काहिरा,10 नवंबर (युआईटीवी)- गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच वर्षों से जारी खूनी संघर्ष के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना के तहत हुआ युद्धविराम अब धीरे-धीरे स्थिरता की दिशा में बढ़ने की कोशिश कर रहा है। युद्धविराम लागू होने के बाद गाजा में शुरुआती पुनर्निर्माण और राहत कार्यों को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने के प्रयास तेज हो गए हैं। इसी क्रम में मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती और कतर के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी के बीच एक अहम बातचीत हुई,जिसमें दोनों नेताओं ने गाजा पट्टी में स्थायी शांति सुनिश्चित करने और मानवीय स्थिति को सुधारने के लिए संयुक्त प्रयासों को जारी रखने का संकल्प जताया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार,मिस्र के विदेश मंत्रालय ने इस बातचीत की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों नेताओं ने फोन पर गाजा की मौजूदा स्थिति,अमेरिकी शांति योजना की प्रगति और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान दोनों पक्षों ने स्पष्ट किया कि गाजा पट्टी में युद्धविराम को केवल अस्थायी राहत के रूप में नहीं,बल्कि दीर्घकालिक स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम माना जाना चाहिए।
मिस्र और कतर के नेताओं ने यह भी स्वीकार किया कि युद्धविराम के बाद सबसे बड़ी चुनौती पुनर्निर्माण कार्यों को गति देना और मानवीय सहायता को जरूरतमंदों तक पहुँचना है। हजारों परिवार युद्ध में अपने घर खो चुके हैं और बुनियादी ढाँचे के ध्वस्त होने से स्वास्थ्य सेवाएँ,शिक्षा और बिजली-पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। मिस्र और कतर ने वादा किया कि वे इस दिशा में आर्थिक और तकनीकी सहयोग बढ़ाएँगे,ताकि गाजा में सामान्य जीवन जल्द बहाल किया जा सके।
हालाँकि,बातचीत का केंद्र केवल राहत कार्यों तक सीमित नहीं रहा। दोनों नेताओं ने वेस्ट बैंक की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और इजरायल द्वारा अवैध बस्तियों के विस्तार तथा लगातार हो रहे उल्लंघनों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ न केवल क्षेत्र में तनाव को बढ़ाती हैं,बल्कि शांति की संभावनाओं को भी कमजोर करती हैं। मिस्र और कतर ने इस बात पर सहमति जताई कि जब तक इजरायल अपनी बस्तियों के विस्तार को नहीं रोकता,तब तक किसी स्थायी शांति की कल्पना करना कठिन है।
मिस्र और कतर के विदेश मंत्रियों ने यह भी रेखांकित किया कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी के बीच एकता बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी क्षेत्रों की भौगोलिक और राजनीतिक अखंडता तभी बरकरार रह सकती है,जब फिलिस्तीनी जनता अपने निर्णय स्वयं ले और आंतरिक एकता को बनाए रखे। दोनों देशों ने फिलिस्तीनी नेतृत्व से भी अपील की कि वे अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर क्षेत्र की स्थिरता और स्वतंत्रता की दिशा में काम करें।
बातचीत के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चल रही उस परामर्श प्रक्रिया पर भी विचार किया गया,जिसमें गाजा में अंतर्राष्ट्रीय बल की तैनाती पर चर्चा हो रही है। मिस्र और कतर दोनों का मानना है कि किसी भी अंतर्राष्ट्रीय बल की भूमिका और अधिकारों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए,ताकि भविष्य में किसी तरह का भ्रम या टकराव न हो। दोनों देशों ने इस बात पर भी जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय बल का प्राथमिक उद्देश्य केवल सुरक्षा बहाल करना नहीं,बल्कि पुनर्निर्माण और मानवीय सहायता को भी सुचारू रूप से आगे बढ़ाना होना चाहिए।
मिस्र और कतर दोनों ही देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के साथ मिलकर इस योजना के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाई है। मिस्र ने पारंपरिक रूप से गाजा संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है,जबकि कतर ने आर्थिक सहायता और मानवीय समर्थन के माध्यम से फिलिस्तीनी जनता की मदद की है। अब दोनों देश यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ट्रंप प्रशासन की इस शांति योजना के तहत युद्धविराम केवल कागज पर न रह जाए,बल्कि इसे जमीन पर भी सफलतापूर्वक लागू किया जाए।
इजरायल और हमास के बीच यह युद्धविराम 10 अक्टूबर को लागू हुआ था,जिसके लिए मिस्र,कतर,तुर्की और अमेरिका ने संयुक्त रूप से मध्यस्थता की थी। यह समझौता दो साल से जारी भीषण संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। ट्रंप की शांति योजना के अनुसार,गाजा की सुरक्षा जिम्मेदारी धीरे-धीरे इजरायली सेना से हटाकर एक अस्थायी अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल को सौंपी जाएगी।
वाशिंगटन इस स्थिरीकरण बल में मिस्र,संयुक्त अरब अमीरात,कतर,इंडोनेशिया,तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों की भागीदारी को लेकर परामर्श कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य यह है कि क्षेत्र में धीरे-धीरे स्थायित्व लाया जा सके और गाजा को पुनर्निर्माण की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
हालाँकि,अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के कई सदस्य इस योजना की सफलता को लेकर संशय में हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक इजरायल और फिलिस्तीन के बीच राजनीतिक समाधान नहीं निकलता,तब तक किसी भी युद्धविराम को स्थायी शांति में बदलना कठिन है। इसके बावजूद,मिस्र और कतर जैसे क्षेत्रीय शक्तियों की सक्रियता से उम्मीद जगी है कि यह संघर्षग्रस्त इलाका अब शांति और स्थायित्व की ओर कदम बढ़ा सकता है।
फिलहाल,गाजा में राहत कार्यों और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है। अमेरिकी प्रशासन ने संकेत दिया है कि वह मानवीय सहायता के लिए अतिरिक्त फंड जारी करेगा और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ मिलकर गाजा की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपाय करेगा। मिस्र और कतर की यह ताजा बातचीत इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है,जो भविष्य में मध्य पूर्व में स्थायी शांति की उम्मीद को और मजबूत कर सकती है।
