्रंप ने अपनी मुलाकात को लेकर उत्साह प्रकट करते हुए कहा कि यह बैठक उम्मीद से कहीं अधिक उत्पादक रही। उन्होंने कहा, “अगर मैं इस बैठक को शून्य से दस के पैमाने पर रेट करूँ,तो मैं इसे बारह दूँगा। यह बेहद शानदार रही। शी जिनपिंग एक मजबूत और दूरदर्शी नेता हैं। हमने कई विषयों पर खुलकर बातचीत की और दोनों पक्षों ने समझदारी दिखाते हुए परस्पर सहयोग का रास्ता चुना।”

बैठक के दौरान टैरिफ को लेकर भी बड़ी प्रगति हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की कि चीन से आने वाले फेंटेनाइल पर लगाए गए शुल्क को घटाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं,मैंने पहले चीन में बनने वाले फेंटेनाइल पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया था,जो एक बड़ा शुल्क था। अब मैंने इसे घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू होगा।” ट्रंप के इस बयान को विशेषज्ञों ने अमेरिका और चीन के बीच भरोसे को बहाल करने वाला कदम बताया है।

फेंटेनाइल एक खतरनाक नशीला पदार्थ है,जिसकी तस्करी को लेकर अमेरिका लंबे समय से चीन पर आरोप लगाता रहा है। ट्रंप प्रशासन ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए पहले उच्च टैरिफ लगाया था,लेकिन अब इस रियायत से संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है।

इस बैठक का एक और महत्वपूर्ण पहलू रेयर अर्थ एलिमेंट्स (दुर्लभ पृथ्वी धातुओं) को लेकर बनी सहमति रही। चीन द्वारा पहले लगाए गए प्रतिबंधों के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया था,क्योंकि रेयर अर्थ एलिमेंट्स आधुनिक तकनीकी उत्पादों—जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों,बैटरियों और रक्षा प्रणालियों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। ट्रंप ने कहा, “रेयर अर्थ एलिमेंट्स से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान हो चुका है। अब कोई बाधा नहीं है। यह समझौता न केवल अमेरिका और चीन बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा। अब रेयर अर्थ की कमी या प्रतिबंध जैसी बातें हमारे शब्दकोश से कुछ समय के लिए गायब हो जाएँगी।”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अब अमेरिका रेयर अर्थ एलिमेंट्स की खरीद और उत्पादन बिना किसी रोक-टोक के जारी रख सकेगा। यह समझौता उन अमेरिकी कंपनियों के लिए राहत की खबर है,जो इन धातुओं पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा फैसला है,जो अमेरिकी टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए बड़ी जीत साबित होगा। इससे हमारी उत्पादन लागत घटेगी और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।”

विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता न केवल आर्थिक स्तर पर,बल्कि राजनीतिक रूप से भी अमेरिका-चीन संबंधों में नरमी का संकेत देता है। बीते कुछ वर्षों से दोनों देशों के बीच व्यापारिक युद्ध,प्रतिबंधों और टैरिफ नीतियों को लेकर तनाव बढ़ा था। परंतु ट्रंप और जिनपिंग की यह बैठक उस दिशा में एक सकारात्मक शुरुआत मानी जा रही है,जिससे वैश्विक बाजारों में स्थिरता की उम्मीद बढ़ी है।

इस समझौते से वैश्विक निवेशकों को भी राहत मिली है। वॉल स्ट्रीट से लेकर एशियाई बाजारों तक,ट्रंप-जिनपिंग बैठक की खबरों का सकारात्मक प्रभाव देखा गया। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर पड़ रहे दबाव में भी कमी आने की संभावना जताई जा रही है।

ट्रंप ने अपने बयान के अंत में कहा, “यह बैठक सिर्फ एक व्यापारिक समझौता नहीं है,बल्कि यह अमेरिका-चीन के बीच नए भरोसे की शुरुआत है। मुझे उम्मीद है कि यह समझौता आने वाले वर्षों में हमारे संबंधों को और मजबूत करेगा। शी जिनपिंग और मैंने मिलकर जो कदम उठाए हैं,वे वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।”

ट्रंप और जिनपिंग की यह बैठक एक ऐसे समय में हुई जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने उच्चतम स्तर पर था। ऐसे में यह समझौता न केवल दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए,बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक राहत भरा संकेत है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस समझौते के बाद वास्तविक व्यापारिक परिणाम कितनी तेजी से सामने आते हैं और क्या यह सहयोग लंबे समय तक कायम रह पाता है या नहीं।