अमेरिका में शटडाउन के कारण हजारों अमेरिकी उड़ानों में देरी(तस्वीर क्रेडिट@yadavsravana)

अमेरिका में 40वें दिन पहुँचा सरकारी शटडाउन: हवाई सेवाएँ चरमराईं,हजारों उड़ानें रद्द,अर्थव्यवस्था पर छाए संकट के बादल

वाशिंगटन,10 नवंबर (युआईटीवी)- अमेरिका में चल रहा सरकारी शटडाउन अब अपने 40वें दिन में पहुँच गया है और इसके असर से देश की अर्थव्यवस्था और जनजीवन दोनों बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। शटडाउन के कारण हवाई सेवाएँ बुरी तरह चरमरा गई हैं। देश भर में 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं,जबकि 8,000 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई है। उड़ानों की निगरानी करने वाली वेबसाइट फ्लाइट अवेयर के अनुसार,यह आँकड़े हर दिन तेजी से बढ़ते जा रहे हैं,क्योंकि विमानन विभाग ने शुक्रवार से उड़ानों में कटौती की नई नीति लागू कर दी है।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक,गुरुवार को जहाँ 202 उड़ानें रद्द हुई थीं,वहीं शुक्रवार को यह संख्या बढ़कर 1,025 तक पहुँच गई और शनिवार को रिकॉर्ड 1,566 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई,जब अमेरिकी विमानन विभाग ने स्टाफ की भारी कमी के चलते कुछ उड़ानों को रद्द करने और हवाई संचालन को सीमित करने का फैसला किया। शटडाउन के कारण बड़ी संख्या में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर छुट्टी पर चले गए हैं,जिससे बाकी कर्मचारियों पर काम का बोझ कई गुना बढ़ गया है।

अमेरिकी परिवहन विभाग और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने मिलकर यह निर्णय लिया है कि देश के 40 प्रमुख हवाईअड्डों पर उड़ानों की संख्या में लगभग 10 प्रतिशत की कमी की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य यह है कि जो सीमित स्टाफ वर्तमान में काम कर रहा है,उस पर अतिरिक्त दबाव न बढ़े और हवाई सुरक्षा मानकों से कोई समझौता न हो। हालाँकि,इसका सीधा असर देश की हवाई यात्रा प्रणाली पर पड़ा है। न्यूयॉर्क,शिकागो,लॉस एंजिल्स,अटलांटा और वॉशिंगटन डीसी जैसे बड़े शहरों के हवाईअड्डों पर उड़ानों में देरी और रद्द होने का सिलसिला जारी है।

परिवहन मंत्री सीन डफी ने रविवार को सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि स्थिति आने वाले दिनों में और खराब हो सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शटडाउन जल्द खत्म नहीं हुआ,तो थैंक्सगिविंग (अमेरिका का प्रमुख त्योहार) के अवसर पर हवाई यात्रा लगभग ठप हो सकती है। थैंक्सगिविंग अमेरिका का एक प्रमुख त्योहार है,जब लाखों लोग अपने परिवारों से मिलने के लिए यात्रा करते हैं। इसलिए यह समय हवाई यातायात के लिहाज से साल का सबसे व्यस्त मौसम होता है। डफी के अनुसार, “अगर स्थिति यही रही तो थैंक्सगिविंग से पहले उड़ानें रद्द करने की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी और इसका असर सीधे यात्रियों और अर्थव्यवस्था दोनों पर पड़ेगा।”

राष्ट्रीय आर्थिक परिषद (नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल) के निदेशक ने भी चेतावनी दी है कि यदि लोग थैंक्सगिविंग के दौरान यात्रा नहीं कर पाए,तो इसका गंभीर असर देश की आर्थिक वृद्धि दर पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि साल की चौथी तिमाही में उपभोक्ता खर्च और पर्यटन राजस्व में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर नकारात्मक असर होगा।

दरअसल,अमेरिकी सरकार के पास फिलहाल अपने खर्चों के लिए पर्याप्त बजटीय संसाधन नहीं हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए एक अस्थायी फंडिंग बिल प्रस्तावित किया गया था,ताकि सरकारी विभागों और एजेंसियों के संचालन को कुछ समय के लिए जारी रखा जा सके,लेकिन यह प्रस्ताव अमेरिकी सीनेट में फिलिबस्टर प्रक्रिया के कारण अटक गया है।

फिलिबस्टर अमेरिकी सीनेट की एक विशेष संसदीय प्रक्रिया है,जिसके तहत किसी विधेयक या प्रस्ताव पर बहस को जानबूझकर लंबा खींचकर मतदान को टाल दिया जाता है या रोक दिया जाता है। इस प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए 60 वोटों की आवश्यकता होती है,जबकि वर्तमान में रिपब्लिकन पार्टी के पास केवल 53 वोट हैं। इसलिए पार्टी इस प्रक्रिया को समाप्त नहीं कर पा रही है और न ही अस्थायी वित्त पोषण प्रस्ताव पारित कर पा रही है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि फिलिबस्टर प्रक्रिया अब लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली में बाधा बन चुकी है। उन्होंने संकेत दिए हैं कि वे इस प्रक्रिया को खत्म करने के लिए कदम उठा सकते हैं,ताकि फंडिंग और बजट से संबंधित प्रस्तावों को जल्द पास कराया जा सके। ट्रंप का कहना है कि “देश की सुरक्षा और विकास को राजनीतिक गतिरोध का शिकार नहीं बनना चाहिए।”

वर्तमान शटडाउन ने न केवल विमानन क्षेत्र को प्रभावित किया है,बल्कि हजारों सरकारी कर्मचारियों को भी बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिया गया है। कई सरकारी एजेंसियों के कार्यालय बंद पड़े हैं और बुनियादी सेवाएँ भी बाधित हो रही हैं। नागरिकों में बढ़ती परेशानी और राजनीतिक अस्थिरता ने ट्रंप प्रशासन पर दबाव बढ़ा दिया है कि वह शीघ्र कोई समाधान निकाले।

अगर आने वाले दिनों में कोई राजनीतिक सहमति नहीं बनती,तो यह शटडाउन अमेरिका के इतिहास का सबसे लंबा और सबसे महंगा शटडाउन साबित हो सकता है। फिलहाल अमेरिकी जनता की निगाहें व्हाइट हाउस और सीनेट पर टिकी हैं,जहाँ यह तय होगा कि क्या सरकार फिर से काम पर लौटेगी या देश को और गहरे संकट का सामना करना पड़ेगा।