चेन्नई,4 नवंबर (युआईटीवी)- तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुई एक भयावह घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। कोयंबटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास रविवार रात एक स्नातकोत्तर छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस जघन्य अपराध ने न केवल स्थानीय जनता,बल्कि पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया है। पुलिस ने मंगलवार सुबह एक विशेष अभियान चलाकर आरोपियों को पकड़ा,जिसके दौरान मुठभेड़ भी हुई और तीनों आरोपी घायल हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार,मदुरै की रहने वाली 21 वर्षीय पीड़िता कोयंबटूर के एक निजी कला महाविद्यालय में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की छात्रा है। वह शहर के एक निजी छात्रावास में रहती थी। रविवार की रात वह अपने एक दोस्त के साथ घूमने निकली थी। दोनों ने अपनी कार हवाई अड्डे के पीछे स्थित पृथ्वीवन नगर इलाके में खड़ी की और वहीं बातचीत करने लगे। रात लगभग 11 बजे तीन अज्ञात व्यक्ति वहाँ पहुँचे और दोनों को धमकाने लगे। जब उन्होंने कार से निकलने से इनकार किया और भागने की कोशिश की,तो आरोपियों ने खिड़की तोड़ दी और पीड़िता के दोस्त पर हमला कर दिया। हमले में युवक बेहोश होकर गिर पड़ा।
इसके बाद,तीनों आरोपी पीड़िता को चाकू की नोक पर पास के घने जंगल में घसीट ले गए और बारी-बारी से उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। यह भयावह घटना लगभग तीन घंटे तक चली। जब पीड़िता का दोस्त रात करीब 2 बजे होश में आया,तो उसने तत्काल आपातकालीन हेल्पलाइन पर कॉल करके पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर घायल युवक को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया और आसपास के क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया।
पुलिस ने देर रात से ही एक बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया। लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर उन्हें घने झाड़ियों के बीच गंभीर रूप से घायल अवस्था में पीड़िता मिली। उसे तुरंत कोयंबटूर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया,जहाँ उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है,हालाँकि वह गहरे मानसिक सदमे में है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पीलामेडु पुलिस ने एक विशेष जाँच टीम (एसआईटी) गठित की। इस टीम ने सात अलग-अलग उप-टीमें बनाईं,जो इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगालने और संदिग्धों के सुराग जुटाने में जुट गईं। पुलिस को सोमवार देर रात एक गुप्त सूचना मिली कि तीन संदिग्ध थुडियालुर इलाके में पट्टाथारसी अम्मन मंदिर के पास छिपे हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की और संदिग्धों को पकड़ने की कोशिश की।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक,जब अधिकारियों ने आरोपियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा,तो उन्होंने धारदार हथियार से पुलिस पर हमला कर दिया। हमले में कांस्टेबल चंद्रशेखर के बाएँ हाथ में चोट लगी। जवाबी कार्रवाई में पीलामेडु के इंस्पेक्टर अर्जुन और सरवनमपट्टी थाने के इंस्पेक्टर ज्ञानशेखरन ने गोलियाँ चलाईं,जिससे तीनों आरोपियों के पैर में गोली लगी। इसके बाद उन्हें काबू में कर लिया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच कोयंबटूर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुना,सतीश करुप्पासामी और कार्तिक कालीस्वरन के रूप में हुई है। तीनों मूल रूप से शिवगंगा जिले के रहने वाले हैं और पिछले कुछ वर्षों से कोयंबटूर के इरुकुर इलाके में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। जाँच में यह भी सामने आया कि करुप्पासामी और कालीस्वरन आपस में सगे भाई हैं। तीनों के खिलाफ पहले से ही हत्या,मारपीट और डकैती जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पुलिस के अनुसार,तीनों आरोपी पहले भी कई छोटे-मोटे अपराधों में संलिप्त रह चुके हैं और स्थानीय अपराधियों से संपर्क में थे। माना जा रहा है कि घटना के वक्त वे नशे में थे। फिलहाल,पुलिस ने उनके खिलाफ गैंगरेप,अपहरण,हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।
इस घटना के बाद तमिलनाडु में व्यापक आक्रोश फैल गया है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। कोयंबटूर और चेन्नई में महिला संगठनों और छात्र समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों को जल्द-से-जल्द सजा देने की माँग की। सोशल मीडिया पर भी इस जघन्य अपराध की तीखी आलोचना हो रही है। लोग सरकार और पुलिस प्रशासन से सख्त कदम उठाने की माँग कर रहे हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “यह न केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा है बल्कि समाज के नैतिक ताने-बाने पर भी गहरा आघात है।” उन्होंने राज्य पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है कि इस मामले की जाँच तेज की जाए और आरोपियों को जल्द-से-जल्द न्यायालय में पेश किया जाए। मुख्यमंत्री ने पीड़िता के परिवार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया।
वहीं,कोयंबटूर पुलिस आयुक्त ने कहा कि यह मामला ‘टॉप प्रायोरिटी’ पर है और आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी। उन्होंने बताया कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट और फॉरेंसिक सबूत पुलिस के कब्जे में हैं।
राज्य की महिला आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है और कहा है कि “ऐसे अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए,ताकि समाज में एक सशक्त संदेश जाए कि महिलाओं के खिलाफ अपराध किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
फिलहाल,पीड़िता अस्पताल में इलाजरत है और पुलिस लगातार उसके बयान दर्ज करने की तैयारी में है। पूरा तमिलनाडु आज इस घटना से दुखी और आक्रोशित है। हर कोई यही माँग कर रहा है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द-से-जल्द सजा दी जाए,ताकि किसी और बेटी को इस तरह के भयावह अनुभव से न गुजरना पड़े।
