अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@Arya909050)

अमेरिका में बढ़ते शटडाउन संकट के बीच ट्रंप प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला,एसएनएपी को मिलेगी आंशिक फंडिंग

वाशिंगटन,4 नवंबर (युआईटीवी)- अमेरिका में संघीय सरकार का शटडाउन अब 34वें दिन में प्रवेश कर चुका है और यह देश के इतिहास का सबसे लंबा सरकारी ठप पड़ाव बन गया है। इस बीच,राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए यह घोषणा की है कि पूरक पोषण सहायता कार्यक्रम (एसएनएपी) को आंशिक रूप से धन उपलब्ध कराया जाएगा। यह निर्णय उस समय लिया गया जब लाखों अमेरिकी परिवार,जो इस कार्यक्रम पर निर्भर हैं,अनिश्चितता और आर्थिक दबाव की स्थिति में पहुँच चुके हैं।

शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक बयान जारी किया,जिसमें उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि देश के नागरिक सिर्फ इसलिए भूख का सामना करें क्योंकि विपक्ष सरकार खोलने के फैसले पर सहमत नहीं हो रहा है। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने कानूनी सलाहकारों से अदालत से यह स्पष्ट करने को कहा है कि एसएनएपी को कानूनी रूप से जल्द-से-जल्द कैसे फंड किया जा सकता है। उनके अनुसार,यह निर्णय मानवीय दृष्टिकोण से आवश्यक है,ताकि लाखों अमेरिकी परिवारों को आवश्यक खाद्य सहायता मिल सके।

ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने सोमवार को अदालत में यह जानकारी दी कि 4.65 अरब डॉलर की आपात कोष राशि नवंबर महीने के एसएनएपी लाभों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। इस राशि से लगभग आधे पात्र परिवारों को मिलने वाली सहायता का 50 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो सकेगा। यह राहत उन परिवारों के लिए अस्थायी सहारा है,जिनकी आजीविका और खाद्य सुरक्षा शटडाउन के कारण प्रभावित हो रही थी।

यह फैसला पिछले शुक्रवार को रोड आइलैंड की एक अदालत के आदेश के बाद आया। अदालत ने कृषि विभाग को निर्देश दिया था कि वह उपलब्ध आपात कोष का उपयोग लाभार्थियों को भुगतान करने के लिए करे। अदालत का मानना था कि जरूरतमंद लोगों की सहायता रोकना संवैधानिक और नैतिक दोनों दृष्टि से अनुचित होगा। इसी दिन,मैसाचुसेट्स की एक अन्य अदालत ने भी केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि शटडाउन के कारण 1 नवंबर से एसएनएपी सहायता रोकने की योजना संभवतः गैरकानूनी है। हालाँकि,न्यायाधीश ने प्रशासन को धनराशि जारी करने का आदेश नहीं दिया,लेकिन इस फैसले ने ट्रंप प्रशासन पर मानवीय दबाव बढ़ा दिया।

ट्रंप प्रशासन ने पहले कहा था कि एसएनएपी के लिए उपलब्ध 5 से 6 बिलियन डॉलर की आपात राशि का कानूनी रूप से उपयोग संभव नहीं है,जबकि नवंबर महीने के लाभों के लिए कुल 8 बिलियन डॉलर से अधिक की आवश्यकता है। इस स्थिति में प्रशासन ने अदालतों के हस्तक्षेप के बाद आंशिक फंडिंग का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया। हालाँकि,यह व्यवस्था अस्थायी है,लेकिन यह लाखों अमेरिकी परिवारों को कुछ राहत प्रदान कर सकती है जो इस कार्यक्रम के माध्यम से भोजन खरीदने में सक्षम होते हैं।

एसएनएपी यानी पूरक पोषण सहायता कार्यक्रम, अमेरिका का सबसे बड़ा खाद्य सहायता कार्यक्रम है। यह लगभग 4.2 करोड़ अमेरिकी नागरिकों को भोजन खरीदने में मदद करता है। लाभार्थियों में अधिकतर वे लोग शामिल हैं,जो गरीबी रेखा पर या उससे नीचे जीवन यापन करते हैं—जैसे निम्न आय वाले परिवार,वरिष्ठ नागरिक और विकलांग व्यक्ति। शटडाउन की वजह से प्रशासनिक गतिविधियाँ प्रभावित होने के कारण एसएनएपी जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए फंडिंग पर संकट मंडरा रहा था।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर शटडाउन और लंबा खिंचता है,तो आने वाले महीनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। अमेरिका में कई राज्यों ने पहले ही चेतावनी दी है कि यदि फंडिंग नहीं मिलती है,तो वे एसएनएपी लाभार्थियों को सहायता जारी नहीं रख पाएँगे। कई गैर-लाभकारी संगठनों और फूड बैंक संस्थानों ने भी लोगों की मदद के लिए आपात योजनाएँ शुरू की हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार,ट्रंप प्रशासन का यह फैसला मानवीय दृष्टि से तो सही दिशा में कदम है,लेकिन इससे राजनीतिक विवाद और गहराएगा। डेमोक्रेटिक पार्टी का आरोप है कि शटडाउन की जड़ में राष्ट्रपति ट्रंप की जिद है,जो दक्षिणी सीमा पर दीवार निर्माण के लिए धन की मंजूरी से जुड़ी है। वहीं ट्रंप समर्थक इसे राष्ट्रपति की ‘जन-हितैषी’ छवि के रूप में देख रहे हैं,जिन्होंने कठिन हालात में भी गरीबों की मदद के लिए पहल की।

इस बीच,अमेरिकी कांग्रेस में गतिरोध अभी भी कायम है। सरकार के कई विभाग बंद हैं,हजारों सरकारी कर्मचारी वेतन के बिना काम कर रहे हैं या घरों में हैं। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि लंबे समय तक शटडाउन रहने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है।

फिलहाल ट्रंप प्रशासन की इस आंशिक फंडिंग से लाखों परिवारों को कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है,लेकिन यह समाधान स्थायी नहीं है। जब तक कांग्रेस और राष्ट्रपति के बीच समझौता नहीं होता,तब तक सरकारी कामकाज की बहाली और लोगों की पूर्ण राहत संभव नहीं लगती। इस राजनीतिक गतिरोध के बीच सबसे अधिक प्रभावित वे नागरिक हैं,जो हर महीने एसएनएपी के जरिए अपने बच्चों और परिवार के लिए भोजन जुटाते हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन और कांग्रेस इस मानवीय संकट का स्थायी समाधान खोज पाते हैं या नहीं।