अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@Pranjal58816902)

भारत-अमेरिका के बीच नया व्यापार समझौता लगभग तैयार,ट्रंप बोले- “इस बार दोनों देशों को बराबरी का लाभ मिलेगा”

वाशिंगटन,11 नवंबर (युआईटीवी)- अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों में जल्द ही एक नया अध्याय जुड़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संकेत दिया कि भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है और बहुत जल्द उस पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। ट्रंप ने यह घोषणा भारत में अमेरिका के नए राजदूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान की,जिससे दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक और आर्थिक रिश्तों को नई मजबूती मिलती दिख रही है।

शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “हम भारत के साथ एक नया व्यापारिक समझौता कर रहे हैं,जो पहले से बिल्कुल अलग और अधिक संतुलित होगा। इस बार दोनों देशों को समान रूप से लाभ मिलेगा। समझौते पर लगभग सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बन चुकी है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर हस्ताक्षर हो जाएँगे।” ट्रंप के इस बयान को विशेषज्ञ दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में बड़ा कदम मान रहे हैं,खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका चीन पर निर्भरता कम करने की नीति पर काम कर रहा है और भारत को उसके संभावित आर्थिक साझेदार के रूप में देख रहा है।

ट्रंप ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “मेरे और प्रधानमंत्री मोदी के बीच शानदार समझ है। वे न केवल एक सशक्त नेता हैं,बल्कि एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने देश के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहे हैं। भारत,अमेरिका का बेहद महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय साझेदार है और दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम खुल रहे हैं।”

राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक बताते हुए कहा कि भारत आज वैश्विक मंच पर तेजी से उभर रही शक्ति है। उन्होंने कहा कि सर्जियो गोर जैसे अनुभवी और ऊर्जावान व्यक्ति को भारत में अमेरिका का प्रतिनिधि बनाना दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगा। ट्रंप ने यह भी बताया कि सर्जियो पहले से ही प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे व्यक्तिगत संबंध रखते हैं,जो राजनयिक स्तर पर सहयोग को और सहज बनाएँगे।

समारोह में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने सर्जियो गोर को शपथ दिलाई। इस अवसर पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और वे दोनों ही भारत को बहुत पसंद करते हैं और भारत-अमेरिका साझेदारी को भविष्य की वैश्विक स्थिरता के लिए अहम मानते हैं। उन्होंने गोर को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि उनकी नियुक्ति भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक व आर्थिक रिश्तों को नई ऊँचाई पर ले जाएगी।

38 वर्षीय सर्जियो गोर इस पद पर नियुक्त होने वाले अब तक के सबसे युवा अमेरिकी राजदूत हैं। गोर लंबे समय से ट्रंप के करीबी सहयोगी माने जाते हैं और उन्होंने ट्रंप प्रशासन के दौरान कई अहम जिम्मेदारियाँ संभाली हैं। राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ सर्जियो ने अपने करियर की शुरुआत अमेरिकी सीनेट में की थी और बाद में रिपब्लिकन पार्टी के प्रचार अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई।

शपथ ग्रहण के बाद सर्जियो गोर ने राष्ट्रपति ट्रंप का धन्यवाद करते हुए कहा, “यह मेरे जीवन का अविश्वसनीय सम्मान है कि मुझे भारत जैसे महान देश में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिल रहा है। मैं वर्षों से आपके साथ रहा हूँ और आगे भी रहूँगा । मेरा प्रयास रहेगा कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते पहले से कहीं अधिक मजबूत और बहुआयामी हों।” उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार,तकनीकी सहयोग,रक्षा साझेदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं,जिन्हें वे और अधिक गहराई से विकसित करना चाहते हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप के इस बयान से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि उनकी सरकार भारत के साथ आर्थिक संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता न केवल दोनों देशों के व्यापार को नई दिशा देगा,बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका को भी मजबूत करेगा। वर्तमान में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और 2024 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 190 अरब डॉलर के आँकड़ें को पार कर चुका है।

ट्रंप प्रशासन का मानना है कि नए समझौते से अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश के अधिक अवसर मिलेंगे और भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार तक आसान पहुँच मिलेगी। वहीं भारत के लिए यह समझौता तकनीकी सहयोग और रक्षा क्षेत्र में अमेरिकी समर्थन को बढ़ावा देगा।

अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है कि यह समझौता ऐसे समय में आ रहा है,जब वैश्विक स्तर पर संरक्षणवाद बढ़ रहा है और बहुपक्षीय व्यापार ढाँचा कमजोर हो रहा है। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच यह द्विपक्षीय समझौता वैश्विक व्यापार के लिए सकारात्मक संदेश देगा।

ट्रंप की इस घोषणा ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार एशिया में भारत को एक स्थिर और विश्वसनीय साझेदार के रूप में देखती है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह ऐतिहासिक व्यापार समझौता कब आधिकारिक रूप से हस्ताक्षरित होता है,क्योंकि इसके बाद भारत-अमेरिका संबंध एक नए युग में प्रवेश करने वाले हैं।